नैनीताल: लॉकडाउन के चलते विभिन्न राज्यों में फंसे लोगों को वापस लाने में हो रही देरी पर नैनीताल हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए केंद्र और राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. कोर्ट ने 21 मई तक सरकार से रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से पूछा है कि प्रवासियों को लाने के लिये कितनी ट्रेनें चलाई जा रही हैं और अभी तक कितने लोग वापस लाए गए हैं. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि अब तक करीब 61 हजार लोगों को वापस लाया गया है और लोगों को लाने की प्रक्रिया जारी है.
सरकार के जवाब पर कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जिस गति से प्रवासियों को लाया जा रहा है. उससे लगता है कि सरकार को सभी प्रवासियों को लाने में करीब 6 महीने लगेंगे. कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से प्रवासियों को जल्द से जल्द वापस लाने को कहा है.
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धनौल्टी विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने याचिका दायर कर कहा था कि राज्य सरकार केवल प्रवासी मजदूरों को ही वापस ला रही है. जबकि लॉकडाउन के दौरान कई वर्ग के लोग फंसे हुए हैं. जिसमें बड़ी संख्या में छात्र भी शामिल हैं. लिहाजा सभी को वापस लाया जाना चाहिए और किसी के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए.
याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने नोटिस के जरिए पूछा है कि किस कारण से प्रवासियों को लाने में देरी हो रही है और उनको लाने में कितनी ट्रेनें और बसें चलाई जा रही हैं. 21 मई तक कोर्ट ने सरकार से रिपोर्ट पेश करने को कहा है.