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एनआईटी सुमाड़ी के स्थाई कैंपस का मामला, हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा

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Published : Jul 13, 2020, 10:21 PM IST

इस मामले में एनआईटी के एक पूर्व छात्र ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका लगाई थी, जिस पर सोमवार को सुनवाई पूरी हो गई है.

श्रीनगर:
श्रीनगर:

नैनीताल: एनआईटी (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी) श्रीनगर के स्थायी कैंपस के निर्माण को लेकर नैनीताल में चल रही सुनवाई सोमवार को पूरी हो गई है. कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. पिछले दो हफ्ते से इस मामले में रोज सुनवाई चल रही थी.

सोमवार को हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि एनआईटी कैंपस के स्थाई निर्माण में एनआईटी, केंद्र सरकार और राज्य सरकार लापरवाही बरत रही है. सरकार मामले को लटकाना चाहती है, यही कारण है कि सुमाड़ी में अभीतक एनआईटी का स्थायी कैंपस नहीं बन पाया है. जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए फैसले को सुरक्षित रख लिया है. अब कोर्ट कभी भी अपना फैसला सुना सकती है.

पढ़ें- देहरादून में जमीन का 'खेल', भूमाफिया पर शिकंजा कसना SIT की बड़ी चुनौती

बता दें कि एनआईटी के पूर्व छात्र जसवीर सिंह ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी कि उनके कॉलेज के बने हुए नौ साल से ज्यादा का समय हो चुका है. लेकिन आज तक एनआईटी को कोई स्थायी कैंपस नहीं मिला है. जिसको लेकर छात्रों ने काफी लंबे समय से प्रदर्शन भी किया था, लेकिन सरकार ने आजतक छात्रों की किसी भी मांग पर ध्यान नहीं दिया. जिस बिल्डिंग में छात्र रह रहे हैं वो जर्जर हालात में और कभी भी गिर सकती है, जहां पर कभी भी कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है.

साथ ही याचिकाकर्ता ने कहा था कि स्थाई कैंपस की मांग कर रहे छात्रों में से एक छात्रा की प्रदर्शन के दौरान हादसे में मौत हो गई थी. जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया था. जब ये मामला नैनीताल हाई कोर्ट की शरण में गया तो सरकार ने एनआईटी श्रीनगर को जयपुर शिफ्ट करने का फैसला लिया था. जिस पर हाई कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार, राज्य सरकार समेत एनआईटी को फटकार लागई थी, जिसके बाद पूर्व में राज्य सरकार ने कदम पीछे खींचते कोर्ट को बताया था कि अब एनआईटी को श्रीनगर के सुमाड़ी में ही बनाया जाएगा, लेकिन आज तक एनआईटी के स्थाई कैंपस को लेकर सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया.

नैनीताल: एनआईटी (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी) श्रीनगर के स्थायी कैंपस के निर्माण को लेकर नैनीताल में चल रही सुनवाई सोमवार को पूरी हो गई है. कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. पिछले दो हफ्ते से इस मामले में रोज सुनवाई चल रही थी.

सोमवार को हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि एनआईटी कैंपस के स्थाई निर्माण में एनआईटी, केंद्र सरकार और राज्य सरकार लापरवाही बरत रही है. सरकार मामले को लटकाना चाहती है, यही कारण है कि सुमाड़ी में अभीतक एनआईटी का स्थायी कैंपस नहीं बन पाया है. जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए फैसले को सुरक्षित रख लिया है. अब कोर्ट कभी भी अपना फैसला सुना सकती है.

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बता दें कि एनआईटी के पूर्व छात्र जसवीर सिंह ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी कि उनके कॉलेज के बने हुए नौ साल से ज्यादा का समय हो चुका है. लेकिन आज तक एनआईटी को कोई स्थायी कैंपस नहीं मिला है. जिसको लेकर छात्रों ने काफी लंबे समय से प्रदर्शन भी किया था, लेकिन सरकार ने आजतक छात्रों की किसी भी मांग पर ध्यान नहीं दिया. जिस बिल्डिंग में छात्र रह रहे हैं वो जर्जर हालात में और कभी भी गिर सकती है, जहां पर कभी भी कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है.

साथ ही याचिकाकर्ता ने कहा था कि स्थाई कैंपस की मांग कर रहे छात्रों में से एक छात्रा की प्रदर्शन के दौरान हादसे में मौत हो गई थी. जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया था. जब ये मामला नैनीताल हाई कोर्ट की शरण में गया तो सरकार ने एनआईटी श्रीनगर को जयपुर शिफ्ट करने का फैसला लिया था. जिस पर हाई कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार, राज्य सरकार समेत एनआईटी को फटकार लागई थी, जिसके बाद पूर्व में राज्य सरकार ने कदम पीछे खींचते कोर्ट को बताया था कि अब एनआईटी को श्रीनगर के सुमाड़ी में ही बनाया जाएगा, लेकिन आज तक एनआईटी के स्थाई कैंपस को लेकर सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया.

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