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कोरोना ने गोलगप्पे के ठेले को बनाया 'स्मार्ट', सेंसर सिस्टम से आता है चटपटा पानी

कोरोना ने लोगों को तरह-तरह की तकनीक से रूबरू करा दिया है. हल्द्वानी के एक गोलगप्पे वाले ने गोलगप्पे के पानी के लिये सेंसर वाला सिस्टम क्या लगाया वो चर्चा का विषय बन गया.

Haldwanis chaat wala
सेंसर सिस्टम
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Published : Apr 10, 2021, 10:00 AM IST

हल्द्वानी: कहते हैं आवश्यकता आविष्कार की जननी है. हल्द्वानी के एक गोलगप्पे वाले के ठेले को देखकर भी यही लगा. इस गोलगप्पे वाले ने स्मार्ट ठेला बनाया है. यहां पर जब लोग गोलगप्पे या पानी पूरी या पानी बताशे या कहें फुचके खाने आते हैं तो ठेले वाला उन्हें अपने हाथों से भिगाकर गोलगप्पे में पानी भरकर नहीं देता. इस गोलगप्पे वाले ने स्मार्ट सेंसर वाला सिस्टम लगा रखा है. गोलगप्पे हाथ में लो और सेंसर वाले नल के नीचे लगाओ. अपनी इच्छा अनुसार साफ-सुथरा गोलगप्पे का पानी भरकर खा जाओ.

हल्द्वानी का 'स्मार्ट' गोलगप्पे वाला.

कोरोना ने बदल दिया सिस्टम

कोरोना संक्रमण काल में जहां लोगों को हजारों दिक्कतों का सामना करना पड़ा है, वहीं खाने-पीने के शौकीन कोरोना संक्रमण के डर के चलते बाहरी खाना-पीना कम कर चुके हैं. हल्द्वानी के माहेश्वरी चाट भंडार के स्वामी हरीश महेश्वरी ने एक हाईटेक ठेला तैयार किया है. यहां गोलगप्पा खाने के दौरान मसालेदार पानी हाथ से नहीं डाला जा रहा है. बल्कि सेंसर युक्त सिस्टम के माध्यम से गोलगप्पे में पानी डाला जा रहा है. कोरोना संक्रमण के मद्देनजर गोलगप्पा खाने से बचने वाले लोग अब चाव से गोलगप्पे खा रहे हैं.

आमतौर पर आपने गोलगप्पा खाने के दौरान दुकानदार द्वारा हाथों से गोलगप्पे में पानी डालते देखा होगा. ऐसे में कई बार लोग गोलगप्पा खाने से बचते थे. लेकिन हरीश महेश्वरी ने कोविड-19 काल में लोगों की आवश्यकता को देखते हुए अपने ठेले को हाईटेक बनाया है.

यूट्यूब पर देखा और अपना लिया

हरीश माहेश्वरी के मुताबिक इस कांसेप्ट को उन्होंने यूट्यूब पर देखा था. जिसके बाद उनके मन में विचार आया कि अपने ठेले को हाईटेक करते हुए लोगों को हाइजेनिक गोलगप्पा उपलब्ध कराया जाए. जिसके बाद उन्होंने ₹60,000 की लागत से अपने ठेले में सेंसर तकनीक के माध्यम से गोलगप्पा खिलाने की यूनिट तैयार करवायी है. इसमें अलग-अलग फ्लेवर के गोलगप्पे का पानी ले सकते हैं. खास बात यह है कि गोलगप्पे को तोड़कर सेंसर युक्त टोटी के नीचे लगाते ही बिना छुए या खोले आपके आवश्यकता के अनुसार चटपटा पानी भर देता है. अब हल्द्वानी के लोग बड़े चाव से गोलगप्पे खा रहे हैं.

