नैनीताल: नगर निगम हल्द्वानी की काठगोदाम स्थित नजूल भूमि मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को दो सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. इस मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ ने नजूल भूमि को फ्री होल्ड कराने और उक्त भूमि पर आम रास्ते में रेस्टोरेंट निर्माण करने के मामले में यह आदेश सुनाया है.
बता दें कि काठगोदाम निवासी भूपेंद्र सूर्यवंशी ने हाई कोर्ट मे जनहित याचिका दायर कर कहा है कि नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से नगर निगम की 201.92 वर्ग मीटर नजूल भूमि को महेश कुमारी के नाम फ्री होल्ड कर दिया गया है. जिस पर गत वर्ष महेश कुमारी के परिजनो ने रेस्टोरेंट का निर्माण कर दिया. साथ ही इस भूमि से लगे आम रास्ते को भी खुर्द-बुर्द किया गया है. याचिकाकर्ता ने कोर्ट को ये भी बताया कि इस मामले की जांच के लिए तत्कालीन जिला अधिकारी ने अधिशासी अधिकारी को निर्देश भी दिए थे.
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इस जांच में पाया गया था कि साल 2011 में उक्त भूमि को फ्री होल्ड कराने के लिए महेश कुमारी द्वारा 20 हजार रुपए का शुल्क भी जमा किया गया था. परंतु इस नजूल भूमि का पीडब्ल्यूडी और राष्ट्रीय राजमार्ग से अनापत्ति प्रमाण-पत्र नहीं लिया गया. साथ ही याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि नगर निगम के अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखकर साल 2016 में विपक्षी के नाम पर जमीन फ्री होल्ड कर दी. लिहाजा सरकारी भूमि में चल रहे इस काम पर रोक लगाई जाए और उक्त भूमि सरकार को वापस की जाए.
वहीं, बुधवार को मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ ने नजूल भूमि को फ्री होल्ड कराने और उक्त भूमि पर आम रास्ते में रेस्टोरेंट निर्माण करने के मामले में सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को दो सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं