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कुमाऊं में हरेला की धूम, पारंपरिक वेशभूषा में स्कूली छात्रों ने दी रंगारंग प्रस्तुति

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Published : Jul 21, 2019, 7:54 PM IST

नैनीताल में हरेला पर्व के मौके पर बच्चों को लोक पर्व व लोक संस्कृति के प्रति जागरूक और इससे रूबरू कराया गया. साथ ही रैली निकालकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया.

harela fest

नैनीतालः हरियाली का प्रतीक हरेला पर्व सरोवर नगरी में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में लेकसिटी वेलफेयर के तत्वाधान में हरेला महोत्सव का आयोजन किया गया. इस दौरान स्कूली छात्र-छात्राओं ने पारंपरिक वेशभूषा में बढ़-चढ़कर भाग लिया. साथ ही कार्यक्रम में रंगारंग प्रस्तुति भी दी. वहीं, स्कूली छात्रों ने रैली निकालकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश ही दिया.

नैनीताल में धूमधाम से मनाया गया हरेला पर्व.

उत्तराखंड में हरेला पर्व हर साल 15 जुलाई से लेकर 14 अगस्त तक मनाया जाता है. कुमाऊं में इस पर्व को धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस दौरान जगह-जगह पौधरोपण किया जाता है. जिससे हरियाली बढ़ सके और पर्यावरण को संरक्षित भी किया जा सके.

इसी कड़ी में नैनीताल में लेकसिटी वेलफेयर ने हरेला महोत्सव का आयोजन किया. बच्चों को लोक पर्व व लोक संस्कृति के प्रति जागरूक और इससे रूबरू कराने के लिए जिले के विभिन्न स्कूली छात्रों को भी बुलाया गया था. जिससे छात्र अपने संस्कृति को जान सके और उत्तराखंड की संस्कृति भी बची रहे.

harela fest
कार्यक्रम में प्रस्तुति देते छात्र.

ये भी पढ़ेंः सावन का पहला सोमवार, ऐसे करें जलाभिषेक, मिलेगा मनोवांछित फल

वहीं, कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कुमाऊं मंडल विकास निगम की उपाध्यक्ष रेनू अधिकारी ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने कहा हरेला उत्तराखंड की लोक परंपराओं का प्रतीक है. यहां जितने भी त्योहार मनाए जाते हैं, उनका अपना अलग ही महत्व है. जिसे संजोए रखने की दरकार है. रेनू अधिकारी ने कहा सभी को मिलकर पेड़ लगाने के साथ उनकी देखरेख भी करनी होगी. तभी हमारा प्रदेश हरियाली प्रदेश बन सकेगा.

नैनीतालः हरियाली का प्रतीक हरेला पर्व सरोवर नगरी में धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में लेकसिटी वेलफेयर के तत्वाधान में हरेला महोत्सव का आयोजन किया गया. इस दौरान स्कूली छात्र-छात्राओं ने पारंपरिक वेशभूषा में बढ़-चढ़कर भाग लिया. साथ ही कार्यक्रम में रंगारंग प्रस्तुति भी दी. वहीं, स्कूली छात्रों ने रैली निकालकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश ही दिया.

नैनीताल में धूमधाम से मनाया गया हरेला पर्व.

उत्तराखंड में हरेला पर्व हर साल 15 जुलाई से लेकर 14 अगस्त तक मनाया जाता है. कुमाऊं में इस पर्व को धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस दौरान जगह-जगह पौधरोपण किया जाता है. जिससे हरियाली बढ़ सके और पर्यावरण को संरक्षित भी किया जा सके.

इसी कड़ी में नैनीताल में लेकसिटी वेलफेयर ने हरेला महोत्सव का आयोजन किया. बच्चों को लोक पर्व व लोक संस्कृति के प्रति जागरूक और इससे रूबरू कराने के लिए जिले के विभिन्न स्कूली छात्रों को भी बुलाया गया था. जिससे छात्र अपने संस्कृति को जान सके और उत्तराखंड की संस्कृति भी बची रहे.

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कार्यक्रम में प्रस्तुति देते छात्र.

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वहीं, कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कुमाऊं मंडल विकास निगम की उपाध्यक्ष रेनू अधिकारी ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने कहा हरेला उत्तराखंड की लोक परंपराओं का प्रतीक है. यहां जितने भी त्योहार मनाए जाते हैं, उनका अपना अलग ही महत्व है. जिसे संजोए रखने की दरकार है. रेनू अधिकारी ने कहा सभी को मिलकर पेड़ लगाने के साथ उनकी देखरेख भी करनी होगी. तभी हमारा प्रदेश हरियाली प्रदेश बन सकेगा.

Intro:Summry
कुमाऊं में हरियाली के त्योहार के रूप में मनाया जाने वाले पर्व हरेले के धूम मची हुई है।
Intro
कुमाऊं में हर साल 15 जुलाई से लेकर 14 अगस्त माह तक हरेला त्योहार मनाया जाता है, ओर इस पूरे माह कुमाऊ में जगह जगह वृक्षारोपण करे जाते है, ताकि हरियाली बढ़ सके,और पर्यावरण को संरक्षित भी करा जा सके, ताकि उत्तराखंड समेत पूरे देश को साफ हवा मिल सके।Body:प्रकृति प्रेम और हरियाली का प्रतीक हरेला पर्व नैनीताल मैं भी बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है वही आज लेकसिटी वेलफेयर द्वारा हरेली महोत्सव का आयोजन किया गया,, जिसमें पारंपरिक वेशभूषा में स्कूली बच्चों द्वारा बढ़-चढ़कर भाग लिया गया और रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए साथ ही स्कूली बच्चों द्वारा रैली निकाल के प्रकृति को बचाने के संदेश भी दिए,,,
वही कार्यकम में बच्चो को लोक पर्व ओर लोक संस्कृति के प्रति जागरूक करने के लिए नैनीताल के विभिन्न स्कूलों के बच्चों को भी बुलाया गया, ताकि बच्चे लोक संस्कृति और पर्व के प्रति जागरूक करा जा सके और उत्तराखंड की संस्कृति बची रहे, ओर बच्चे इस संस्कृति को ग्रहण कर सके।Conclusion:कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंची कुमाऊँ मंडल विकास निगम की उपाध्यक्ष रेनू अधिकारी ने कहा हरेला उत्तराखण्ड की लोक परम्पाराओं का प्रतिक है उन्होने कहा उत्तराखण्ड में जितने भी त्यौहार मनाए जाते है उनकी अपना अलग महत्व है इसको संजोए रखना सभी के आवश्यक है। रेनू अधिकारी ने कहा सभी को मिलकर पेड लगाने के साथ उनकी देखरेख भी करनी होगी तभी हमारा प्रदेश हरियाली प्रदेश बन सकेगा।

बाईट- रेनू अधिकारी, उपाध्यक्ष, कुमाऊं मंडल विकास निगम।
बाइट - रजनी र्फत्याल, छात्रा।
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