रामनगर: सरकार को बेवकूफ बताने वाले बयान पर वन मंत्री हरक सिंह रावत ने सफाई दी है. रामनगर पहुंचे हरक सिंह रावत ने कहा है कि उनके बयान को बढ़ाचढ़ा दिखाया जा रहा है. दरअसल, हरक सिंह रावत आजादी के अमृत महोत्सव के समापन पर कॉर्बेट पार्क में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने रामनगर पहुंचे थे.
हरक सिंह रावत ने कहा है कि "मैंने ये कभी नहीं कहा कि सरकार बेवकूफ है. मैंने 2005 की घटना का उल्लेख किया. पौड़ी के रामलीला मैदान में तिवारी जी मुख्यमंत्री थे. मैंने उस समय अपने भाषण में कहा था कि जो शहीद हुए उत्तराखंड के लिए, अगर उनकी आत्मा कहीं से देख रही होगी, तो उसको दुःख हो रहा होगा कि मैंने इस राज्य के लिए बलिदान तो दिया. हमारा बलिदान व्यर्थ हो गया और नालायकों के लिए उत्तराखंड बनाया'.
हरक सिंह रावत ने आगे कहा कि "मैंने उस संदर्भ में एक बात कहीं. उसको किसी ने इसको तोड़ मरोड़कर दिखाया. मैंने विपक्ष के नेता के रूप में जब विधानसभा में बोला था, मैंने उस घटना का उल्लेख किया था. अपने संबोधन में अगर आप देखेंगे तो मेरा पूरा भाषण आपको समझ में आ जाएगा कि वह जानबूझकर किसी ने तोड़-मरोड़कर पेश किया गया''.
यह बात सच है " मैं अब भी कह रहा हूं आज गांव खाली हो गए हैं. इन 20 सालों में उसके लिए केवल सरकार दोषी नहीं है. हम सब भी दोषी हैं क्योंकि आज गांव में सड़क चली गई, बिजली चली गई, पानी चला गया लेकिन गांव खाली हो गया. खेती छोड़ दी लोगों ने बहाना बना रहे है. बंदर उजाड़ दे रहे हैं. मैं खुद काम कर रहा हूं, अपने गांव में मैंने लेमन ग्रास लगाए हैं, उसको ना बंदर खा रहा है. ना अन्य कोई चीज खा रहे हैं और ना नुकसान हो रहा है. उससे मैंने पिछली बार 4 लाख रुपये कमाए."
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मसूरी में दिया था बयान: मसूरी में उत्तराखंड पर्यटन एवं तीर्थाटन संरक्षण समिति द्वारा नगर पालिका परिषद के सभागार में कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत भी शामिल हुए थे. दौरान उन्होंने कहा कि आज शहीदों की आत्मांए रो रही होंगी. आज वो भी सोच रहे होंगे कि हमने इन नालायकों और बेवकूफों के हाथ में उत्तराखंड को सौंप दिया है. इसलिए मैं आपसे कहना चाहता हूं कि हमारी जिम्मेदारी है कि अगर हम सही मायनों में उत्तराखंड के हितैषी और प्रेमी हैं तो उन आत्माओं को रोने से रोकें. मैंने भी हंसा धनाई के सपने को पूरा नहीं कर पाया.
कांग्रेस में जाए जाने जाने पर बयान पर हरक सिंह रावत ने कहा कि वो कांग्रेस में नहीं जा रहे हैं. यह सिर्फ अफवाह है. उन्होंने कहा कि हरीश रावत भी सुन लें 'मान न मेहमान मैं तेरा मेहमान, ना नौ मन तेल होगा, ना राधा नाचेंगी. उन्होंने कहा कि इस संबंध में उनकी किसी भी कांग्रेसी नेता से बात नहीं हुई है.