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नजूल भूमि मामले में HC सख्त, राज्य सरकार से दो सप्ताह में मांगा जवाब - Uttarakhand news

हाई कोर्ट मे जनहित याचिका दायर कर कहा है कि नगर निगम हल्द्वानी के अधिकारियों की मिलीभगत से नगर निगम की 201.92  वर्ग मीटर नजूल भूमि को महेश कुमारी के नाम फ्री होल्ड कर दिया गया है. जिस पर गत वर्ष महेश कुमारी के परिजनो ने रेस्टोरेंट का निर्माण कर दिया. साथ ही इस भूमि से लगे आम रास्ते को भी खुर्द-बुर्द किया गया है.

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Published : May 22, 2019, 10:25 PM IST

नैनीताल: नगर निगम हल्द्वानी की काठगोदाम स्थित नजूल भूमि मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को दो सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. इस मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ ने नजूल भूमि को फ्री होल्ड कराने और उक्त भूमि पर आम रास्ते में रेस्टोरेंट निर्माण करने के मामले में यह आदेश सुनाया है.

बता दें कि काठगोदाम निवासी भूपेंद्र सूर्यवंशी ने हाई कोर्ट मे जनहित याचिका दायर कर कहा है कि नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से नगर निगम की 201.92 वर्ग मीटर नजूल भूमि को महेश कुमारी के नाम फ्री होल्ड कर दिया गया है. जिस पर गत वर्ष महेश कुमारी के परिजनो ने रेस्टोरेंट का निर्माण कर दिया. साथ ही इस भूमि से लगे आम रास्ते को भी खुर्द-बुर्द किया गया है. याचिकाकर्ता ने कोर्ट को ये भी बताया कि इस मामले की जांच के लिए तत्कालीन जिला अधिकारी ने अधिशासी अधिकारी को निर्देश भी दिए थे.

पढ़ें- मलिन बस्तियों से वसूला जाएगा हाउस टैक्स, आचार संहिता हटने के बाद होगा अंतिम फैसला

इस जांच में पाया गया था कि साल 2011 में उक्त भूमि को फ्री होल्ड कराने के लिए महेश कुमारी द्वारा 20 हजार रुपए का शुल्क भी जमा किया गया था. परंतु इस नजूल भूमि का पीडब्ल्यूडी और राष्ट्रीय राजमार्ग से अनापत्ति प्रमाण-पत्र नहीं लिया गया. साथ ही याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि नगर निगम के अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखकर साल 2016 में विपक्षी के नाम पर जमीन फ्री होल्ड कर दी. लिहाजा सरकारी भूमि में चल रहे इस काम पर रोक लगाई जाए और उक्त भूमि सरकार को वापस की जाए.

वहीं, बुधवार को मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ ने नजूल भूमि को फ्री होल्ड कराने और उक्त भूमि पर आम रास्ते में रेस्टोरेंट निर्माण करने के मामले में सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को दो सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं

नैनीताल: नगर निगम हल्द्वानी की काठगोदाम स्थित नजूल भूमि मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को दो सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. इस मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ ने नजूल भूमि को फ्री होल्ड कराने और उक्त भूमि पर आम रास्ते में रेस्टोरेंट निर्माण करने के मामले में यह आदेश सुनाया है.

बता दें कि काठगोदाम निवासी भूपेंद्र सूर्यवंशी ने हाई कोर्ट मे जनहित याचिका दायर कर कहा है कि नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से नगर निगम की 201.92 वर्ग मीटर नजूल भूमि को महेश कुमारी के नाम फ्री होल्ड कर दिया गया है. जिस पर गत वर्ष महेश कुमारी के परिजनो ने रेस्टोरेंट का निर्माण कर दिया. साथ ही इस भूमि से लगे आम रास्ते को भी खुर्द-बुर्द किया गया है. याचिकाकर्ता ने कोर्ट को ये भी बताया कि इस मामले की जांच के लिए तत्कालीन जिला अधिकारी ने अधिशासी अधिकारी को निर्देश भी दिए थे.

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इस जांच में पाया गया था कि साल 2011 में उक्त भूमि को फ्री होल्ड कराने के लिए महेश कुमारी द्वारा 20 हजार रुपए का शुल्क भी जमा किया गया था. परंतु इस नजूल भूमि का पीडब्ल्यूडी और राष्ट्रीय राजमार्ग से अनापत्ति प्रमाण-पत्र नहीं लिया गया. साथ ही याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि नगर निगम के अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखकर साल 2016 में विपक्षी के नाम पर जमीन फ्री होल्ड कर दी. लिहाजा सरकारी भूमि में चल रहे इस काम पर रोक लगाई जाए और उक्त भूमि सरकार को वापस की जाए.

वहीं, बुधवार को मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ ने नजूल भूमि को फ्री होल्ड कराने और उक्त भूमि पर आम रास्ते में रेस्टोरेंट निर्माण करने के मामले में सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को दो सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं

Intro:स्लग-नजुल भूमि

रिपोर्ट-गौरव जोशी

स्थान-नैनीताल

एंकर-नैनीताल हाई कोर्ट ने नगर निगम हल्द्वानी की काठगोदाम में स्थित नजूल भूमि को फ्री होल्ड कराने व उक्त भूमि पर आम रास्ते में रेस्टोरेंट निर्माण करने के मामले मे सक्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार को 2सप्ताह मे जवाब पेश करने के आदेश दिये है,,मामले की सुनवाई मुख्यन्यायधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खण्डपीठ में हुई।



Body:आपको बता दे की काठगोदाम निवासी भूपेंद्र सूर्यवँशी ने हाई कोर्ट मे जनहित याचिका दायर कर कहा है कि नगर निगम के अधिकारियो की मिलीभगत से नगर निगम की 201.92  वर्ग मीटर नजूल भूमि को महेश कुमारी के नाम फ्री होल्ड कर दिया जिस पर इसी साल महेश कुमारी के परिजनो ने रेस्टोरेंट का निर्माण कर दिया और इसी से लगे आम रास्ते को खुर्द बुर्द  कर दिया। याचिकर्ता का यह भी कहना है कि इसकी जाँच कराने के तत्कालीन जिला अधिकारी ने अधिशासी अधिकारी को निर्देश दिए थे,,


Conclusion:जिसमे पाया गया था कि 2011 में उक्त भूमि को फ्री होल्ड कराने के लिए महेश कुमारी द्वारा 20 हजार रुपया शुल्क भी जमा किया था परन्तु उक्त भूमि का  पीडब्ल्यूडी  व रास्ट्रीय राजमार्ग से अनापत्ति प्रमाण पत्र नही लिया गया,,,
याचिकर्ता का यह भी कहना है कि नगर निगम के अधिकारियो ने नियमो को ताक पर रखकर 2016 में विपक्षी के नाम जमीन फ्री होल्ड कर दी,,लिहाजा सरकारी भूमि मे चल रहे काम पर रोक लगाई जाए और भूमि सरकार को वापस की जाए।
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