हल्द्वानी: शहर की सड़कों में खनन कारोबारियों को अर्धनग्न होकर प्रदर्शन करना और सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में धरने पर बैठना भारी पड़ गया है. पूरे मामले में सिटी मजिस्ट्रेट हल्द्वानी ऋचा सिंह ने खनन कारोबारियों को एसडीएम कोर्ट परिसर में अराजकता पैदा करना का दोषी मानते हुए कारोबारियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई के लिए अपर पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए हैं. सिटी मजिस्ट्रेट के निर्देश के बाद पूरे मामले की जांच पुलिस कर रही है.
सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह का कहना है कि 18 दिसंबर 2023 को गौला खनन संघर्ष समिति द्वारा बिना किसी पूर्व अनुमति और बिना किसी पूर्व सूचना के अपनी मांगों के संबंध में एक आंदोलन रैली निकालते हुए एसडीम कोर्ट परिसर में धरना प्रदर्शन कर अराजकता का माहौल पैदा किया. उन्होंने कहा कि रैली में राजेंद्र बिष्ट और रमेश जोशी नाम के व्यक्ति के साथ करीब 70 से 80 लोग एसडीएम कोर्ट परिसर में पहुंचकर बिना अनुमति के धरना दिया. जिससे एसडीएम कोर्ट में आने वाले फरियादियों को काफी परेशानी उठानी पड़ी. यहां तक की बिना अनुमति के उनके द्वारा सड़कों पर भी प्रदर्शन भी किया गया.
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मजिस्ट्रेट ने कहा कि इसके अलावा एसडीम कोर्ट परिसर में मुख्यमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक नारेबाजी भी की गई. जबकि धरना प्रदर्शन किए जाने हेतु पूर्व से ही बुद्ध पार्क हल्द्वानी चयनित किया गया है. सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा ने बताया कि बिना अनुमति के बुद्ध पार्क से एसडीएम कोर्ट परिसर तक रैली निकाले जाने, परिसर में धरना प्रदर्शन किए जाने एवं मुख्यमंत्री के विरुद्ध आपत्तिजनक नारेबाजी किये जाने के संबंध में जांच करने के उपरान्त विधिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
इस पूरे मामले में पुलिस क्षेत्राधिकारी हल्द्वानी का कहना है कि सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा प्रार्थना पत्र पुलिस को प्राप्त हुआ है. पूरे मामले में पुलिस जांच कर रही है. जांच के उपरांत जो भी लोग दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा.
ये है मामलाः 18 दिसंबर को हल्द्वानी के खनन कारोबारियों ने अर्धनग्न होकर सड़कों पर उतरते हुए प्रदर्शन किया. उन्होंने सरकार की नई खनन नीति के विरोध में प्रदर्शन किया और रैली के शक्ल में एसडीएम कोर्ट पहुंचकर एसडीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा. खनन कारोबारी खनन रॉयल्टी और वाहनों का फिटनेस निजी हाथों ने देने का विरोध कर रहे हैं.