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चीन को टक्कर, हल्द्वानी की महिलाएं दिवाली के लिए बना रही हैं रंगीन LED झालर

नैनीताल जनपद के विकासखंड कोटाबाग के महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा बनाई जा रही रंगीन बल्बों की झालरें (एलईडी) इस बार दीपावली के मौके पर लोगों के घरों को रोशन करेंगी.

Haldwani news
हल्द्वानी समाचार
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Published : Oct 29, 2020, 4:04 PM IST

Updated : Oct 29, 2020, 4:18 PM IST

हल्द्वानी: नैनीताल जनपद के विकासखंड कोटाबाग के महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा रंगीन बल्बों की झालरें (एलईडी) बनाई जा रही हैं. ये स्वदेशी झालरें इस बार दीपावली के मौके पर लोगों के घरों को रोशन करेंगी. सस्ती एवं टिकाऊ झालरों का उत्पादन महिला क्लस्टर लेबल फेडरेशन के तहत कार्यरत 14 महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा किया जा रहा है. जिसके जरिए 40 महिलाओं को रोजगार मिला है. झालरों का निर्माण एलईडी ग्रोथ सेंटर के जरिए हो रहा है.

जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि इस ग्रोथ सेंटर का शुभारंभ जुलाई माह में हुआ था. चार माह के अंतराल में महिलाओं द्वारा झालर बनाकर और उनकी ब्रिकी से लगभग दो लाख की आय अर्जित की गई है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकल के लिए वोकल को देखते हुए विद्युत बल्बों की झालर बनाने के काम की शुरुआत की गई है. महिलाओं द्वारा कुशलतापूर्वक झालर निर्माण किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि जनपद में यह पहली दीपावली होगी जहां इन महिलाओं द्वारा बनाई रंगीन विद्युत झालरें जगमग होंगी. इनकी ब्रिकी के लिए जनपद में विभिन्न स्थानों पर स्टाल लगाए जा रहे हैं. ताकि झालरें आम आदमी तक पहुंचें. एलईडी बल्ब निर्माण ग्रोथ सेंटर का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को अपनी घरेलू दिनचर्या के साथ ही परिवार की आर्थिकी मजबूत करना है. उन्होने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण मिशन एक महत्वाकांक्षी मिशन है. जिसका उद्देश्य ग्रामीण परिवारों को संगठित कर उन्हें रोजगार के स्थायी अवसर उपलब्ध कराना है. उन्होंने कहा कि मिशन के अंतर्गत ग्रामीण स्तर पर गरीब परिवारों की महिलाओं को जोड़कर स्वयं सहायता समूह के जरिए कार्य किया जाए.

पढ़ें: बेटियों ने मुखाग्नि देकर निभाया बेटे का फर्ज, पीपीई किट पहनकर किया अंतिम संस्कार

इन महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा इसी योजना के अंतर्गत झालर बनाने का कार्य किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि महिलाओं द्वारा अपनी कुशलता से रंग-बिरंगे बल्ब, झूमर, लड़ियां और कछुआ आदि का निर्माण भी किया जा रहा है. एलईडी ग्रोथ सेन्टर को मशीनों, उपकरणों और अन्य सामग्री के लिए 28 लाख की धनराशि निर्गत की गई है. समूहों द्वारा कच्चे माल की उपलब्धता के आधार पर समूह की महिलाओं द्वारा 3 वाट, 7 वाट और 9 वाट के एलईडी बल्ब भी तैयार किए जा रहे हैं. समूह की महिलाओं को तीन से चार हजार रुपये तक की आय हो रही है.

हल्द्वानी: नैनीताल जनपद के विकासखंड कोटाबाग के महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा रंगीन बल्बों की झालरें (एलईडी) बनाई जा रही हैं. ये स्वदेशी झालरें इस बार दीपावली के मौके पर लोगों के घरों को रोशन करेंगी. सस्ती एवं टिकाऊ झालरों का उत्पादन महिला क्लस्टर लेबल फेडरेशन के तहत कार्यरत 14 महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा किया जा रहा है. जिसके जरिए 40 महिलाओं को रोजगार मिला है. झालरों का निर्माण एलईडी ग्रोथ सेंटर के जरिए हो रहा है.

जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि इस ग्रोथ सेंटर का शुभारंभ जुलाई माह में हुआ था. चार माह के अंतराल में महिलाओं द्वारा झालर बनाकर और उनकी ब्रिकी से लगभग दो लाख की आय अर्जित की गई है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकल के लिए वोकल को देखते हुए विद्युत बल्बों की झालर बनाने के काम की शुरुआत की गई है. महिलाओं द्वारा कुशलतापूर्वक झालर निर्माण किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि जनपद में यह पहली दीपावली होगी जहां इन महिलाओं द्वारा बनाई रंगीन विद्युत झालरें जगमग होंगी. इनकी ब्रिकी के लिए जनपद में विभिन्न स्थानों पर स्टाल लगाए जा रहे हैं. ताकि झालरें आम आदमी तक पहुंचें. एलईडी बल्ब निर्माण ग्रोथ सेंटर का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को अपनी घरेलू दिनचर्या के साथ ही परिवार की आर्थिकी मजबूत करना है. उन्होने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण मिशन एक महत्वाकांक्षी मिशन है. जिसका उद्देश्य ग्रामीण परिवारों को संगठित कर उन्हें रोजगार के स्थायी अवसर उपलब्ध कराना है. उन्होंने कहा कि मिशन के अंतर्गत ग्रामीण स्तर पर गरीब परिवारों की महिलाओं को जोड़कर स्वयं सहायता समूह के जरिए कार्य किया जाए.

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इन महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा इसी योजना के अंतर्गत झालर बनाने का कार्य किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि महिलाओं द्वारा अपनी कुशलता से रंग-बिरंगे बल्ब, झूमर, लड़ियां और कछुआ आदि का निर्माण भी किया जा रहा है. एलईडी ग्रोथ सेन्टर को मशीनों, उपकरणों और अन्य सामग्री के लिए 28 लाख की धनराशि निर्गत की गई है. समूहों द्वारा कच्चे माल की उपलब्धता के आधार पर समूह की महिलाओं द्वारा 3 वाट, 7 वाट और 9 वाट के एलईडी बल्ब भी तैयार किए जा रहे हैं. समूह की महिलाओं को तीन से चार हजार रुपये तक की आय हो रही है.

Last Updated : Oct 29, 2020, 4:18 PM IST
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