नैनीताल: उत्तराखंड हाइकोर्ट ने कोटद्वार स्थित सिद्धबली स्टोन क्रशर को हटाए जाने की जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद संबंधित क्षेत्र के कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट से 24 घंटे के भीतर स्टोन क्रशर से राजाजी नेशनल पार्क की दूरी कितनी है बताने को कहा. साथ ही कोर्ट ने कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट से 23 अक्टूबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश होने को कहा.
मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हुई. मामले में कोटद्वार निवासी देवेंद्र सिंह अधिकारी ने जनहित याचिका दायर कर कोटद्वार में राजाजी नेशनल के रिजर्व फॉरेस्ट में सिद्धबली स्टोन क्रशर लगाए जाने पर सवाल उठाया. यह स्टोन क्रशर सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी गाइडलाइनों के मानकों को पूरा नहीं करता है. सुप्रीम कोर्ट ने अपनी गाइडलाइन में कहा था कि कोई भी स्टोन क्रशर नेशनल पार्कों के 10 किलोमीटर एरियल डिस्टेंस के भीतर स्थापित नहीं किया जा सकता. जबकि यह स्टोन क्रशर साढ़े छः किलोमीटर की दूरी पर ही स्थित है.
ये भी पढ़ें: पुलिसकर्मियों को CM धामी ने दिया दीवाली का तोहफा, ग्रेड-पे 4600 करने का ऐलान
पूर्व में सरकार ने अपनी रिपोर्ट पेश कर कहा था कि यह स्टोन क्रशर सड़क से 13 किलोमीटर दूर है. जिस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने इसका विरोध करते हुए कोर्ट को बताया कि दूरी मापने के लिए एरियल डिस्टेंस होना जरूरी है न कि सड़क की दूरी. सरकार ने इसे सड़क से मापा है, जो गलत है. सिद्धबली स्टोन क्रशर पीसीबी के मानकों को भी पूरा नहीं करता है. यहां स्टोन क्रशर स्थापित करने से क्षेत्र के साथ-साथ वन्यजीव भी प्रभावित हो रहे हैं. लिहाजा इसको हटाया जाए या इसके संचालन पर रोक लगाई जाए.