नैनीतालः सरकारी बंगला समेत अन्य किराया भत्ता जमा करने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई. कोर्ट ने राज्य सरकार से महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी समेत सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही नोटिस जारी करने की विस्तृत रिपोर्ट 10 दिन के भीतर कोर्ट में पेश करने को कहा है.
बता दें कि देहरादून की रूरल लिटिगेशन संस्था ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकार की ओर से सरकारी भवन समेत अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं. जो गलत है.
साथ ही कहा कि जब से पूर्व मुख्यमंत्री सरकारी भवन का इस्तेमाल कर रहे हैं, उनसे उक्त अवधि के दौरान का किराया वसूलने की मांग भी की गई थी. जिस पर इससे पहले मुख्य न्यायाधीशों की खंडपीठ ने प्रदेश के सभी मुख्यमंत्रियों को बकाया राशि जमा करने के आदेश दिए हैं.
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मामले में पिछली सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस जारी किए थे, लेकिन उनके किसी भी पते पर नोटिस रिसीव नहीं किए गए. जिसके बाद मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन, न्यायाधीश नारायण सिंह धनीक की खंडपीठ ने सुनवाई की. इस दौरान खंडपीठ ने राज्य सरकार को सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं.
किस मुख्यमंत्रियों पर कितना बकाया-
- पूर्व सीएम रमेश पोखरियाल निशंक पर 40 लाख 95 हजार रुपये बकाया.
- बीसी खंडूड़ी पर 46 लाख 59 हजार रुपये बकाया.
- विजय बहुगुणा पर 37 लाख 50 हजार रुपये बकाया.
- भगत सिंह कोश्यारी पर 47 लाख 57 हजार रुपये बकाया.
- पूर्व मुख्यमंत्री स्व. एनडी तिवारी के नाम पर एक करोड़ 13 लाख रुपये की राशि बकाया है.
वहीं, पिछली सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले का किराया और अन्य भत्ते जमा करने के आदेश दिए थे. जिसके बाद राज्य सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के मामले में एक अध्यादेश जारी किया. जिसमें सरकारी घर समेत अन्य भत्तों को जमा ना करने की छूट दी थी.
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इस फैसले को याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और कोर्ट ने सभी मुख्यमंत्रियों को बाजार भाव से किराया जमा करने का आदेश दिए थे. कोर्ट के इस आदेश के बाद सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के भत्ते और किराया जमा करने के मामले में फिर एक एक्ट जारी किया.
जिसमें सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से स्टैंडर्ड रेंट जमा करने का फैसला किया गया. जिसे एक बार फिर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में चुनौती दी. उधर, सरकार ने 5 पूर्व मुख्यमंत्रियों पर 2 करोड़ 85 लाख रुपये की राशि बकाया होने की रिर्पोट कोर्ट में पेश की थी.