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सुशीला तिवारी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल, मरीजों को नहीं मिल रही सुविधाएं

कुमाऊं के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सुशीला तिवारी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं चरमराने से मरीज इधर-उधर भटक रहे हैं.

सुशीला तिवारी अस्पताल
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Published : Sep 4, 2019, 9:38 AM IST

हल्द्वानीः क्षेत्र के प्रमुख अस्पताल सुशीला तिवारी अस्पताल में इन दिनों स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है. जिसका खामियाजा यहां आने वाले मरीज व तीमारदार भुगत रहे हैं. एक ओर जहां डेंगू, वायरल और चिकनगुनिया की बीमारी ने अपने पैर पसार लिए हैं दूसरी ओर कुमाऊं के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सुशीला तिवारी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं लड़खड़ा रहीं है. यहां मरीजों का तांता लगा हुआ है. अस्पताल में सीटी स्कैन और एमआरआई मशीन पिछले 2 दिनों से खराब है. ऐसे में मरीज इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं.

कुमाऊं की लाइफलाइन कहलाने वाले सुशीला तिवारी सरकारी अस्पताल वायरल और डेंगू के मरीजों के साथ साथ अन्य बीमारियों से पूरा अस्पताल पटा हुआ है, लेकिन मरीजों को पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल रही हैं.

सुशीला तिवारी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल.

यहां भी पढ़ेंः देवप्रयाग में शराब फैक्ट्री के विरोध में साधु-संतों का अनशन जारी, जल समाधि की चेतावनी

जानकारी के अनुसार अस्पताल में सीटी स्कैन और एमआरआई मशीन पिछले 2 दिनों से खराब पड़ी है जिसके चलते पहाड़ से आने वाले मरीज इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं. यही नहीं सीटी स्कैन और एमआरआई के लिए रोगियों को कई-कई दिन का समय भी दिया जाता है लेकिन आने वाले मरीज मायूस होकर लौट रहे हैं.

बताया जा रहा है कि अस्पताल की सीटी स्कैन और एमआरआई मशीन सन 2004 में सुशीला तिवारी अस्पताल में लगाई गई थी. मशीन को लगे हुए 15 साल हो चुके हैं जिसके चलते मशीन कई बार बीच में खराब हो रही है. ऐसे में मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है. वहीं, दूसरी ओर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल चंद्रप्रकाश भैसोड़ा का कहना है कि मशीन ठीक कराने के लिए जर्मनी से सामान को मंगवाया है. जल्द ही इन मशीनों के ठीक करा लिया जाएगा.

हल्द्वानीः क्षेत्र के प्रमुख अस्पताल सुशीला तिवारी अस्पताल में इन दिनों स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है. जिसका खामियाजा यहां आने वाले मरीज व तीमारदार भुगत रहे हैं. एक ओर जहां डेंगू, वायरल और चिकनगुनिया की बीमारी ने अपने पैर पसार लिए हैं दूसरी ओर कुमाऊं के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सुशीला तिवारी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं लड़खड़ा रहीं है. यहां मरीजों का तांता लगा हुआ है. अस्पताल में सीटी स्कैन और एमआरआई मशीन पिछले 2 दिनों से खराब है. ऐसे में मरीज इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं.

कुमाऊं की लाइफलाइन कहलाने वाले सुशीला तिवारी सरकारी अस्पताल वायरल और डेंगू के मरीजों के साथ साथ अन्य बीमारियों से पूरा अस्पताल पटा हुआ है, लेकिन मरीजों को पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल रही हैं.

सुशीला तिवारी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल.

यहां भी पढ़ेंः देवप्रयाग में शराब फैक्ट्री के विरोध में साधु-संतों का अनशन जारी, जल समाधि की चेतावनी

जानकारी के अनुसार अस्पताल में सीटी स्कैन और एमआरआई मशीन पिछले 2 दिनों से खराब पड़ी है जिसके चलते पहाड़ से आने वाले मरीज इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं. यही नहीं सीटी स्कैन और एमआरआई के लिए रोगियों को कई-कई दिन का समय भी दिया जाता है लेकिन आने वाले मरीज मायूस होकर लौट रहे हैं.

बताया जा रहा है कि अस्पताल की सीटी स्कैन और एमआरआई मशीन सन 2004 में सुशीला तिवारी अस्पताल में लगाई गई थी. मशीन को लगे हुए 15 साल हो चुके हैं जिसके चलते मशीन कई बार बीच में खराब हो रही है. ऐसे में मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है. वहीं, दूसरी ओर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल चंद्रप्रकाश भैसोड़ा का कहना है कि मशीन ठीक कराने के लिए जर्मनी से सामान को मंगवाया है. जल्द ही इन मशीनों के ठीक करा लिया जाएगा.

Intro:sammry- सुशीला तिवारी अस्पताल के सिटी स्कैन और एमआरआई मशीन हुई खराब फरियादी भटकने को मजबूर,

एंकर- डेंगू वायरल और चिकनगुनिया की बीमारी ने अपने पैर पसार लिए हैं। कुमाऊ के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सुशीला तिवारी अस्पताल में मरीजों का ताता लगा हुआ है। अस्पताल में सीटी स्कैन और एमआरआई मशीन पिछले 2 दिनों से खराब है। ऐसे में इधर-उधर भटकने को मजबूर है।


Body:कुमाऊ की लाइफलाइन कहलाने वाली सुशीला तिवारी सरकारी अस्पताल वायरल और डेंगू के मरीजों के साथ साथ अन्य बीमारियों से पूरा अस्पताल पटा हुआ है। अस्पताल की जानकारी जाने वाली सीटी स्कैन मशीन और एम आर आई मशीन पिछले 2 दिनों से खराब पड़ी है जिसके चलते पहाड़ से आने वाले मरीज इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं। यही नहीं सीटी स्कैन और एमआरआई के लिए रोगियों को कई कई दिन का समय भी दिया जाता है लेकिन आने वाले मरीज मायूस होकर लौट रहे हैं।
बताया जा रहा है कि अस्पताल की सीटी स्कैन मशीन और एम आर आई मशीन सन 2004 में सुशीला तिवारी अस्पताल में लगाई गई थी। मशीन के लगे हुए 15 साल हो चुके हैं जिसके चलते मशीन कई बार बीच में खराब हो जा रही हैं जिसके चलते लोगों को परेशानी के सामने उठाना पड़ रहा है।


Conclusion:अस्पताल के प्रिंसिपल चंद्रप्रकाश बांसवाड़ा का कहना है कि मशीन ठीक कराने के लिए जर्मनी से समान को मंगाया गया है।
समाना आते हैं ठीक करवा दिया जाएगा।

बाइट -सीपी भैसोड़ा प्रचार्य सुशीला तिवारी अस्पताल
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