नैनीताल: उतराराखंड हाईकोर्ट में स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती एवं अनुज ब्रह्मचारी द्वारा साध्वी तृप्ता सरस्वती और साध्वी सुखजीत सरस्वती को धमकी देने के मामले पर सुनवाई हुई. मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने एसएसपी हरिद्वार को याचिकाकर्ताओं को सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने याचिकर्ताओं से कहा है कि वे इस संबंध में एक संपूर्ण प्रत्यावेदन एसएसपी को दें. मामले को सुनने के बाद खण्डपीठ ने याचिका को निस्तारित कर दी है.
मामले के अनुसार साध्वी तृप्ता सरस्वती व साध्वी सुखजीत सरस्वती ने अपनी सुरक्षा को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि हरिद्वार में पावन धाम यात्री गृह एवं मंदिर के संचालन गीता ट्रस्ट समिति मोंगा पंजाब द्वारा संचालित होता आया है. स्वामी सहज प्रकाश के ब्रह्मलीन होने के बाद स्वामी चिन्मयानंद एवं अनुज ब्रह्मचारी के द्वारा इस पर कब्जा किया गया है.
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इन्होंने स्वामी सहज प्रकाश के व्यक्तिगत कमरे का ताला तोड़कर वहां से सोने के आभूषण एवं ट्रस्ट के सारे कागजात गायब कर दिए है. जिसकी रिकॉर्डिंग वहां लगे सीसीटीवी फुटेज में दर्ज है. जबकि स्वामी सहज प्रकाश ने उनके नाम पर 2 नवंबर 2000 को ट्रस्ट की वसीयत कर दी थी.
जब वे ट्रस्ट में गए तो उन्हें स्वामी चिन्मयानंद व अनुज ब्रह्मचारी द्वारा अंदर नहीं घुसने दिया जा रहा है और जानमाल की धमकी दी जा रही है. अपनी सुरक्षा व सम्पति को लेकर उन्होंने एसएसपी हरिद्वार को 28 जनवरी 2021 को एक प्रत्यावेदन भी दिया था, जिस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई.