नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आज पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी आवास, किराया और बिजली के बिलों का भुगतान न किये जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चन्द्र खंडूड़ी, विजय बहुगुणा व पूर्व प्रमुख सचिव ओम प्रकाश के खिलाफ दायर अवमानना याचिकाओं पर सुनवाई की. इस मामले को सुनने के बाद अधिवक्ता डॉ. कार्तिकेय हरि गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्रियों ने इस आदेश के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में 2020 में एसएलपी दायर की थी.
वहीं, पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना की कार्यवाही पर रोक लगा रखी है. जिसकी अंतिम सुनवाई 22 अप्रैल 2022 को होनी है. अब हाईकोर्ट इस मामले में एसएलपी के निस्तारण होने के बाद ही सुनवाई करेगा. इस मामले के अनुसार उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 3 मई 2019 को आदेश दिया था कि सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी आवासों, किराया और बिजली-पानी के बिलों को बाजार भाव से वसूला जाए. कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि अन्य सुविधाओं का भी आकलन कर 6 महीने के भीतर वसूली की जाए. अगर, वह ऐसा नहीं करते हैं तो इन पर कानूनी कार्रवाई की जाए.
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हालांकि, इस आदेश से बचने के लिए सरकार एक नया एक्ट लेकर आई जिसको हाईकोर्ट ने असंवैधानिक करार दे दिया था. पूर्व में हाईकोर्ट ने अवमानना याचिकाओं में सभी मुख्यमंत्रियो को नोटिस जारी किया था और महाराष्ट्र के राज्यपाल को छोड़कर अन्य सभी के मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. वहीं, देहरादून की रुलक संस्था ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के खिलाफ अवमानना याचिकाएं दायर की हैं.