नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court Nainital) ने सरकार द्वारा वेटनरी फार्मासिस्टों के कार्य को बढ़ाए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की. वेकेशन जज न्यायमूर्ति एनएस धनिक की एकलपीठ ने मामले की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करते हुए सरकार से चार सप्ताह में जवाब देने को कहा है.अगली सुनवाई 14 फरवरी की तिथि नियत की है.
मामले के अनुसार डिप्लोमा पशु चिकित्सा फार्मासिस्ट संघ ने याचिका दायर कर कहा है कि सरकार ने 29 दिसम्बर 2021 को एक शासनादेश जारी कर उनके कार्य क्षेत्र को बढ़ा दिया है. शासनादेश में कहा गया है कि फार्मासिस्ट पशु चिकित्सालयों के साथ साथ फील्ड में जाकर पशुओं की गणना व टीकाकरण भी करेंगे. संघ का कहना है कि उनकी नियुक्ति पशु चिकित्सालयों में आने वाले पशुओं का टीकाकरण,मरहम पट्टी करना और दवाईयां देना है.
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अगर उनसे फील्ड का कार्य कराया जाता है तो हॉस्पिटल का कार्य रुक जाएगा. जिससे लोगों को परेशानी होंगी. संघ ने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि यह कार्य उनपर जबरन थोपा गया है, जबकि गणना करने का कार्य पशुधन प्रसार अधिकारी व टीकाकरण का कार्य वेटनरी फार्मासिस्ट का है. जिनकी अलग से नियुक्ति हुई है, इसलिए इस शासनादेश पर रोक लगाई जाए.