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हाई कोर्ट पहुंचा गोल्ज्यू मंदिर के प्रबंधन कमेटी का मामला, DM समेत कई अधिकारियों को नोटिस जारी

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Published : Aug 6, 2020, 9:38 PM IST

हाई कोर्ट ने प्रदेश के सचिव पर्यटन, जिलाधिकारी अल्मोड़ा और एसडीएम को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

नैनीताल
नैनीताल

नैनीताल: अल्मोड़ा जिले में न्याय के देवता के नाम से प्रसिद्ध चितई गोल्ज्यू मंदिर में पुजारियों की नियुक्ति और प्रबंधन कमेटी में सिर्फ सरकारी अधिकारियों को शामिल करने की विज्ञप्ति जारी करने का मामला नैनीताल हाई कोर्ट पहुंच गया है. उच्च अदालत ने मामले में डीएम समेत कई अधिकारियों को नोटिस जारी किया है. इस मामले में अल्मोड़ा निवासी संध्या पंत ने नैनीताल हाई कोर्ट में एक विशेष याचिका दायर की थी.

गोल्ज्यू मंदिर के प्रबंधन कमेटी का मामला हाई कोर्ट पहुंचा

याचिका में संध्या पंत ने कहा है कि उनके परिवार से ताल्लुक रखने वाले केशवदत्त और भोलादत्त पंत ने 1919 में गोल्ज्यू मंदिर की स्थापना की थी. मंदिर बनाने के लिए ठेकेदार को 650 रुपए भुगतान भी किया गया था. लेकिन जिला प्रशासन हाई कोर्ट के आदेश की आड़ में मनमानी कर रहा है. हाई कोर्ट ने गैर धार्मिक गतिविधियों के लिए कमेटी बनाने के आदेश दिए थे, लेकिन कमेटी में डीएम, एसडीएम, जिला पर्यटन अधिकारी और तहसीलदार ही शामिल किए जा रहे हैं.

पढ़ें- HC की फटकार के बाद हरकत में सरकार, हरिद्वार DEO सस्पेंड

याचिकाकर्ता का कहना है कि उनका परिवार स्थापना के बाद से ही मंदिर में उपासना कर रहा है. प्रसाशन ने जो विज्ञप्ति जारी की है उसमें मंदिर से जुड़ा कोई भी सदस्य शामिल नहीं है, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी उल्लंघन है.

मामले में सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि कुमार मलिमथ व न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ ने प्रदेश के सचिव पर्यटन, जिलाधिकारी अल्मोड़ा और एसडीएम को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

नैनीताल: अल्मोड़ा जिले में न्याय के देवता के नाम से प्रसिद्ध चितई गोल्ज्यू मंदिर में पुजारियों की नियुक्ति और प्रबंधन कमेटी में सिर्फ सरकारी अधिकारियों को शामिल करने की विज्ञप्ति जारी करने का मामला नैनीताल हाई कोर्ट पहुंच गया है. उच्च अदालत ने मामले में डीएम समेत कई अधिकारियों को नोटिस जारी किया है. इस मामले में अल्मोड़ा निवासी संध्या पंत ने नैनीताल हाई कोर्ट में एक विशेष याचिका दायर की थी.

गोल्ज्यू मंदिर के प्रबंधन कमेटी का मामला हाई कोर्ट पहुंचा

याचिका में संध्या पंत ने कहा है कि उनके परिवार से ताल्लुक रखने वाले केशवदत्त और भोलादत्त पंत ने 1919 में गोल्ज्यू मंदिर की स्थापना की थी. मंदिर बनाने के लिए ठेकेदार को 650 रुपए भुगतान भी किया गया था. लेकिन जिला प्रशासन हाई कोर्ट के आदेश की आड़ में मनमानी कर रहा है. हाई कोर्ट ने गैर धार्मिक गतिविधियों के लिए कमेटी बनाने के आदेश दिए थे, लेकिन कमेटी में डीएम, एसडीएम, जिला पर्यटन अधिकारी और तहसीलदार ही शामिल किए जा रहे हैं.

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याचिकाकर्ता का कहना है कि उनका परिवार स्थापना के बाद से ही मंदिर में उपासना कर रहा है. प्रसाशन ने जो विज्ञप्ति जारी की है उसमें मंदिर से जुड़ा कोई भी सदस्य शामिल नहीं है, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी उल्लंघन है.

मामले में सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि कुमार मलिमथ व न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ ने प्रदेश के सचिव पर्यटन, जिलाधिकारी अल्मोड़ा और एसडीएम को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

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