नैनीतालः उत्तराखंड में ग्राम प्रहरी और ग्राम रक्षकों को न्यूनतम वेतन और कोर्ट के आदेश की पालन ना करने के मामले में हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. इसी कड़ी में कोर्ट ने गृह सचिव और राजस्व सचिव के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया है. साथ ही मामले में चार हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.
बता दें कि पिथौरागढ़ निवासी ग्राम प्रहरी प्रकाश सिंह और ग्राम रक्षक हरक राम ने नैनीताल हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि वो लोग लंबे समय से गांवों में ग्राम प्रहरी और ग्राम रक्षक के पद पर तैनात हैं और गांव की रक्षा करते हैं, लेकिन सरकार उन्हें न्यूनतम वेतन नहीं दे रही है. जिससे उन्हें आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
याचिकाकर्ताओं ने बताया कि मामले को लेकर उन्होंने कई बार सरकार से भी बात की, लेकिन उनकी बातों पर विचार नहीं किया गया. जिसके बाद निराश होकर उन्होंने हाई कोर्ट की शरण ली है.
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वहीं, मामले को गंभीरता से लेते हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और गृह सचिव समेत राजस्व सचिव को 8 हफ्ते के भीतर इन सभी ग्राम प्रहरी और ग्राम रक्षकों को न्यूनतम वेतन देने और उनके प्रत्यावेदन का निस्तारण करने को भी कहा था, लेकिन कोर्ट के आदेश पर विचार नहीं किया गया.
उधर, ग्राम प्रहरी प्रकाश सिंह और ग्राम रक्षक हरक राम ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की और कहा कि सरकार के द्वारा कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है.
इसी कड़ी में मंगलवार को हाई कोर्ट के न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की एकल पीठ ने गृह सचिव और राजस्व सचिव के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया है. साथ ही उन्हें चार हफ्ते के भीतर अपना जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.