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पट्टे की जमीन बेचने का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, राजस्व सचिव से मांगा जवाब

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Published : Feb 18, 2020, 11:28 PM IST

कब्जादारों को भूमि का मालिकाना हक देने के बाद पट्टे की भूमि को बेचने के मामले में हाईकोर्ट ने राजस्व सचिव से एक सप्ताह में जवाब मांगा है.

Nainital High Court News
नैनीताल हाईकोर्ट

नैनीताल: उत्तराखंड में पट्टे की भूमि पर काबिज कब्जादारों को भूमि का मालिकाना हक देने के बाद पट्टे की भूमि को बेचने का मामला नैनीताल हाईकोर्ट के पास पहुंच गया है. मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश रमेश चंद खुल्बे की खंडपीठ ने राजस्व सचिव को एक सप्ताह के भीतर अपना विस्तृत जवाब हाई कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

बता दें कि देहरादून निवासी सुरभि सक्सेना ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार द्वारा 2012 से अब तक सरकारी आदेश जारी कर पट्टे की भूमि खेती के लिए बड़े पैमाने पर दी गई. लेकिन कई स्थानों पर पट्टाधारों के द्वारा भूमि अपने नाम पर करवा कर सरकारी भूमि का दुरुपयोग करते हुए उसे बेच दिया गया. वहीं राज्य सरकार द्वारा इन कब्जेदारों से वर्ष 2000 के आधार पर सर्किल रेट लिए गए हैं, जो गलत है.

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लिहाजा, सरकार द्वारा की जा रही भूमि हस्तांतरण पर रोक लगाई जाए. मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने मामले में प्रदेश के राजस्व सचिव समेत राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए एक सप्ताह के भीतर अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं. वहीं अब मामले की अगली सुनवाई आगामी सोमवार को होगी.

नैनीताल: उत्तराखंड में पट्टे की भूमि पर काबिज कब्जादारों को भूमि का मालिकाना हक देने के बाद पट्टे की भूमि को बेचने का मामला नैनीताल हाईकोर्ट के पास पहुंच गया है. मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश रमेश चंद खुल्बे की खंडपीठ ने राजस्व सचिव को एक सप्ताह के भीतर अपना विस्तृत जवाब हाई कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

बता दें कि देहरादून निवासी सुरभि सक्सेना ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार द्वारा 2012 से अब तक सरकारी आदेश जारी कर पट्टे की भूमि खेती के लिए बड़े पैमाने पर दी गई. लेकिन कई स्थानों पर पट्टाधारों के द्वारा भूमि अपने नाम पर करवा कर सरकारी भूमि का दुरुपयोग करते हुए उसे बेच दिया गया. वहीं राज्य सरकार द्वारा इन कब्जेदारों से वर्ष 2000 के आधार पर सर्किल रेट लिए गए हैं, जो गलत है.

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लिहाजा, सरकार द्वारा की जा रही भूमि हस्तांतरण पर रोक लगाई जाए. मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने मामले में प्रदेश के राजस्व सचिव समेत राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए एक सप्ताह के भीतर अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं. वहीं अब मामले की अगली सुनवाई आगामी सोमवार को होगी.

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