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मानव वन्य जीव संघर्ष को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई, HC ने सरकार से मांगा जवाब - मानव वन्य जीव संघर्ष को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की. याचिकाकर्ता ने अपनी जनहित याचिका में कहा है कि प्रदेश के पर्वतीय जिलों में मानव वन्य जीवों का संघर्ष (human wildlife conflict in uttarakhand) बढ़ता ही जा रहा है. प्रदेश के कई जिले इससे प्रभावित हो रहे हैं.

hearing on the petition filed regarding human wildlife conflict in nainital HC
मानव वन्य जीव संघर्ष को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई
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Published : May 22, 2022, 7:49 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पर्वतीय क्षेत्रों में बढ़ते मानव वन्यजीव संघर्ष (human wildlife conflict in uttarakhand) और तेंदुओं के हमले को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. इस मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने सरकार से इस मामले में चार सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है. इस मामले को देहरादून के अनु पंत की ओर से चुनौती दी गई है.

बीते शनिवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की. याचिकाकर्ता ने अपनी जनहित याचिका में कहा है कि प्रदेश के पर्वतीय जिलों में मानव वन्य जीवों का संघर्ष बढ़ता ही जा रहा है. प्रदेश के कई जिले इससे प्रभावित हो रहे हैं. आये दिन मानव इन जंगली जानवरों के शिकार हो रहे हैं. खासकर मानवों पर तेंदुए के हमले बढ़ते जा रहे हैं. लगभग प्रत्येक वर्ष औसतन 60 लोग तेंदुओं के हमले में मारे जाते हैं.

पढ़ें- आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व आयकर आयुक्त श्वेताभ सुमन ने किया सरेंडर, भेजे गए हरिद्वार जेल

याचिका में बताया गया है कि पर्वतीय जिलों में साल 2020 में तेंदुए के हमले में 30 लोग मारे गये थे, जबकि 85 लोग घायल हुए थे. याचिकाकर्ता की ओर से आगे कहा गया है कि इससे पहाड़ों में पलायन भी बढ़ रहा है. पलायन आयोग ने भी माना है कि साल 2016 में 6 प्रतिशत लोग पलायन को मजबूर हुए हैं.

याचिकाकर्ता की ओर से मांग की गई है कि एक कमेटी का गठन किया जाय और कमेटी इसका अध्ययन कर इस मामले का समाधान निकाले. साथ ही आवासीय क्षेत्रों व जंगलों के बीच में तारबाड़ लगाई जाए. कैमरा टेपिंग व तेंदुओं पर रेडियो कॉलर लगाए जाएं. साथ ही सरकार एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी करें. जिससे आपात स्थिति से निपटने में सहयोग मिल सके. फिलहाल, कोर्ट ने सरकार से इस समस्या कर समाधान के लिए राज्य सरकार से दिशा निर्देश मांगे हैं.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पर्वतीय क्षेत्रों में बढ़ते मानव वन्यजीव संघर्ष (human wildlife conflict in uttarakhand) और तेंदुओं के हमले को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. इस मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने सरकार से इस मामले में चार सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है. इस मामले को देहरादून के अनु पंत की ओर से चुनौती दी गई है.

बीते शनिवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की. याचिकाकर्ता ने अपनी जनहित याचिका में कहा है कि प्रदेश के पर्वतीय जिलों में मानव वन्य जीवों का संघर्ष बढ़ता ही जा रहा है. प्रदेश के कई जिले इससे प्रभावित हो रहे हैं. आये दिन मानव इन जंगली जानवरों के शिकार हो रहे हैं. खासकर मानवों पर तेंदुए के हमले बढ़ते जा रहे हैं. लगभग प्रत्येक वर्ष औसतन 60 लोग तेंदुओं के हमले में मारे जाते हैं.

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याचिका में बताया गया है कि पर्वतीय जिलों में साल 2020 में तेंदुए के हमले में 30 लोग मारे गये थे, जबकि 85 लोग घायल हुए थे. याचिकाकर्ता की ओर से आगे कहा गया है कि इससे पहाड़ों में पलायन भी बढ़ रहा है. पलायन आयोग ने भी माना है कि साल 2016 में 6 प्रतिशत लोग पलायन को मजबूर हुए हैं.

याचिकाकर्ता की ओर से मांग की गई है कि एक कमेटी का गठन किया जाय और कमेटी इसका अध्ययन कर इस मामले का समाधान निकाले. साथ ही आवासीय क्षेत्रों व जंगलों के बीच में तारबाड़ लगाई जाए. कैमरा टेपिंग व तेंदुओं पर रेडियो कॉलर लगाए जाएं. साथ ही सरकार एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी करें. जिससे आपात स्थिति से निपटने में सहयोग मिल सके. फिलहाल, कोर्ट ने सरकार से इस समस्या कर समाधान के लिए राज्य सरकार से दिशा निर्देश मांगे हैं.

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