नैनीताल: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इन दिनों कुमाऊं के दौरे पर है. पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा में आपदा ग्रस्त क्षेत्रों को दौरा करने के बाद गुरुवार को हरदा नैनीताल पहुंचे, जहां कांग्रेसियों ने उनका जोरदार स्वागत किया. इस दौरान उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया और उन्हें 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए उनमें जोश भी भरा. साथ ही उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से पहाड़ी जिलों के लिए उच्च स्तरीय अध्ययन दल का गठन करने की मांग की है.
हरदा के कहा कि वे कि उत्तराखंड के दूरस्थ जिले पिथौरागढ़ में गए थे, जहां उन्होंने धारचूला तहसील के अंतर्गत आने वाले आपदा ग्रस्त क्षेत्रों को दौरा किया था. इस क्षेत्रों में आई आपदा हिमलायी सुनामी से कम नहीं थी. वहां लोगों को काफी परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है.
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हरदा के कहा कि अभी पहाड़ी क्षेत्रों की जो स्थिति है वह भविष्य के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकती है. आपदा प्रभावित क्षेत्र में रहे लोगों को जल्द से जल्द कई ओर विस्थापित किया जाना चाहिए. पूर्व की कांग्रेस सरकार ने पुनर्वास को लेकर जो रिपोर्ट तैयार की थी. सरकार को उसका अध्ययन करना चाहिए. राज्य सरकार को आपदा के मानकों में सुधार की आवश्यकता है.
हरदा के मुताबिक, 2016 में उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए आपदा के मानकों में सुधार किए गए थे. हालांकि, उसमें भी कुछ कमियां रह गई थी. लिहाजा राज्य सरकार को उन कमियों को दूर आपदा के मानकों में सुधार करना चाहिए.
हरदा ने कहा कि इन दिनों उत्तराखंड में आपदा के नए-नए संकेत मिल रहे हैं, जो भविष्य के लिए खतरनाक साबित होंगे. लिहाजा, केंद्र और राज्य सरकार को उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों के लिए उच्च स्तरीय अध्ययन दल का गठन करना चाहिए. टीम में भूवैज्ञानिक, इंजीनियर और जल वैज्ञानिक समेत अन्य उच्च स्तरीय अधिकारियों होने चाहिए. ये टीम पहाड़ों को अध्यन कर और ईको डेवलपमेंट योजना बनाकर यहां की सुरक्षा का अध्यन करे.