नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने ऋषिकेश के खड़क माफी गांव में 70 बीघा जमीन पर भू माफियाओं के द्वारा कब्जा किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सरकार को आदेश दिया है कि अगर ग्राम सभा की भूमि पर कब्जा है तो उसको हटाया जाये.
गांव की जमीन पर अवैध कब्जे का आरोप: इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार, डीएम देहरादून, एसडीएम समेत सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किया है. इन सभी को चार सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया गया है. मामले के अनुसार खड़क माफी गांव की निवासी मीना देवी ने जनहित याचिका दायर की है. मीना देवी ने कहा है कि गांव की 70 बीघा जमीन पर 2015-16 से अवैध कब्जा किया गया है.
मीना देवी ने जनहित याचिका में लगाया ये आरोप: मीना देवी ने कहा है कि इसके लिये सरकार को लगातार कई बार पत्र लिखा गया. पत्र लिखने के बावजूद सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जनहित याचिका में ये भी कहा गया है कि इस 70 बीघा जमीन पर ग्राम सभा के द्वारा गौशाला, एसटीपी कूड़ा प्लांट सहित कई प्रोजेक्ट तैयार किए जाने हैं. लेकिन भू माफिया इस भूमि को छोड़ने को तैयार नहीं हैं.
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भू माफिया के कब्जे से गांव की जमीन खाली कराने की मांग: मीना देवी के अनुसार भू माफिया के द्वारा गांव के लोगों पर दबाव बनाया जा रहा है कि खेलो इंडिया के तहत बने खेल मैदान में कूड़ा प्लांट बनाया जाये. जनहित याचिका में इस 70 बीघा जमीन को खाली कराने की मांग की गई है. इसके साथ ही कूड़ा प्लांट को खेल मैदान में नहीं बनाए जाने की मांग की गई है.
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