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हाईकोर्ट में हुई लक्सर बाढ़ प्रभावितों पर सुनवाई, याचिकाकर्ता से 10 दिन में मांगा शपथपत्र - लक्सर बाढ़ प्रभावित मामले पर हाईकोर्ट में सुनवाई

उत्तराखंड हाईकोर्ट में लक्सर बाढ़ प्रभावितों के मामले पर सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से 10 दिन के भीतर शपथपत्र पेश करने के लिए कहा है. मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी.

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Published : Aug 7, 2023, 6:43 PM IST

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार के लक्सर में बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री दिलाए जाने को लेकर उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के पत्र का स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता से दस दिन के भीतर शपथपत्र पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर की तिथि नियत की है.

सोमवार को सुनवाई पर याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि अभी भी लक्सर के मुख्य बाजार में अतिक्रमण होने के कारण दो फीट पानी भरा हुआ है. इसवजह से पानी की निकासी नहीं हो पा रही है इस पर कोर्ट ने उनसे दस दिन के भीतर शपथपत्र पेश करने को कहा है.

मामले के मुताबिक, अधिवक्ता सुभर रस्तोगी ने उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डीसीएस रावत, सचिव सौरभ अधिकारी व अन्य को फोनकर बताया कि लक्सर में बाढ़ आने से उनके क्षेत्र में पानी भर गया है. इस वजह से दूध, पीने का पानी व भोजन की समस्या उत्पन्न हो गई है. इसलिए बार एसोसिएशन इस समस्या को मुख्य न्यायाधीश के सम्मुख रखें. इस समस्या को मुख्य न्यायाधीश ने स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई की.
ये भी पढ़ेंः लक्सर बाढ़ प्रभावितों का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, पालिका और SDM से 10 दिन में मांगी रिपोर्ट

अधिवक्ता रस्तोगी व शक्ति प्रताप सिंह ने कोर्ट को अवगत कराया कि लक्सर में चार फीट तक पानी भर गया था, जिसकी वजह से दूध, पानी व भोजन की समस्या उत्पन्न हो गई. पानी भरने से गलियों में सांप, घड़ियाल गलियों में आने लगे. बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री तक नहीं मिल पा रही है. जो भोजन कैंप लगाए गए हैं, उनमें बासी भोजन दिया जा रहा है. उन्होंने कोर्ट से प्रार्थना करते हुए कहा कि बाढ़ पीड़ितों को जरूरी सुविधाएं शीघ्र उपलब्ध कराई जाए.

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार के लक्सर में बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री दिलाए जाने को लेकर उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के पत्र का स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता से दस दिन के भीतर शपथपत्र पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर की तिथि नियत की है.

सोमवार को सुनवाई पर याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि अभी भी लक्सर के मुख्य बाजार में अतिक्रमण होने के कारण दो फीट पानी भरा हुआ है. इसवजह से पानी की निकासी नहीं हो पा रही है इस पर कोर्ट ने उनसे दस दिन के भीतर शपथपत्र पेश करने को कहा है.

मामले के मुताबिक, अधिवक्ता सुभर रस्तोगी ने उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डीसीएस रावत, सचिव सौरभ अधिकारी व अन्य को फोनकर बताया कि लक्सर में बाढ़ आने से उनके क्षेत्र में पानी भर गया है. इस वजह से दूध, पीने का पानी व भोजन की समस्या उत्पन्न हो गई है. इसलिए बार एसोसिएशन इस समस्या को मुख्य न्यायाधीश के सम्मुख रखें. इस समस्या को मुख्य न्यायाधीश ने स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई की.
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अधिवक्ता रस्तोगी व शक्ति प्रताप सिंह ने कोर्ट को अवगत कराया कि लक्सर में चार फीट तक पानी भर गया था, जिसकी वजह से दूध, पानी व भोजन की समस्या उत्पन्न हो गई. पानी भरने से गलियों में सांप, घड़ियाल गलियों में आने लगे. बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री तक नहीं मिल पा रही है. जो भोजन कैंप लगाए गए हैं, उनमें बासी भोजन दिया जा रहा है. उन्होंने कोर्ट से प्रार्थना करते हुए कहा कि बाढ़ पीड़ितों को जरूरी सुविधाएं शीघ्र उपलब्ध कराई जाए.

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