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नैनीताल हाईकोर्ट: राजस्व ग्राम सुवा को अस्कोट मृग विहार से बाहर रखने पर सुनवाई, सरकार से मांगा जवाब

उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने राजस्व ग्राम सुवा को अस्कोट मृग विहार (Askot Mrig Vihar) की सीमा से बाहर करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार, चीफ वाइल्ड लाइफ, जिला अधिकारी और डीएफओ पिथौरागढ़ को चार सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने का आदेश दिया है.

Nainital High Court
नैनीताल हाईकोर्ट
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Published : Dec 23, 2021, 12:02 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने राजस्व ग्राम सुवा को अस्कोट मृग विहार (Askot Mrig Vihar) की सीमा से बाहर करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ ने राज्य सरकार, चीफ वाइल्ड लाइफ, जिला अधिकारी और डीएफओ पिथौरागढ़ से चार सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने का आदेश दिया है.

मामले के अनुसार ग्राम सुवा निवासी हरीश सिंह ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राजस्व ग्राम सुवा अस्कोट मृग विहार की सीमा में आता है. अस्कोट मृग विहार धारचूला व डीडीहाट क्षेत्र तक फैला हुआ है और मृग विहार की कोई निश्चित सीमा तय नहीं की गई है. सरकार ने 2013 में एक नोटिफिकेशन जारी कर 111 राजस्व ग्रामों को इसकी सीमा से बाहर कर दिया था, लेकिन ग्राम सुवा को नहीं किया.

पढ़ें-HC ने DGP को नैनीताल मल्लीताल कोतवाल को बहाल करने के दिए आदेश, ये है पूरा मामला

याचिकाकर्ता का कहना है उनके ग्राम को भी मृग बिहार की सीमा से बाहर रखा जाए. क्योंकि मृग विहार की सीमा के भीतर आने से उनको सरकार की तरफ से जारी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है. इस सम्बंध में ग्राम वासियों द्वारा डीएफओ, जिला अधिकारी, पीसीसीएफ (Principal Chief Conservator of Forests) और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी दिया, परंतु इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने राजस्व ग्राम सुवा को अस्कोट मृग विहार (Askot Mrig Vihar) की सीमा से बाहर करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खंडपीठ ने राज्य सरकार, चीफ वाइल्ड लाइफ, जिला अधिकारी और डीएफओ पिथौरागढ़ से चार सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने का आदेश दिया है.

मामले के अनुसार ग्राम सुवा निवासी हरीश सिंह ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राजस्व ग्राम सुवा अस्कोट मृग विहार की सीमा में आता है. अस्कोट मृग विहार धारचूला व डीडीहाट क्षेत्र तक फैला हुआ है और मृग विहार की कोई निश्चित सीमा तय नहीं की गई है. सरकार ने 2013 में एक नोटिफिकेशन जारी कर 111 राजस्व ग्रामों को इसकी सीमा से बाहर कर दिया था, लेकिन ग्राम सुवा को नहीं किया.

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याचिकाकर्ता का कहना है उनके ग्राम को भी मृग बिहार की सीमा से बाहर रखा जाए. क्योंकि मृग विहार की सीमा के भीतर आने से उनको सरकार की तरफ से जारी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है. इस सम्बंध में ग्राम वासियों द्वारा डीएफओ, जिला अधिकारी, पीसीसीएफ (Principal Chief Conservator of Forests) और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी दिया, परंतु इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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