नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने कुंभ मेले में कोरोना टेस्टिंग के फर्जीवाड़े में लिप्त मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज के सर्विस पार्टनर शरद पंत व मलिका पंत की तरफ से दायर याचिकाओं पर सुनवाई की. कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद अगली सुनवाई 29 सितंबर की तिथि नियत की है.
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की एकलपीठ में हुई. सोमवार को सुनवाई में याचिकाकर्ताओं की तरफ से याचिकाओं में कुछ संशोधन करने हेतु प्रार्थना पत्र पेश किया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर अगली सुनवाई हेतु 29 सितंबर की तिथि नियत की है.
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मामले के अनुसार शरद पंत व मलिका पंत ने याचिका दायर कर कहा था कि वे मैक्स कॉर्पोरेट सर्विसेस में एक सर्विस प्रोवाइडर हैं. परीक्षण और डेटा प्रविष्टि के दौरान मैक्स कॉर्पोरेट का कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था. इसके अलावा परीक्षण और डेटा प्रविष्टि का सारा काम स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की प्रत्यक्ष निगरानी में किया गया था. इन अधिकारियों की मौजूदगी में परीक्षण स्टालों ने जो कुछ भी किया था, उसे अपनी मंजूरी दे दी. अगर कोई गलत कार्य कर रहा था तो कुंभ मेले के दौरान अधिकारी चुप क्यों रहे?
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरिद्वार ने पुलिस में मुकदमा दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि कुंभ मेले के दौरान इनके द्वारा अपने को लाभ पहुंचाने के लिए फर्जी तरीके से टेस्ट इत्यादि कराए गए. इस दौरान पंजाब के एक व्यक्ति ने सीएमओ हरिद्वार को एक पत्र भेजकर शिकायत की थी कि कुंभ मेले में टेस्ट कराने वाले लैब द्वारा उनकी आईडी व फोन नंबर का उपयोग किया है. जबकि उनके द्वारा रेपिड एंटीजन टेस्ट कराने हेतु कोई रजिस्ट्रेशन और सैंपल नहीं दिया है. इसके बाद इस मामले का खुलासा हुआ था.