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2019 में हज यात्रा में हुई अनियमितता मामले पर HC में सुनवाई, वक्फ बोर्ड को नोटिस जारी - हज कमेटी द्वारा दायर जनहित याचिका

हाईकोर्ट ने हज कमेटी पिरान कलियर, वक्फ बोर्ड देहरादून व वक्फ इंस्पेक्टर मोहम्मद अली को नोटिस जारी (Notice issued to Waqf Inspector Mohammad Ali) किया है. साथ ही मामले में 17 अप्रैल 2023 तक जवाब पेश करने को कहा गया है. मामला 2019 में हज यात्रा में हुई अनियमितता (Irregularities in Haj pilgrimage in 2019) से जुड़ा हुआ है.

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2019 में हज यात्रा में हुई अनियमितता मामले पर HC में सुनवाई
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Published : Nov 21, 2022, 9:57 PM IST

Updated : Nov 21, 2022, 10:20 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट(Nainital High Court) ने 2019 में हज यात्रियों की देखरेख के लिए हज कमेटी द्वारा भेजे गए तदर्थ नियुक्त अयोग्य कर्मचारी व हज कमेटी द्वारा की गई अनियमितता के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई (Hearing on PIL filed by Haj Committee) की. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने हज कमेटी पिरान कलियर, वक्फ बोर्ड देहरादून व वक्फ इंस्पेक्टर मोहम्मद अली को नोटिस जारी किया है. साथ ही मामले में 17 अप्रैल 2023 तक जवाब पेश करने को कहा है.

मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी तौसीफ ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हज यात्रियों की देखरेख के लिए प्रत्येक हवाई जहाज में एक सरकारी कर्मचारी हज कमेटी द्वारा भेजा जाता है. जिसका खर्चा सरकार खुद वहन करती है. 2019 में भी में कमेटी ने एक तदर्थ नियुक्त अयोग्य कर्मचारी को हज यात्रियों की देख रेख करने के लिए भेजा. यही नहीं कमेटी ने हज जाने के लिए नोटिफिकेशन 1 जनवरी 2019 को निकाला. उसे जाने की अनुमति 28 दिसम्बर 2018 को दे गई, जबकि हज यात्रियों की देखरेख के लिए सरकारी कर्मचारी का होना आवश्यक है, जो इस व्यक्ति के पास नहीं था.
पढे़ं- कैबिनेट बैठक में 18 प्रस्तावों पर लगी मुहर, 4867 करोड़ के अनुपूरक बजट को भी मिली मंजूरी

जनहित याचिका में कहा गया है कि कमेटी ने सरकारी धन का दुरुपयोग किया है. इसकी जांच कर इसकी वसूली की जाये. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई. मामले को सुनने के बाद खण्डपीठ ने हज कमेटी पिरान कलियर ,वक्फ बोर्ड देहरादून व वक्फ इंस्पेक्टर मोहम्मद अली को नोटिस जारी किया है. साथ ही मामले में 17 अप्रैल 2023 तक जवाब पेश करने को कहा है.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट(Nainital High Court) ने 2019 में हज यात्रियों की देखरेख के लिए हज कमेटी द्वारा भेजे गए तदर्थ नियुक्त अयोग्य कर्मचारी व हज कमेटी द्वारा की गई अनियमितता के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई (Hearing on PIL filed by Haj Committee) की. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने हज कमेटी पिरान कलियर, वक्फ बोर्ड देहरादून व वक्फ इंस्पेक्टर मोहम्मद अली को नोटिस जारी किया है. साथ ही मामले में 17 अप्रैल 2023 तक जवाब पेश करने को कहा है.

मामले के अनुसार हरिद्वार निवासी तौसीफ ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हज यात्रियों की देखरेख के लिए प्रत्येक हवाई जहाज में एक सरकारी कर्मचारी हज कमेटी द्वारा भेजा जाता है. जिसका खर्चा सरकार खुद वहन करती है. 2019 में भी में कमेटी ने एक तदर्थ नियुक्त अयोग्य कर्मचारी को हज यात्रियों की देख रेख करने के लिए भेजा. यही नहीं कमेटी ने हज जाने के लिए नोटिफिकेशन 1 जनवरी 2019 को निकाला. उसे जाने की अनुमति 28 दिसम्बर 2018 को दे गई, जबकि हज यात्रियों की देखरेख के लिए सरकारी कर्मचारी का होना आवश्यक है, जो इस व्यक्ति के पास नहीं था.
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जनहित याचिका में कहा गया है कि कमेटी ने सरकारी धन का दुरुपयोग किया है. इसकी जांच कर इसकी वसूली की जाये. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई. मामले को सुनने के बाद खण्डपीठ ने हज कमेटी पिरान कलियर ,वक्फ बोर्ड देहरादून व वक्फ इंस्पेक्टर मोहम्मद अली को नोटिस जारी किया है. साथ ही मामले में 17 अप्रैल 2023 तक जवाब पेश करने को कहा है.

Last Updated : Nov 21, 2022, 10:20 PM IST
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