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आयुर्वेद विश्वविद्यालय में वीसी की नियुक्ति का मामला, हाईकोर्ट में हुई सुनवाई - आयुर्वेद विश्वविद्यालय वीसी की नियुक्ति

आयुर्वेद विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो सुनील कुमार (Ayurveda University Vice Chancellor Sunil Kumar) की नियुक्ति के लिए पात्रता पर सवाल उठते रहे हैं. उनकी नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका (Challenge toappointment of Ayurveda University VC) पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.

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वीसी की नियुक्ति को चुनौती मामले पर HC में सुनवाई
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Published : Jan 5, 2023, 7:48 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आयुर्वेद विश्वविद्यालय (Ayurveda University Vice Chancellor Case) के वाइस चांसलर की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर आज सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खण्डपीठ ने अंतिम सुनवाई के लिए चार हफ्ते के बाद की तिथि नियत की है..

मामले के अनुसार विनोद कुमार चौहान ने याचिका दायर कर कहा कि आयुर्वेद विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ सुनील जोशी (Ayurveda University Vice Chancellor Sunil Kumar) की नियुक्ति को कमेटी ने नियमों को ताक में रखकर किया है. उनकी नियुक्ति अवैध है, इसलिए उन्हें पद से हटाया जाए. वे इस पद की अहर्ताओं को पूरा नहीं करते हैं.

पढे़ं- जोशीमठ भू-धंसाव: BJP ने 14 सदस्यीय समिति का किया गठन

नियमावली के अनुसार वीसी पद के लिए 10 साल की प्रोफेसरशिप अनिवार्य है, मगर चयन कमेटी ने डॉ सुनील जोशी को पांच साल एक महीने की प्रोफेसरशिप पर ही आयुर्वेद विश्वविद्यालय का वाइस चांसलर नियुक्त कर दिया है. जिसके कारण उन्हें पद से हटाया जाए.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आयुर्वेद विश्वविद्यालय (Ayurveda University Vice Chancellor Case) के वाइस चांसलर की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर आज सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खण्डपीठ ने अंतिम सुनवाई के लिए चार हफ्ते के बाद की तिथि नियत की है..

मामले के अनुसार विनोद कुमार चौहान ने याचिका दायर कर कहा कि आयुर्वेद विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ सुनील जोशी (Ayurveda University Vice Chancellor Sunil Kumar) की नियुक्ति को कमेटी ने नियमों को ताक में रखकर किया है. उनकी नियुक्ति अवैध है, इसलिए उन्हें पद से हटाया जाए. वे इस पद की अहर्ताओं को पूरा नहीं करते हैं.

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नियमावली के अनुसार वीसी पद के लिए 10 साल की प्रोफेसरशिप अनिवार्य है, मगर चयन कमेटी ने डॉ सुनील जोशी को पांच साल एक महीने की प्रोफेसरशिप पर ही आयुर्वेद विश्वविद्यालय का वाइस चांसलर नियुक्त कर दिया है. जिसके कारण उन्हें पद से हटाया जाए.

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