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चमोली के वन भूमि पर अवैध खनन का मामला, HC ने DM-DFO को जारी किया नोटिस - Mining on forest department land

Case of illegal mining on forest land of Chamoli चमोली में वन विभाग की भूमि पर खनन के मामले में हाईकोर्ट ने डीएम-डीएफओ को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने खनन पर 6 महीने तक रोक दी है.

Uttarakhand High Court
उत्तराखंड हाईकोर्ट
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 9, 2023, 10:42 PM IST

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चमोली जिले के तड़ागताल वन भूमि क्षेत्र में, वन विभाग नियमावली 1984 के विरुद्ध भारी मशीनों के द्वारा मानकों को दरकिनार कर किए जा रहे अवैध खड़िया खनन के मामले पर सुनवाई की. हाईकोर्ट ने मामले को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए फिलहाल 6 महीने के लिए खनन पर रोक लगा दी है.

मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य प्रदूषण बोर्ड, डीएफओ चमोली, जिलाधिकारी चमोली को नोटिस जारी कर 14 अप्रैल 2024 तक जवाब पेश करने को कहा है. कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि अभी तक पूर्व के आदेश पर क्या कार्रवाई हुई? कोर्ट की खंडपीठ ने तब तक भारी मशीनों से अवैध खड़िया खनन पर रोक लगा दी है.
ये भी पढ़ेंः बागेश्वर में अवैध खड़िया खनन पर लगी रोक जारी, HC ने सरकार से मांगा शपथ पत्र

मामले के मुताबिक, चमोली निवासी प्रकाश सिंह ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि चमोली के तड़ागताल झील से लगे वन क्षेत्र में बेनाप भूमि को राज्य सरकार द्वारा बिना केंद्र सरकार की अनुमति के खनन के लिए दे दिया गया है. जबकि सुप्रीम कोर्ट के नियमों के अनुसार बेनाप भूमि को किसी को खनन के लिए नहीं दिया जा सकता है. याचिकाकर्ता का कहना है कि यहां हो रहे अवैध खनन से तड़ागताल झील सहित पर्यावरण को खतरा उत्पन्न हो गया है. याचिका में राज्य सरकार द्वारा बेनाप भूमि में दिए गए खनन पट्टे पर रोक लगाने की मांग की है.

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चमोली जिले के तड़ागताल वन भूमि क्षेत्र में, वन विभाग नियमावली 1984 के विरुद्ध भारी मशीनों के द्वारा मानकों को दरकिनार कर किए जा रहे अवैध खड़िया खनन के मामले पर सुनवाई की. हाईकोर्ट ने मामले को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए फिलहाल 6 महीने के लिए खनन पर रोक लगा दी है.

मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य प्रदूषण बोर्ड, डीएफओ चमोली, जिलाधिकारी चमोली को नोटिस जारी कर 14 अप्रैल 2024 तक जवाब पेश करने को कहा है. कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि अभी तक पूर्व के आदेश पर क्या कार्रवाई हुई? कोर्ट की खंडपीठ ने तब तक भारी मशीनों से अवैध खड़िया खनन पर रोक लगा दी है.
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मामले के मुताबिक, चमोली निवासी प्रकाश सिंह ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि चमोली के तड़ागताल झील से लगे वन क्षेत्र में बेनाप भूमि को राज्य सरकार द्वारा बिना केंद्र सरकार की अनुमति के खनन के लिए दे दिया गया है. जबकि सुप्रीम कोर्ट के नियमों के अनुसार बेनाप भूमि को किसी को खनन के लिए नहीं दिया जा सकता है. याचिकाकर्ता का कहना है कि यहां हो रहे अवैध खनन से तड़ागताल झील सहित पर्यावरण को खतरा उत्पन्न हो गया है. याचिका में राज्य सरकार द्वारा बेनाप भूमि में दिए गए खनन पट्टे पर रोक लगाने की मांग की है.

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