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आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों में फीस वृद्धि पर HC सख्त, राज्य सरकार से दो हफ्तों में मांगा जवाब

आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों में फीस बढ़ाने को लेकर दी गई याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार, सचिव आयुष, निर्देशक आयुष समेत 12 आयुर्वेदिक कॉलेजों को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों में फीस वृद्धि पर HC का ने अपनाया सख्त रुख.
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Published : Aug 7, 2019, 9:47 AM IST

Updated : Aug 7, 2019, 12:10 PM IST

नैनीताल: आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों में मनमाने ढ़ग से फीस बढ़ाने को लेकर दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने मंगलवार को संज्ञान लिया. कोर्ट ने फीस वसूलने के मामले में सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार, सचिव आयुष, निर्देशक आयुष समेत 12 आयुर्वेदिक कॉलेजों को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

आपको बता दें कि देहरादून निवासी मोहित उनियाल ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने प्रदेश के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के द्वारा छात्रों की फीस 80 हजार से बढ़ाकर 2 लाख 15 हजार करने और छात्रों को फीस जमा करने के लिए कॉलेज प्रबंधन द्वारा दबाव डालने का जिक्र किया था. मामले को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार, सचिव आयुष, निर्देशक आयुष समेत 12 आयुर्वेदिक कॉलेजों से दो सप्ताह में जवाब मांगा है.

जानकारी देते अधिवक्ता याचिकाकर्ता विजय भट्ट.

याचिकाकर्ता मोहित उनियाल ने बताया कि अगर कॉलेज प्रबंधन को फीस बढ़ानी थी तो उन्हें नए सत्र 2021-22 से फीस लागू करनी चाहिए थी. लेकिन कॉलेज प्रबंधन मनमाना रुख अपनाते हुए पुराने छात्रों से भी फीस वसूलने का काम कर रहा है. जो नियमों के विरुद्ध है.

ये भी पढ़े: मौत के चंद घंटों पहले सुषमा ने लिखा '...इसी दिन का था इंतजार'

साथ ही याचिकाकर्ता मोहित उनियाल ने कहा कि कॉलेज द्वारा बढ़ाई गई फीस जमा नहीं करने पर छात्रों को कॉलेज में पढ़ने नहीं दिया जा रहा है. जिसके चलते उन्हें पाठ्यक्रम पूरा करने में देरी हो रही है. साथ ही कहा कि बीएएमएस का कोर्स 4 साल 6 माह का होता है. लेकिन कॉलेज द्वारा छात्रों से 5 साल की फीस जमा कराई जा रही है.

नैनीताल: आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों में मनमाने ढ़ग से फीस बढ़ाने को लेकर दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने मंगलवार को संज्ञान लिया. कोर्ट ने फीस वसूलने के मामले में सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार, सचिव आयुष, निर्देशक आयुष समेत 12 आयुर्वेदिक कॉलेजों को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

आपको बता दें कि देहरादून निवासी मोहित उनियाल ने नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने प्रदेश के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के द्वारा छात्रों की फीस 80 हजार से बढ़ाकर 2 लाख 15 हजार करने और छात्रों को फीस जमा करने के लिए कॉलेज प्रबंधन द्वारा दबाव डालने का जिक्र किया था. मामले को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार, सचिव आयुष, निर्देशक आयुष समेत 12 आयुर्वेदिक कॉलेजों से दो सप्ताह में जवाब मांगा है.

जानकारी देते अधिवक्ता याचिकाकर्ता विजय भट्ट.

याचिकाकर्ता मोहित उनियाल ने बताया कि अगर कॉलेज प्रबंधन को फीस बढ़ानी थी तो उन्हें नए सत्र 2021-22 से फीस लागू करनी चाहिए थी. लेकिन कॉलेज प्रबंधन मनमाना रुख अपनाते हुए पुराने छात्रों से भी फीस वसूलने का काम कर रहा है. जो नियमों के विरुद्ध है.

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साथ ही याचिकाकर्ता मोहित उनियाल ने कहा कि कॉलेज द्वारा बढ़ाई गई फीस जमा नहीं करने पर छात्रों को कॉलेज में पढ़ने नहीं दिया जा रहा है. जिसके चलते उन्हें पाठ्यक्रम पूरा करने में देरी हो रही है. साथ ही कहा कि बीएएमएस का कोर्स 4 साल 6 माह का होता है. लेकिन कॉलेज द्वारा छात्रों से 5 साल की फीस जमा कराई जा रही है.

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प्रदेश में आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों द्वारा बड़ाई की फीस के मामले में हाईकोर्ट सख्त हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और कॉलेजों से मांगा जवाब।

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नैनीताल हाईकोर्ट में प्रदेश के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजो द्वारा छात्रों से मनमाने तरीके से फिस वसूलने के मामले में सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार, सचिव आयुष, निर्देशक आयुष समेत 12 आयुर्वेदिक कॉलेजों को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं।




Body:आपको बता दें कि देहरादून निवासी मोहित उनियाल ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि प्रदेश के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के द्वारा छात्रों की फीस 80 हजार से बढ़ाकर 2 लाख 15 हजार कर दी है और छात्रों को फीस जमा करने के लिए कालेज प्रबंधन दबाव डाल रहे हैं साथ ही याचिकाकर्ता का कहना है कि अगर कॉलेज प्रबंधन फीस बढ़ाना था तो उनको नए सत्र 2021-22 से फीस लागू करनी थी लेकिन कॉलेज प्रबंधन मनमाने ढंग से पुराने छात्रों से भी फील वसूलने का काम कर रहे हैं जो नियम विरुद्ध है।


Conclusion:साथ ही याचिकाकर्ता का कहना है कि कॉलेज की बढ़ी हुई फीस नहीं देने पर छात्रों को कॉलेज में पढ़ने नहीं दिया जा रहा है जिससे उनका का पाठ्यक्रम लेट हो रहा है, यही नहीं याचिकाकर्ता का कहना है कि उनका बीएएमएस का कोर्स साढे 4 साल का होता है और कॉलेज के द्वारा छात्रों से 5 साल की फीस जमा कराई जा रही है।
मामले को गंभीरता से लेते हुए हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने मामले को सुनते हुए राज्य सरकार, सचिव आयुष, निर्देशक आयुष समेत 12 आयुर्वेदिक कॉलेजों को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह के भीतर अपना जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं।

बाइट - विजय भट्ट अधिवक्ता याचिकाकर्ता।
Last Updated : Aug 7, 2019, 12:10 PM IST
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