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कोटद्वार के सिद्धबली स्टोन क्रशर पर HC में हुई सुनवाई, प्रतिबंधित क्षेत्र में लगाने का है आरोप

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Published : Mar 11, 2022, 4:05 PM IST

पौड़ी जिले के कोटद्वार में सिद्धबली स्टोन क्रशर के खिलाफ एक जनहित याचिका उत्तराखंड हाईकोर्ट में दायर की गई थी, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई हुई.

Nainital High Court
Nainital High Court

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पौड़ी जिले के कोटद्वार में माइनिंग पॉलिसी के खिलाफ स्थापित सिद्धबली स्टोन क्रशर को हटाए जाने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद अगली सुनवाई हेतु 23 मार्च की तिथि नियत की है. मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खण्डपीठ में हुई.

मामले के अनुसार कोटद्वार निवासी देवेंद्र सिंह अधिकारी ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. याचिका में उन्होंने कहा था कि कोटद्वार में राजाजी नेशनल पार्क के रिजर्व फॉरेस्ट में सिद्धबली स्टोन क्रशर लगाया है, लेकिन यह स्टोन क्रशर सुप्रीम कोर्ट से जारी गाइड लाइनों के मानकों को पूरा नहीं करता है.
पढ़ें- केंद्रीय पर्यवेक्षक विधानमंडल दल की बैठक के बाद तय करेंगे कौन होगा CM, मैं साधारण कार्यकर्ता- कौशिक

देवेंद्र सिंह के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने अपनी गाइड लाइन में साफ कहा है कि कोई भी स्टोन क्रशर नेशनल पार्कों के 10 किलोमीटर एरियल डिस्टेंस के भीतर स्थापित नहीं किया जा सकता है, जबकि यह स्टोन क्रेशर साढ़े छह किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.

इस मामले में सरकार ने पूर्व में कोर्ट को जो रिपोर्ट पेश की थी, उसके मुताबिक यह स्टोन क्रशर सड़क से 13 किलोमीटर दूर है, जिसका याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने विरोध किया है. उन्होंने कोर्ट को बताया था कि दूरी मापने के लिए एरियल डिस्टेंस है न कि सड़क से. सरकार ने इसे सड़क मार्ग से मापा है जो गलत है. सिद्धबली स्टोन क्रशर पीसीबी के मानकों को भी पूरा नहीं करता है. यहां स्टोन क्रशर स्थापित करने से क्षेत्र के साथ-साथ वन्यजीव भी प्रभावित हो रहे हैं, लिहाजा इसको हटाया जाए या इसके संचालन पर रोक लगाई जाये.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पौड़ी जिले के कोटद्वार में माइनिंग पॉलिसी के खिलाफ स्थापित सिद्धबली स्टोन क्रशर को हटाए जाने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद अगली सुनवाई हेतु 23 मार्च की तिथि नियत की है. मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खण्डपीठ में हुई.

मामले के अनुसार कोटद्वार निवासी देवेंद्र सिंह अधिकारी ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. याचिका में उन्होंने कहा था कि कोटद्वार में राजाजी नेशनल पार्क के रिजर्व फॉरेस्ट में सिद्धबली स्टोन क्रशर लगाया है, लेकिन यह स्टोन क्रशर सुप्रीम कोर्ट से जारी गाइड लाइनों के मानकों को पूरा नहीं करता है.
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देवेंद्र सिंह के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने अपनी गाइड लाइन में साफ कहा है कि कोई भी स्टोन क्रशर नेशनल पार्कों के 10 किलोमीटर एरियल डिस्टेंस के भीतर स्थापित नहीं किया जा सकता है, जबकि यह स्टोन क्रेशर साढ़े छह किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.

इस मामले में सरकार ने पूर्व में कोर्ट को जो रिपोर्ट पेश की थी, उसके मुताबिक यह स्टोन क्रशर सड़क से 13 किलोमीटर दूर है, जिसका याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने विरोध किया है. उन्होंने कोर्ट को बताया था कि दूरी मापने के लिए एरियल डिस्टेंस है न कि सड़क से. सरकार ने इसे सड़क मार्ग से मापा है जो गलत है. सिद्धबली स्टोन क्रशर पीसीबी के मानकों को भी पूरा नहीं करता है. यहां स्टोन क्रशर स्थापित करने से क्षेत्र के साथ-साथ वन्यजीव भी प्रभावित हो रहे हैं, लिहाजा इसको हटाया जाए या इसके संचालन पर रोक लगाई जाये.

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