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नैनीताल उच्च न्यायालय ने CBSE और राज्य सरकार से मांगा जवाब - nainita High court

स्पोर्ट्स फीस, टीचर ट्रेनिंग फीस समेत प्रत्येक बच्चे से 300 रुपए रजिस्ट्रेशन फीस स्कूलों से सीबीएसईस द्वारा मांग किए जाने का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है. मामले की सुनवाई में हाई कोर्ट ने सीबीएसई समेत राज्य सरकार को 2 सप्ताह के भीतर जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

नैनीताल हाई कोर्ट
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Published : Oct 14, 2020, 2:03 PM IST

Updated : Oct 15, 2020, 2:05 PM IST

नैनीताल: सीबीएसई द्वारा स्कूलों से स्पोर्ट्स फीस, टीचर ट्रेनिंग फीस समेत प्रत्येक बच्चे से 300 रुपए रजिस्ट्रेशन फीस लेने का मामला एक बार फिर नैनीताल हाई कोर्ट कि शरण में पहुंच गया है. मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि विजय कुमार मलिमथ की खंडपीठ ने सीबीएसई समेत राज्य सरकार को 2 सप्ताह के भीतर जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

नैनीताल उच्च न्यायालय ने CBSE और राज्य सरकार से मांगा जवाब.

आपको बता दें कि उधम सिंह नगर प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि राज्य सरकार ने 22 जून 2020 को शासनादेश जारी किया था. जिसमें लॉकडाउन में प्राइवेट स्कूल को किसी भी बच्चे का नाम स्कूल से नहीं काटेंगे और उनसे ट्यूशन फीस के अलावा कोई फीस नहीं लेने को कहा था. जिसे प्राइवेट स्कूलों ने मान लिया, लेकिन 1 सितंबर 2020 को सीबीएसई द्वारा को नोटिस जारी कर बोर्ड द्वारा संचालित सभी स्कूल 10 हजार रुपए स्पोर्ट फीस, 10 हजार रुपये टीचर ट्रेनिंग फीस और 300 रुपये प्रत्येक बच्चे के रजिस्ट्रेशन पर बोर्ड को 4 नवंबर तक जमा करने को कहा. साथ अगर 4 नवंबर तक भुगतान नहीं किया गया तो 2000 हजार रुपये प्रत्येक बच्चे के हिसाब से पेनाल्टी देनी होगी.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड राज्यसभा चुनाव: जानिए कौन बनेगा FACE, किन दिग्गजों के बीच लगी है रेस

सीबीएसई के इस आदेश को प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन द्वारा हाई कोर्ट में चुनौती दी. एसोसिएशन का यह भी कहना है कि सीबीएसई न तो किसी बच्चे का रजिस्ट्रेशन रदद् कर सकती है और नहीं उनसे ट्यूशन फीस के अलावा कोई फीस ले सकती है. सीबीएसई द्वारा यह दवाब डाला जा रहा है. लिहाजा, सीबीएसई के इस आदेश पर रोक लगाई जाए, क्योंकि इस समय न तो टीचर्स की ट्रेनिंग हो रही है, नहीं कोई स्पोर्ट्स हो रहे हैं. बोर्ड द्वारा संचालित स्कूल तो बोर्ड और राज्य के बीच मे फंस गए हैं. मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सीबीएसई समेत राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

नैनीताल: सीबीएसई द्वारा स्कूलों से स्पोर्ट्स फीस, टीचर ट्रेनिंग फीस समेत प्रत्येक बच्चे से 300 रुपए रजिस्ट्रेशन फीस लेने का मामला एक बार फिर नैनीताल हाई कोर्ट कि शरण में पहुंच गया है. मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि विजय कुमार मलिमथ की खंडपीठ ने सीबीएसई समेत राज्य सरकार को 2 सप्ताह के भीतर जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

नैनीताल उच्च न्यायालय ने CBSE और राज्य सरकार से मांगा जवाब.

आपको बता दें कि उधम सिंह नगर प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि राज्य सरकार ने 22 जून 2020 को शासनादेश जारी किया था. जिसमें लॉकडाउन में प्राइवेट स्कूल को किसी भी बच्चे का नाम स्कूल से नहीं काटेंगे और उनसे ट्यूशन फीस के अलावा कोई फीस नहीं लेने को कहा था. जिसे प्राइवेट स्कूलों ने मान लिया, लेकिन 1 सितंबर 2020 को सीबीएसई द्वारा को नोटिस जारी कर बोर्ड द्वारा संचालित सभी स्कूल 10 हजार रुपए स्पोर्ट फीस, 10 हजार रुपये टीचर ट्रेनिंग फीस और 300 रुपये प्रत्येक बच्चे के रजिस्ट्रेशन पर बोर्ड को 4 नवंबर तक जमा करने को कहा. साथ अगर 4 नवंबर तक भुगतान नहीं किया गया तो 2000 हजार रुपये प्रत्येक बच्चे के हिसाब से पेनाल्टी देनी होगी.

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सीबीएसई के इस आदेश को प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन द्वारा हाई कोर्ट में चुनौती दी. एसोसिएशन का यह भी कहना है कि सीबीएसई न तो किसी बच्चे का रजिस्ट्रेशन रदद् कर सकती है और नहीं उनसे ट्यूशन फीस के अलावा कोई फीस ले सकती है. सीबीएसई द्वारा यह दवाब डाला जा रहा है. लिहाजा, सीबीएसई के इस आदेश पर रोक लगाई जाए, क्योंकि इस समय न तो टीचर्स की ट्रेनिंग हो रही है, नहीं कोई स्पोर्ट्स हो रहे हैं. बोर्ड द्वारा संचालित स्कूल तो बोर्ड और राज्य के बीच मे फंस गए हैं. मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सीबीएसई समेत राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

Last Updated : Oct 15, 2020, 2:05 PM IST
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