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HC ने काशीपुर तहसीलदार को सस्पेंड करने का दिया आदेश, जानें क्या है मामला - काशीपुर निवासी मो इमरान ने हाईकोर्ट में याचिका दायर

नैनीताल हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी उधमसिंह नगर को काशीपुर तहसीलदार को निलंबित करने का आदेश दिया है.

HC ने काशीपुर तहसीलदार को सस्पेंड करने का दिया आदेश
HC ने काशीपुर तहसीलदार को सस्पेंड करने का दिया आदेश
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Published : May 5, 2022, 6:23 PM IST

नैनीताल: हाईकोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या करने पर नैनीताल हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी उधमसिंह नगर को काशीपुर तहसीलदार को निलंबित करने का आदेश दिया है. इस कार्यवाही की रिपोर्ट 7 मई को हाईकोर्ट के समक्ष पेश करने को कहा है.

मामले के अनुसार काशीपुर निवासी मोहम्मद इमरान ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि तेली जाति तो राज्य सरकार द्वारा ओबीसी जाति के रूप में मान्यता दी गई है और उसने 1994 के अधिनियम के प्रावधानों के मुताबिक ओबीसी प्रमाण पत्र हेतु आवेदन किया था, जिसे तहसीलदार द्वारा खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता को जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए उच्च न्यायालय से एक आदेश प्राप्त करना होगा. जैसा कि 6 अगस्त 2021 को एक याचिका में उसके बड़े भाई ने प्राप्त किया था.

पढ़ें: बिजली दरों में बढ़ोत्तरी का मामला, हाईकोर्ट ने सरकार और UPCL से मांगा जवाब

न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने तहसीलदार काशीपुर के इस निर्णय को न्यायिक धारणा के खिलाफ मानते हुए याचिकाकर्ता को तुरंत मोहम्मद रिजवान बनाम उत्तराखंड सरकार में दिए निर्देशों के अनुसार ओबीसी प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश दिए हैं. हाइकोर्ट ने उधमसिंह नगर के जिलाधिकारी को उक्त तहसीलदार के विरूद्ध उचित प्रशासनिक कार्यवाही करने का निर्देश दिया है और इस आदेश के क्रियान्वयन की रिपोर्ट 7 मई को हाईकोर्ट में पेश करनी होगी.

नैनीताल: हाईकोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या करने पर नैनीताल हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी उधमसिंह नगर को काशीपुर तहसीलदार को निलंबित करने का आदेश दिया है. इस कार्यवाही की रिपोर्ट 7 मई को हाईकोर्ट के समक्ष पेश करने को कहा है.

मामले के अनुसार काशीपुर निवासी मोहम्मद इमरान ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि तेली जाति तो राज्य सरकार द्वारा ओबीसी जाति के रूप में मान्यता दी गई है और उसने 1994 के अधिनियम के प्रावधानों के मुताबिक ओबीसी प्रमाण पत्र हेतु आवेदन किया था, जिसे तहसीलदार द्वारा खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता को जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए उच्च न्यायालय से एक आदेश प्राप्त करना होगा. जैसा कि 6 अगस्त 2021 को एक याचिका में उसके बड़े भाई ने प्राप्त किया था.

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न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने तहसीलदार काशीपुर के इस निर्णय को न्यायिक धारणा के खिलाफ मानते हुए याचिकाकर्ता को तुरंत मोहम्मद रिजवान बनाम उत्तराखंड सरकार में दिए निर्देशों के अनुसार ओबीसी प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश दिए हैं. हाइकोर्ट ने उधमसिंह नगर के जिलाधिकारी को उक्त तहसीलदार के विरूद्ध उचित प्रशासनिक कार्यवाही करने का निर्देश दिया है और इस आदेश के क्रियान्वयन की रिपोर्ट 7 मई को हाईकोर्ट में पेश करनी होगी.

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