नैनीताल: आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेल बंद पूर्व आईएएस अधिकारी राम विलास यादव की शॉर्ट टर्म जमानत के प्रार्थना पत्र पर आज 24 जुलाई को उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा ने एकलपीठ ने की. कोर्ट ने सरकार से दो दिन के भीतर स्थिति स्पष्ट करने को कहा.
उत्तराखंड हाईकोर्ट में राम विलास यादव के वकील की तरफ से कहा गया है कि उनका उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है, इसलिए उन्हें इलाज के लिए अंतरिम जमानत दी जाए. जिसपर कोर्ट ने सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कहा. पूर्व आईएएस अधिकारी राम विलास यादव उत्तराखंड सरकार में समाज कल्याण विभाग में अपर सचिव के पद पर कार्यरत थे. इससे पहले वो उत्तर प्रदेश सरकार में लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव भी रह चुके है.
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राम विलास यादव के खिलाफ लखनऊ में एक व्यक्ति ने आय से अधिक सम्पति रखने की शिकायत दर्ज की थी, जिसके आधार पर उत्तराखंड सरकार ने जांच शुरू की थी. उत्तराखंड विजिलेंस टीम ने इनके लखनऊ, देहरादून और गाजीपुर ठिकानों पर छापा मारा, जिसमें संपत्ति से संबंधित कई दास्तवाजे मिले.
राम विलास यादव पर आरोप है कि उन्होंने आय से 500 गुणा अधिक संपत्ति अर्जित की है. इसके आधार पर सरकार ने इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था, बीते साल ही उत्तराखंड विजिलेंस उन्हें उन्हें गिरफ्तार किया था, तब से वो देहरादून की सुद्दोवाला जेल में बंद है. हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (enforcement directorate) यानी ईडी ने राम विलास यादव की यूपी और उत्तराखंड में 20 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की थी.
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बीती 15 जुलाई को ईडी ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में राम विलास यादव के खिलाफ देहरादून की विशेष कोर्ट पीएमएलए में शिकायत याचिका दायर की थी, जिसका कोर्ट ने संज्ञान ले लिया.