ETV Bharat / state

वन भूमि अतिक्रमण पर एक्शन से पहले सर्वे मामले पर HC में सुनवाई, याचिका निरस्त

प्रदेश में वन भूमि पर किये गये अतिक्रण पर कार्रवााई जारी है. इसी बीच आज हाईकोर्ट में वन भूमि पर अतिक्रमण के नाम पर मजार,मस्जिदों को तोड़े जाने से रोकने के मामले पर सुनवाई हुई. जिससे सुनने के बाद हाईकोर्ट ने इस याचिका को निरस्त कर दिया है.

nainital high court latest news
वन भूमि अतिक्रमण पर एक्शन से पहले सर्वे मामले पर HC में सुनवा
author img

By

Published : May 26, 2023, 7:22 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने वन भूमि पर अतिक्रमण के नाम पर मजार,मस्जिद आदि को तोड़े जाने से पूर्व उनका सर्वे किये जाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद जनहित याचिका निरस्त कर दी.

पढे़ं- देहरादून जमीन फर्जीवाड़ा मामला: अपनों पर लगे 'दाग' पर कांग्रेस की सफाई, 'सही को छेड़ेंगे नहीं, गलत को छोड़ेंगे नहीं'

मामले के अनुसार नैनीताल जिले के निवासी तफ्फजूल हुसैन अंसारी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि राज्य सरकार अतिक्रमण के नाम पर वक्फ सम्पत्ति का सर्वे किया बिना तोड़ रही है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने 2009 में वक्फ संपत्तियों का सर्वे कर नियमावली बनाने के निर्देश दिए थे. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 2016 में नियमावली बनाई, लेकिन सरकार अपनी ही नियमावली का उल्लंघन कर रही है.

पढे़ं- लैंड जिहाद पर 'हल्ला', अवैध खनन पर 'चुप्पी', उत्तराखंड में कुछ ऐसी है नेचुरल रिसोर्सेज पर 'दोहरी' नीति

राज्य में वक्फ सम्पत्ति का सर्वे अभी तक नहीं हुआ. सरकार ने एक हजार से अधिक मजार व मस्जिद तोड़ दी हैं. जिस पर रोक लगाई जाए. सरकार को वक्फ सम्पत्तियों के सर्वे करने व अब तक तोड़ी गई मजारों को पुनः स्थापित करने के लिए सरकार को निर्देशित करने की मांग की गई. हाईकोर्ट ने आज वक्फ बोर्ड, राज्य सरकार व याचिकाकर्ता को सुनने के बाद जनहित याचिका निरस्त कर दिया है.

पढे़ं- उत्तराखंड में 'लैंड जिहाद' बीजेपी की जीत का 'फॉर्मूला'! 'डेमोग्राफी चेंज' साबित होगा बड़ा 'हथियार'

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने वन भूमि पर अतिक्रमण के नाम पर मजार,मस्जिद आदि को तोड़े जाने से पूर्व उनका सर्वे किये जाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद जनहित याचिका निरस्त कर दी.

पढे़ं- देहरादून जमीन फर्जीवाड़ा मामला: अपनों पर लगे 'दाग' पर कांग्रेस की सफाई, 'सही को छेड़ेंगे नहीं, गलत को छोड़ेंगे नहीं'

मामले के अनुसार नैनीताल जिले के निवासी तफ्फजूल हुसैन अंसारी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि राज्य सरकार अतिक्रमण के नाम पर वक्फ सम्पत्ति का सर्वे किया बिना तोड़ रही है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने 2009 में वक्फ संपत्तियों का सर्वे कर नियमावली बनाने के निर्देश दिए थे. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 2016 में नियमावली बनाई, लेकिन सरकार अपनी ही नियमावली का उल्लंघन कर रही है.

पढे़ं- लैंड जिहाद पर 'हल्ला', अवैध खनन पर 'चुप्पी', उत्तराखंड में कुछ ऐसी है नेचुरल रिसोर्सेज पर 'दोहरी' नीति

राज्य में वक्फ सम्पत्ति का सर्वे अभी तक नहीं हुआ. सरकार ने एक हजार से अधिक मजार व मस्जिद तोड़ दी हैं. जिस पर रोक लगाई जाए. सरकार को वक्फ सम्पत्तियों के सर्वे करने व अब तक तोड़ी गई मजारों को पुनः स्थापित करने के लिए सरकार को निर्देशित करने की मांग की गई. हाईकोर्ट ने आज वक्फ बोर्ड, राज्य सरकार व याचिकाकर्ता को सुनने के बाद जनहित याचिका निरस्त कर दिया है.

पढे़ं- उत्तराखंड में 'लैंड जिहाद' बीजेपी की जीत का 'फॉर्मूला'! 'डेमोग्राफी चेंज' साबित होगा बड़ा 'हथियार'

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.