नैनीताल: हाइकोर्ट ने रामनगर के सक्खनपुर में स्थित मनराल स्टोन क्रशर के अवैध रूप से संचालित होने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. साथ में हाईकोर्ट ने अगले बुद्धवार को सेक्रेटरी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए हैं.
कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि स्टोन क्रशर लगाने हेतु पीसीबी (पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड) की अनुमति से पहले सरकार ने अनुमति कैसे दे दी? किन नियमों के तहत ये अनुमति दी गई. पहले अनुमति पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से लेनी चाहिए थी. जबकि कोर्ट ने स्टोन क्रशर के संचालन पर रोक लगा रखी है. पूर्व में कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा था कि क्या राज्य में स्टोन क्रशर लगाने की अनुमति देने से पूर्व साइलेंट जोन, इंडस्ट्रियल ज़ोन और रेजिडेंशियल जोन का निर्धारण किया गया था या नहीं?
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पूर्व में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट को अवगत कराया गया था कि राज्य को बने हुए 21 साल हो गए हैं. अभी तक यह स्पस्ट नहीं हो पाया कि कौन सा क्षेत्र रेजिडेंशियल है और कौन सा क्षेत्र इंडस्ट्रियल और कौन सा क्षेत्र साइलेंट जोन है. जहां मर्जी हो वहां स्टोन क्रशर खोले जाने की अनुमति दी जा रही है. हाईकोर्ट ने भी अपने आदेश में कहा था कि न्यायालय के आदेश के बिना स्टोन क्रशर लगाने की अनुमति नहीं दी जाये. उसके बाद भी पीसीबी व सरकार ने पुरानी तिथि से इसे लगाने की अनुमति दे दी. यह स्टोन क्रशर आबादी क्षेत्र में लगाया गया है.
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रामनगर निवासी आनन्द सिंह नेगी ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि कॉर्बेट नेशनल पार्क के समीप सक्खनपुर में मनराल स्टोन क्रशर अवैध रूप से चल रहा है. स्टोन क्रशर के पास पीसीबी का लाइसेंस नहीं है. स्टोन क्रशर कॉर्बेट नेशनल पार्क के समीप लगाया है.