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विश्व ब्रेल दिवस: सुशीला तिवारी अस्पताल में बनेगा आई बैंक, आसानी से होगा कॉर्निया ट्रांसप्लांट

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Published : Jan 4, 2020, 1:32 PM IST

हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में आई बैंक की स्थापना होने जा रही है. जिससे उत्तराखंड के हजारों आंख के मरीज आसानी से कॉर्निया ट्रांसप्लांट करवा सकेंगे.

haldwani
हल्द्वानी में बनेगा आई बैंक

हल्द्वानी: विश्व ब्रेल दिवस के दिन आंख के मरीजों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में जल्द ही आई बैंक की स्थापना होने जा रही है. अब राज्य के मरीजों को कॉर्निया ट्रांसप्लांट के लिए दूसरे राज्यों में नहीं भटकना पड़ेगा. आई बैंक की स्थापना हो जाने से कॉर्निया ट्रांसप्लांट के साथ-साथ मरीजों के लिए नेत्रदान की भी सुविधा उपलब्ध होगी.

हल्द्वानी सुशीला तिवारी अस्पताल

उत्तराखंड में लगभग 20 हजार से भी अधिक मरीज कॉर्निया ट्रांसप्लांट कराने को लेकर इंतजार कर रहे हैं. वहीं ऋषिकेश एम्स में हर साल करीब हजार लोगों का ही कॉर्नियां ट्रांसप्लांट हो पाता है. ऐसे में हल्द्वानी में आई बैंक की स्थापना हो जाती है तो आंख के मरीजों के लिए यह वरदान साबित होगा.

सुशीला तिवारी अस्पताल के नेत्र रोग विभाग के प्रभारी जीएस तीतियाल ने बताया कि वर्तमान में कुमाऊं मंडल में कार्निया ट्रांसप्लांट और नेत्रदान के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. नेत्रदान के दौरान कुछ निजी संस्थाओं के साथ मिलकर नेत्रदान की प्रक्रिया की जाती है. जिसके बाद उक्त नेत्र को फ्रीज कर उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद भेजा जाता है.

ये भी पढ़े: विश्व ब्रेल दिवस: दिव्यांग बच्चों की राह आसान कर रही ब्रेल लिपि, हर क्षेत्र में लहरा रहे परचम

अब सुशीला तिवारी अस्पताल में आई बैंक की स्थापना होने जा रही है. जिसके लिए केंद्र सरकार से बजट भी मिल चुका है और व्यवस्था ठीक कर ली गई है. आई बैंक की स्थापना हो जाने के बाद यहां कार्निया ट्रांसप्लांट के साथ-साथ नेत्रदान की भी सुविधा होगी. जिससे उत्तराखंड के मरीजों को लाभ मिल सकेगा.

हल्द्वानी: विश्व ब्रेल दिवस के दिन आंख के मरीजों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में जल्द ही आई बैंक की स्थापना होने जा रही है. अब राज्य के मरीजों को कॉर्निया ट्रांसप्लांट के लिए दूसरे राज्यों में नहीं भटकना पड़ेगा. आई बैंक की स्थापना हो जाने से कॉर्निया ट्रांसप्लांट के साथ-साथ मरीजों के लिए नेत्रदान की भी सुविधा उपलब्ध होगी.

हल्द्वानी सुशीला तिवारी अस्पताल

उत्तराखंड में लगभग 20 हजार से भी अधिक मरीज कॉर्निया ट्रांसप्लांट कराने को लेकर इंतजार कर रहे हैं. वहीं ऋषिकेश एम्स में हर साल करीब हजार लोगों का ही कॉर्नियां ट्रांसप्लांट हो पाता है. ऐसे में हल्द्वानी में आई बैंक की स्थापना हो जाती है तो आंख के मरीजों के लिए यह वरदान साबित होगा.

सुशीला तिवारी अस्पताल के नेत्र रोग विभाग के प्रभारी जीएस तीतियाल ने बताया कि वर्तमान में कुमाऊं मंडल में कार्निया ट्रांसप्लांट और नेत्रदान के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. नेत्रदान के दौरान कुछ निजी संस्थाओं के साथ मिलकर नेत्रदान की प्रक्रिया की जाती है. जिसके बाद उक्त नेत्र को फ्रीज कर उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद भेजा जाता है.

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अब सुशीला तिवारी अस्पताल में आई बैंक की स्थापना होने जा रही है. जिसके लिए केंद्र सरकार से बजट भी मिल चुका है और व्यवस्था ठीक कर ली गई है. आई बैंक की स्थापना हो जाने के बाद यहां कार्निया ट्रांसप्लांट के साथ-साथ नेत्रदान की भी सुविधा होगी. जिससे उत्तराखंड के मरीजों को लाभ मिल सकेगा.

Intro:sammry- नेत्रहीन दिवस- सुशीला तिवारी अस्पताल में आई बैंक का होने जा रहा है स्थापना ,कार्निया ट्रांसप्लांट के लिएनहीं भटकना पड़ेगा इधर-उधर। प्रदेश में 20000 से अधिक रोगी अभी भी है कार्निया ट्रांसप्लांट के इंतजार में।( रेडी टू कैरी पैकेज)


एंकर- राज्य के मरीजों को कार्निया ट्रांसप्लांट कराने के लिए अब दूसरे राज्यों में नहीं भटकना पड़ेगा । हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में आई बैंक की स्थापना होने जा रही है जिसमें कार्निया ट्रांसप्लांट के साथ-साथ नेत्रदान की सुविधा उपलब्ध होगी ।बात उत्तराखंड की करें तो यहां 20000 से अधिक मरीज अभी भी कार्निया ट्रांसप्लांट कराने के इंतजार में हैं ।जबकि एम्स ऋषिकेश में हर साल करीब 1000 मरीजों का ही कार्य ट्रांसप्लांट हो पाता है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि कुमाऊं मंडल में आई बैंक की स्थापना हो जाने से यहां के मरीजों को फायदा होगा।


Body:सुशीला तिवारी अस्पताल के नेत्र रोग विभाग प्रभारी जीएस तीतियाल ने बताया कि वर्तमान में कुमाऊं मंडल में कार्निया ट्रांसप्लांट और नेत्र दान के लिए कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। नेत्रदान के दौरान कुछ निजी संस्थाओं के साथ मिलकर नेत्रदान की प्रक्रिया की जाती है जिसके बाद उक्त नेत्र को फ्रीज कर उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद भेजा जाता है। उन्होंने बताया कि सुशीला तिवारी अस्पताल में आई बैंक की स्थापना होने जा रही है जिसके लिए केंद्र सरकार से बजट भी मिल चुका है और व्यवस्था ठीक कर ली गई है। आई बैंक का स्थापना हो जाने के बाद यहां कार्निया ट्रांसप्लांट के साथ-साथ नेत्रदान की भी सुविधा होगी जिससे कि उत्तराखंड के मरीजों को लाभ मिल सकेगा।


Conclusion:गौरतलब है कि भारत नेत्रहीनों का तीसरा सबसे बड़ा देश है। कार्निया दृष्टिहीनता लगातार बढ़ रही है वर्तमान में देश में करीब 60 लाख से अधिक कार्निया दृष्टिहीनता रोग से मरीज पीड़ित है।
बताया जाता है कि मृत्यु के 6 घंटे से पहले नेत्रदान या कार्निया ट्रांसप्लांट किया जा सकता है।

बाइट -जीएस तीतियाल प्रभारी नेत्र रोग विभाग सुशीला तिवारी अस्पताल
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