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PWD के अफसरों ने HC के आदेश को दिखाया ठेंगा, मृतक आश्रित मामले में अब होगी पेशी

नैनीताल हाईकोर्ट ने PWD में मृतक आश्रित को नौकरी नहीं देने के मामले में सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने दिल्ली सीपीडब्ल्यूडी के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर संजीव कुमार अग्रवाल और लखनऊ के चीफ इंजीनियर अनिल कुमार शर्मा को 8 सितम्बर 2021 को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए हैं.

Nainital High Court
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Published : Aug 21, 2021, 3:45 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाइकोर्ट ने पूर्व के आदेश का पालन नहीं करने पर नई दिल्ली सीपीडब्ल्यूडी के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर संजीव कुमार अग्रवाल और लखनऊ के चीफ इंजीनियर अनिल कुमार शर्मा को 8 सितम्बर 2021 को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए हैं. मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई.

बता दें, मामले में मुक्तेश्वर के ग्राम उनयुडा निवासी किशन सिंह ने अवमानना याचिका दायर कर कहा है कि माननीय उच्च न्यायालय ने साल 2017 में उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए सीपीडब्ल्यूडी को निर्देश दिए थे कि उनको मृतक आश्रित कोटे के अन्तगर्त पद खाली होने पर नौकरी दें. लेकिन विभाग ने आज तक कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया है. कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर उन्होंने इन अधिकारियों के खिलाफ अवमानना याचिका 2017 में दायर की.

याचिकाकर्ता ने पूर्व में याचिका दायर कर कहा था कि उनके पिता सीपीडब्ल्यूडी में बेलदार के पद पर कार्यरत थे. सेवा के दौरान साल 1997 में उनके पिता की मृत्यु हो गयी थी. साल 1998 में उनके द्वारा मृत आश्रित कोटे के अंतर्गत नौकरी के लिए आवेदन किया गया था. उनके आवेदन पर विभाग ने उनसे कहा कि अभी पद खाली नहीं है. भविष्य में पद रिक्त होने पर उनको करुणामूलक के आधार पर नौकरी दी जाएगी.

पढ़ें- पड़ताल: उत्तराखंड की वित्तीय स्थिति खस्ताहाल, आखिर कैसे पूरी होंगी योजनाएं?

याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि उन्होंने साल 1997 से अभी तक विभाग को कई बार अपना प्रत्यावेदन दिया, लेकिन उनको नौकरी नहीं दी गई. जबकि विभाग में साल 1997 से अब तक कई पद खाली हैं. विभाग के द्वारा बार-बार टालमटोली करने पर उनके द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में 2011 में याचिका दायर की गई थी.

नैनीताल: उत्तराखंड हाइकोर्ट ने पूर्व के आदेश का पालन नहीं करने पर नई दिल्ली सीपीडब्ल्यूडी के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर संजीव कुमार अग्रवाल और लखनऊ के चीफ इंजीनियर अनिल कुमार शर्मा को 8 सितम्बर 2021 को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए हैं. मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई.

बता दें, मामले में मुक्तेश्वर के ग्राम उनयुडा निवासी किशन सिंह ने अवमानना याचिका दायर कर कहा है कि माननीय उच्च न्यायालय ने साल 2017 में उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए सीपीडब्ल्यूडी को निर्देश दिए थे कि उनको मृतक आश्रित कोटे के अन्तगर्त पद खाली होने पर नौकरी दें. लेकिन विभाग ने आज तक कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया है. कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करने पर उन्होंने इन अधिकारियों के खिलाफ अवमानना याचिका 2017 में दायर की.

याचिकाकर्ता ने पूर्व में याचिका दायर कर कहा था कि उनके पिता सीपीडब्ल्यूडी में बेलदार के पद पर कार्यरत थे. सेवा के दौरान साल 1997 में उनके पिता की मृत्यु हो गयी थी. साल 1998 में उनके द्वारा मृत आश्रित कोटे के अंतर्गत नौकरी के लिए आवेदन किया गया था. उनके आवेदन पर विभाग ने उनसे कहा कि अभी पद खाली नहीं है. भविष्य में पद रिक्त होने पर उनको करुणामूलक के आधार पर नौकरी दी जाएगी.

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याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि उन्होंने साल 1997 से अभी तक विभाग को कई बार अपना प्रत्यावेदन दिया, लेकिन उनको नौकरी नहीं दी गई. जबकि विभाग में साल 1997 से अब तक कई पद खाली हैं. विभाग के द्वारा बार-बार टालमटोली करने पर उनके द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में 2011 में याचिका दायर की गई थी.

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