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उत्तराखंड में अभियोजन अधिकारियों की कमी मामले पर HC में सुनवाई - examination of prosecuting officers

प्रदेश की कोर्ट में अधिकारियों की कमी (Shortage of prosecuting officers in Uttarakhand) के मामले पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से 10 जनवरी तक विस्तृत जवाब देने को कहा है. साथ ही मुख्य सचिव, गृह सचिव को भी मामले में पार्टी बनाने के निर्देश दिये हैं.

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उत्तराखंड में अभियोजन अधिकारियों की कमी मामले पर HC में सुनवाई
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Published : Jan 2, 2023, 8:43 PM IST

नैनीताल: हाईकोर्ट (Nainital High Court) ने प्रदेश में अभियोजन अधिकारियों की कमी (Shortage of prosecuting officers in Uttarakhand) को लेकर स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने सरकार से 10 जनवरी तक विस्तृत विवरण के साथ जवाब पेश करने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने मुख्य सचिव, गृह सचिव, निदेशक (अभियोजन) एवं पब्लिक सर्विस कमीशन को पक्षकार बनाने के निर्देश भी दिये हैं. मामले की अगली सुनवाई 10 जनवरी को होगी.

इस मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी ने देहरादून के डिस्ट्रिक्ट जज के पत्र का स्वतः संज्ञान लेकर इसे जनहित याचिका के रूप में तब्दील किया है. जिला जज के पत्र में कहा गया कि देहरादून में जिला अदालत में अभियोजन अधिकारियों की कमी है. जिससे अदालत की कार्यवाही प्रभावित हो रही है.

पढे़ं- धामी सरकार का बड़ा फैसला, 1800 गांवों में पटवारी स‍िस्‍टम खत्म

सरकार की ओर से कहा गया कि अभी अभियोजन अधिकारियों की परीक्षा (examination of prosecuting officers) एवं इंटरव्यू की प्रक्रिया गतिमान हैं. उसके बाद ही यह कमी दूर हो जाएगी. जिस पर कोर्ट ने सरकार से विस्तृत विवरण के साथ जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं. इस मामले की अगली सुनवाई 10 जनवरी को होगी.

नैनीताल: हाईकोर्ट (Nainital High Court) ने प्रदेश में अभियोजन अधिकारियों की कमी (Shortage of prosecuting officers in Uttarakhand) को लेकर स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने सरकार से 10 जनवरी तक विस्तृत विवरण के साथ जवाब पेश करने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने मुख्य सचिव, गृह सचिव, निदेशक (अभियोजन) एवं पब्लिक सर्विस कमीशन को पक्षकार बनाने के निर्देश भी दिये हैं. मामले की अगली सुनवाई 10 जनवरी को होगी.

इस मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी ने देहरादून के डिस्ट्रिक्ट जज के पत्र का स्वतः संज्ञान लेकर इसे जनहित याचिका के रूप में तब्दील किया है. जिला जज के पत्र में कहा गया कि देहरादून में जिला अदालत में अभियोजन अधिकारियों की कमी है. जिससे अदालत की कार्यवाही प्रभावित हो रही है.

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सरकार की ओर से कहा गया कि अभी अभियोजन अधिकारियों की परीक्षा (examination of prosecuting officers) एवं इंटरव्यू की प्रक्रिया गतिमान हैं. उसके बाद ही यह कमी दूर हो जाएगी. जिस पर कोर्ट ने सरकार से विस्तृत विवरण के साथ जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं. इस मामले की अगली सुनवाई 10 जनवरी को होगी.

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