ये भी पढ़ें: माता-पिता की याद में गरीबों को भोजन करवा रहा ये शख्स, पहाड़ों से चलकर पहुंचा हरिद्वार

दुकानदार हरीश महेश्वरी की मानें तो इस तरह के प्रयोग बाद उनकी दुकान पर गोलगप्पे खाने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. गोलगप्पा खाने वाले शौकीन बड़े चाव से गोलगप्पा खा रहे हैं और कोविड-19 संक्रमण से सुरक्षित महसूस कर रहे हैं.

हल्द्वानी: कहते हैं आवश्यकता आविष्कार की जननी है. हल्द्वानी के एक गोलगप्पे वाले के ठेले को देखकर भी यही लगा. इस गोलगप्पे वाले ने स्मार्ट ठेला बनाया है. यहां पर जब लोग गोलगप्पे या पानी पूरी या पानी बताशे या कहें फुचके खाने आते हैं तो ठेले वाला उन्हें अपने हाथों से भिगाकर गोलगप्पे में पानी भरकर नहीं देता. इस गोलगप्पे वाले ने स्मार्ट सेंसर वाला सिस्टम लगा रखा है. गोलगप्पे हाथ में लो और सेंसर वाले नल के नीचे लगाओ. अपनी इच्छा अनुसार साफ-सुथरा गोलगप्पे का पानी भरकर खा जाओ.

हल्द्वानी का 'स्मार्ट' गोलगप्पे वाला.

कोरोना ने बदल दिया सिस्टम

कोरोना संक्रमण काल में जहां लोगों को हजारों दिक्कतों का सामना करना पड़ा है, वहीं खाने-पीने के शौकीन कोरोना संक्रमण के डर के चलते बाहरी खाना-पीना कम कर चुके हैं. हल्द्वानी के माहेश्वरी चाट भंडार के स्वामी हरीश महेश्वरी ने एक हाईटेक ठेला तैयार किया है. यहां गोलगप्पा खाने के दौरान मसालेदार पानी हाथ से नहीं डाला जा रहा है. बल्कि सेंसर युक्त सिस्टम के माध्यम से गोलगप्पे में पानी डाला जा रहा है. कोरोना संक्रमण के मद्देनजर गोलगप्पा खाने से बचने वाले लोग अब चाव से गोलगप्पे खा रहे हैं.

आमतौर पर आपने गोलगप्पा खाने के दौरान दुकानदार द्वारा हाथों से गोलगप्पे में पानी डालते देखा होगा. ऐसे में कई बार लोग गोलगप्पा खाने से बचते थे. लेकिन हरीश महेश्वरी ने कोविड-19 काल में लोगों की आवश्यकता को देखते हुए अपने ठेले को हाईटेक बनाया है.

यूट्यूब पर देखा और अपना लिया

हरीश माहेश्वरी के मुताबिक इस कांसेप्ट को उन्होंने यूट्यूब पर देखा था. जिसके बाद उनके मन में विचार आया कि अपने ठेले को हाईटेक करते हुए लोगों को हाइजेनिक गोलगप्पा उपलब्ध कराया जाए. जिसके बाद उन्होंने ₹60,000 की लागत से अपने ठेले में सेंसर तकनीक के माध्यम से गोलगप्पा खिलाने की यूनिट तैयार करवायी है. इसमें अलग-अलग फ्लेवर के गोलगप्पे का पानी ले सकते हैं. खास बात यह है कि गोलगप्पे को तोड़कर सेंसर युक्त टोटी के नीचे लगाते ही बिना छुए या खोले आपके आवश्यकता के अनुसार चटपटा पानी भर देता है. अब हल्द्वानी के लोग बड़े चाव से गोलगप्पे खा रहे हैं.

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दुकानदार हरीश महेश्वरी की मानें तो इस तरह के प्रयोग बाद उनकी दुकान पर गोलगप्पे खाने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. गोलगप्पा खाने वाले शौकीन बड़े चाव से गोलगप्पा खा रहे हैं और कोविड-19 संक्रमण से सुरक्षित महसूस कर रहे हैं.

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