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उत्तराखंड के बाद अब हरदा ने असम में संभाला मोर्चा, जीत दिलाना बनी बड़ी चुनौती

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का मुकाबला उत्तराखंड की नैनीताल सीट से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट से है. दोनों की ही किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है. जहां एक तरफ हरीश रावत असम पहुंचे वहीं दूसरी तरफ अजय भट्ट कार्यकर्ताओं से मिलकर चुनावी समीकरण निकाल रहे हैं.

असम पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत
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Published : Apr 13, 2019, 4:11 AM IST

Updated : Apr 13, 2019, 7:27 AM IST

हल्द्वानी: नैनीताल लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद हो चुका है. जिसके बाद अब हरीश रावत की अगली चुनौती असम में है जहां वे प्रदेश प्रभारी हैं. उत्तराखंड में 11 अप्रैल को मतदान समाप्ति के बाद शुक्रवार को हरीश रावत ने असम पहुंचकर पार्टी के लिए प्रचार शुरू कर दिया है.

बता दें कि हरीश रावत का मुकाबला उत्तराखंड की नैनीताल सीट से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट से है. दोनों की ही किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है. जहां एक तरफ हरीश रावत असम पहुंचे वहीं दूसरी तरफ अजय भट्ट अपने कार्यकर्ताओं से मिलकर चुनावी गणित का समीकरण निकाल रहे हैं.

दरअसल, हरीश रावत मतदान समाप्त होने के तुरंत बाद दिल्ली पहुंचे जहां से हवाई मार्ग के जरिए वह असम के लिए रवाना हुए. असम पहुंचकर उन्होंने पूरे दिन जनसंपर्क किया और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की. साथ ही उन्होंने असम के रंगिया विधानसभा क्षेत्र में प्रचार भी किया.

बता दें कि असम के 14 लोकसभा सीटों पर तीन चरणों में मतदान होना है. प्रथम चरण का मतदान 11 अप्रैल को 5 सीटों पर संपन्न हुआ. दूसरे चरण में 5 सीटों पर 18 अप्रैल और 4 सीटों पर 23 अप्रैल को मतदान होना है. हरीश रावत का कहना है कि असम का प्रभारी होने के नाते उनकी जिम्मेदारी है कि वह इन सभी सीटों पर कांग्रेस को विजय दिलाए.

हल्द्वानी: नैनीताल लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद हो चुका है. जिसके बाद अब हरीश रावत की अगली चुनौती असम में है जहां वे प्रदेश प्रभारी हैं. उत्तराखंड में 11 अप्रैल को मतदान समाप्ति के बाद शुक्रवार को हरीश रावत ने असम पहुंचकर पार्टी के लिए प्रचार शुरू कर दिया है.

बता दें कि हरीश रावत का मुकाबला उत्तराखंड की नैनीताल सीट से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट से है. दोनों की ही किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है. जहां एक तरफ हरीश रावत असम पहुंचे वहीं दूसरी तरफ अजय भट्ट अपने कार्यकर्ताओं से मिलकर चुनावी गणित का समीकरण निकाल रहे हैं.

दरअसल, हरीश रावत मतदान समाप्त होने के तुरंत बाद दिल्ली पहुंचे जहां से हवाई मार्ग के जरिए वह असम के लिए रवाना हुए. असम पहुंचकर उन्होंने पूरे दिन जनसंपर्क किया और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की. साथ ही उन्होंने असम के रंगिया विधानसभा क्षेत्र में प्रचार भी किया.

बता दें कि असम के 14 लोकसभा सीटों पर तीन चरणों में मतदान होना है. प्रथम चरण का मतदान 11 अप्रैल को 5 सीटों पर संपन्न हुआ. दूसरे चरण में 5 सीटों पर 18 अप्रैल और 4 सीटों पर 23 अप्रैल को मतदान होना है. हरीश रावत का कहना है कि असम का प्रभारी होने के नाते उनकी जिम्मेदारी है कि वह इन सभी सीटों पर कांग्रेस को विजय दिलाए.

Intro:सलग -हरीश रावत की अगली चुनौती कांग्रेस पार्टी को जीत दिलाने पहुंचे असम। रिपोर्टर -भावना पंडित /हल्द्वानी एंकर- उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत उत्तराखंड के नैनीताल लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ उनकी किस्मत का फैसला 11 अप्रैल को ईवीएम में कैद हो चुका है। अब हरीश रावत की अगली चुनौती असम में है जहां हरीश रावत असम के प्रभारी है। 11 अप्रैल को मतदान समाप्ति के बाद आज हरीश रावत आज असम पहुंच पार्टी के लिए प्रचार शुरू कर दिया है।


Body:पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और कांग्रेस के राष्ट्रीय महा सचिव नैनीताल लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी थे । हरीश रावत का मुकाबला बीजेपी के प्रत्याशी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट बीजेपी से है। अजय भट्ट और हरीश रावत के किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद हो गया है.। अजय भट्ट आज अपने कार्यकर्ताओं से मिल चुनावी गणित का समीकरण निकाल रहे हैं तो वहीं हरीश रावत मतदान समाप्त के तुरंत बाद दिल्ली पहुंचे जहां हवाई मार्ग के जरिए आसाम पहुंचे आज पूरे दिन जनसंपर्क किया और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक लिया। हरीश रावत आज असम के रंगिया विधानसभा क्षेत्र में प्रचार किया। गौरतलब है कि असम के 14 लोकसभा सीटों पर तीन चरणों में मतदान होना है। प्रथम चरण का मतदान 11 अप्रैल को संपन्न हुआ जहां 5 सीटों पर मतदान हुआ। दूसरे चरण में 5 सीटों पर 18 अप्रैल को मतदान होना है। जबकि 23 अप्रैल को 4 सीटों पर मतदान होना है। असम के प्रभारी होने के नाते हरीश रावत की जिम्मेदारी बनती है कि इन सभी सीटों पर कांग्रेस को विजय दिलाए।


Conclusion: हरीश रावत के लिए अब दुगनी चुनौती हो चुकी है एक तरफ नैनीताल सीट हरीश रावत के लिए नाक का सवाल बना हुआ है तो वहीं हरीश रावत के ऊपर दूसरी बड़ी जिम्मेदारी असम की है जहां पर उनको सभी 14 सीटों पर कांग्रेस की विजय दिलानी है। 23 मई को परिणाम आने के बाद ही ही पता चल पाएगा कि हरीश रावत कांग्रेस हाईकमान के उम्मीदो पर कितना खरा उतरते हैं।
Last Updated : Apr 13, 2019, 7:27 AM IST
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