नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी के गौलापार में प्रस्तावित इंटर स्टेट बस टर्मिनल (आईएसबीटी) को तीनपानी में शिफ्ट किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने जनहित याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह कैबिनेट का निर्णय है. सरकार की पॉलिसी के अनुसार इसे कहीं भी शिफ्ट किया जा सकता है.
रवि शकंर जोशी ने हाईकोर्ट में दायर की थी जनहित याचिका: सरकार ने आज कोर्ट को बताया कि गौलापार में पूर्व में चिन्हित आईएसबीटी की जगह अब दूसरे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के लिए जमीन रिजर्व की गई है, इसलिए इसे सरकार दूसरी जगह शिफ्ट करना चाहती है. मामले के अनुसार हल्द्वानी निवासी रवि शंकर जोशी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि सरकार आईएसबीटी के नाम पर राजनीति कर बार-बार आईएसबीटी की जगह बदल रही है. सरकार की ओर से 2008 में गौलापार में वन विभाग की आठ एकड़ भूमि पर आईएसबीटी बनाने के लिए संस्तुति की जा चुकी थी.
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गौलापार आईएसबीटी बनाने के लिए उपयुक्त जगह: केंद्र सरकार से भी इसकी अनुमति मिल चुकी है और राज्य सरकार वहां 11 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है. आईएसबीटी निर्माण के लिए वहां पर 2,625 पेड़ काटे जा चुके हैं. गौलापार के अलावा आईएसबीटी बनाने के लिए हल्द्वानी में कहीं भी इससे अधिक जमीन नहीं है. इसके बाद भी सरकार इतने पेड़ काटे जाने व सरकारी धन का दुरुपयोग करने के बाद आईएसबीटी को हल्द्वानी के तीनपानी में बनाना चाहती है. गौलापार आईएसबीटी बनाने के लिए उपयुक्त जगह है. यहां पर इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम भी बन चुका है. ऐसे में शहर जाममुक्त भी रहेगा, इसलिए आईएसबीटी को यहां से दूसरी जगह शिफ्ट नहीं किया जाए. लेकिन हाईकोर्ट रवि शंकर जोशी की दलीलों से संतुष्ट नहीं हुई.
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