नैनीताल: हाईकोर्ट ने जैन बिष्ट देवाल जिला चमोली में स्कूल की सुरक्षा दीवार पूर्व में बनी डीपीआर के अनुसार नहीं बनाए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने सरकार से तीन सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा. साथ ही पूर्व के आदेश के क्रम में आज सरकार ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि स्कूल की दीवार का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है. जांच भी की जा चुकी है. जिस पर कोर्ट ने तीन सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी.
मामले के अनुसार आनंद सिंह निवासी लोसारी देवाल जिला चमोली ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि ग्राम लोसारी के जैन बिष्ट हाईस्कूल की सुरक्षा दीवार 2019 में आई आपदा के दौरान बह गयी थी. इस सुरक्षा दीवार को बनाने के लिए सरकार ने 151 लाख रुपये स्वीकृत किये. जिसे बनाने का जिम्मा सिंचाई विभाग को दिया गया. इस दीवार को बनाने के लिए सिंचाई विभाग व अभिभावकों के बीच एक समझौता हुआ. जिसके बाद एक डीपीआर बनाई गई.
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दीवार का कार्य प्रारंभ होने पर विभाग व ठेकेदार द्वारा डीपीआर के अनुरूप दीवार नहीं बनाई जा रही है. जिससे अभिभावकों के आक्रोश उत्पन्न हो रहा है. अभिभावकों ने इस सम्बन्ध में जिला अधिकारी चमोली को 19 फरवरी 22 को प्रत्यावेदन दिया. जिला अधिकारी ने उपजिला अधिकारी थराली से इसमें जांच करने को कहा. पर अभी तक उपजिला अधिकारी ने इस मामले पर कोई जांच नहीं की. जनहित याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि सुरक्षा दीवार का निर्माण पूर्व में जारी डीपीआर के अनुसार करवाया जाए.
वहीं, हाईकोर्ट ने समूचे उत्तराखंड सहित नैनीताल शहर में बंदरो व कुत्तों के बढ़ते आंतक से निजात दिलाने के लिए दायर जनहित याचिका पर भी सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने नगर पालिका नैनीताल को पक्षकार बनाते हुए पालिका से शहर में आवारा कुत्तों सहित बधियाकरण किए गए स्वानों की संख्या सहित डॉग बाइट लोगों की रिपोर्ट पेश करने को कहा. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि राज्य की सभी नगर पालिकाओं व ग्राम पंचायतों से इस तरह की रिपोर्ट 21 सितम्बर तक कोर्ट में पेश करें. मामले की सुनवाई के किए कोर्ट ने 21 सितंबर की तारिख तय की है.