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रामनगर: जिप्सी कारोबारियों का अनिश्चितकालीन धरना, बुकिंग प्रणाली खत्म किए जाने की मांग

कोर्बेट में रोटेशन प्रक्रिया को पूरी तरीके से लागू किये जाने को लेकर एक पक्ष के दर्जनों जिप्सी कारोबारियों अनिश्चित कालीन धरना 4 दिन से भी जारी है. उनका कहना है कि जब तक रोटेशन प्रक्रिया लागू नहीं हो जाती तब तक उनका धरना जारी रहेगा.

demand to implement rotation process
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Published : Oct 12, 2021, 10:30 AM IST

Updated : Oct 12, 2021, 11:41 AM IST

रामनगर: विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में रोटेशन प्रक्रिया को पूरी तरह लागू करने और बुकिंग प्रणाली बंद करने की मांग कर रहे हैं. इसके विरोध में दर्जनों जिप्सी मालिक और जिप्सी चालकों का एक पक्ष का अनिश्चितकालीन धरना 4 दिन से जारी है. इनका कहना है कि तबतक रोटेशन प्रक्रिया पूरी तरह लागू नहीं हो जाती और बुकिंग प्राणाली बंद नहीं हो जाती तब तक उनका धरना जारी रहेगा.

बता दें, बीते हफ्ते कोर्बेट प्रशासन से समझौते के बाद एक पक्ष ने अपना धरना खत्म कर दिया था, बीते चार दिनों से रोटेशन प्रक्रिया को लागू करने के समर्थन जिप्सी ऑनर भी कॉर्बेट के आरक्षण केंद्र के बाहर धरने पर बैठे हैं. उन्होंने कॉर्बेट रिजर्व के आरक्षण केंद्र के बाहर धरना दे दिया है. जिप्सी मालिकों का कहना है कि कोर्बेट प्रशासन दिल्ली में बैठे ट्रैवल एजेंटों और रिसोर्ट मालिकों को मोटा मुनाफा पहुंचाने के लिए शत प्रतिशत रोटेशन प्रक्रिया को लागू नहीं कर रहा है.

जिप्सी कारोबारियों का अनिश्चितकालीन धरना.

बुकिंग प्रणाली में खामी: जिप्सी कारोबारियों का कहना है कि रोटेशन से ही जिप्सियों का नंबर आना चाहिए. इनका आरोप है कि प्रशासन ने दूसरे पक्षों के दबाव में इसको बदल दिया है. उन्होंने कोर्बेट प्रशासन पर आरोप लगाया कि रोटेशन प्रणाली में किसी भी जिप्सी को बुक करने का ऑप्शन दिया गया है, जिसमें वह एक महीने में 38 बार ही बुक कर सकते हैं, जबकि रोटेशन प्रक्रिया के अनुसार पंजीकृत प्रत्येक जिप्सियों को बारी-बारी से बुक किया जाना होता है. उन्होंने रोटेशन प्रक्रिया को बेहतर करने की मांग की, ताकि सभी जिप्सी चालकों को रोजगार मिल सके.

जिप्सी चालक सुभाष का आरोप है कि समझौते में उनके साथ नाइंसाफी हुई है. रोटेशन प्रक्रिया पूर्ण तरीके से लागू होने चाहिए. रोटेशन में हर किसी का नंबर आना तय है. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती तब तक वह धरने पर बैठे रहेंगे.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार का कहना है कि कॉर्बेट में रोटेशन पद्धति जिसके माध्यम से जिप्सी आवंटन पारदर्शी रूप में हो सकेगा. यह प्रक्रिया लागू की जा रही है. इसके संबंध में कुछ भ्रांतियां हैं, जिनको जिप्सी कारोबारियों से वार्ता करके दूर किया जा रहा है.

पढ़ें- उपनल कर्मियों के मानदेय पर निर्णय, आज मंत्रिमंडलीय उपसमिति की रिपोर्ट पर होगी चर्चा

क्या है रोटेशन प्रणाली: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में कॉर्बेट के अलग-अलग जोनों में जाने वाली 360 रजिस्टर्ड जिप्सियां हैं, जो पर्यटकों को कॉर्बेट पार्क में भ्रमण पर ले कर जाती हैं. रोटेशन प्रणाली के तहत इन सभी जिप्सियों का नंबर आना होता है. साथ ही इस प्रणाली में सभी का नंबर आना तय होता है.

रामनगर: विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में रोटेशन प्रक्रिया को पूरी तरह लागू करने और बुकिंग प्रणाली बंद करने की मांग कर रहे हैं. इसके विरोध में दर्जनों जिप्सी मालिक और जिप्सी चालकों का एक पक्ष का अनिश्चितकालीन धरना 4 दिन से जारी है. इनका कहना है कि तबतक रोटेशन प्रक्रिया पूरी तरह लागू नहीं हो जाती और बुकिंग प्राणाली बंद नहीं हो जाती तब तक उनका धरना जारी रहेगा.

बता दें, बीते हफ्ते कोर्बेट प्रशासन से समझौते के बाद एक पक्ष ने अपना धरना खत्म कर दिया था, बीते चार दिनों से रोटेशन प्रक्रिया को लागू करने के समर्थन जिप्सी ऑनर भी कॉर्बेट के आरक्षण केंद्र के बाहर धरने पर बैठे हैं. उन्होंने कॉर्बेट रिजर्व के आरक्षण केंद्र के बाहर धरना दे दिया है. जिप्सी मालिकों का कहना है कि कोर्बेट प्रशासन दिल्ली में बैठे ट्रैवल एजेंटों और रिसोर्ट मालिकों को मोटा मुनाफा पहुंचाने के लिए शत प्रतिशत रोटेशन प्रक्रिया को लागू नहीं कर रहा है.

जिप्सी कारोबारियों का अनिश्चितकालीन धरना.

बुकिंग प्रणाली में खामी: जिप्सी कारोबारियों का कहना है कि रोटेशन से ही जिप्सियों का नंबर आना चाहिए. इनका आरोप है कि प्रशासन ने दूसरे पक्षों के दबाव में इसको बदल दिया है. उन्होंने कोर्बेट प्रशासन पर आरोप लगाया कि रोटेशन प्रणाली में किसी भी जिप्सी को बुक करने का ऑप्शन दिया गया है, जिसमें वह एक महीने में 38 बार ही बुक कर सकते हैं, जबकि रोटेशन प्रक्रिया के अनुसार पंजीकृत प्रत्येक जिप्सियों को बारी-बारी से बुक किया जाना होता है. उन्होंने रोटेशन प्रक्रिया को बेहतर करने की मांग की, ताकि सभी जिप्सी चालकों को रोजगार मिल सके.

जिप्सी चालक सुभाष का आरोप है कि समझौते में उनके साथ नाइंसाफी हुई है. रोटेशन प्रक्रिया पूर्ण तरीके से लागू होने चाहिए. रोटेशन में हर किसी का नंबर आना तय है. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती तब तक वह धरने पर बैठे रहेंगे.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार का कहना है कि कॉर्बेट में रोटेशन पद्धति जिसके माध्यम से जिप्सी आवंटन पारदर्शी रूप में हो सकेगा. यह प्रक्रिया लागू की जा रही है. इसके संबंध में कुछ भ्रांतियां हैं, जिनको जिप्सी कारोबारियों से वार्ता करके दूर किया जा रहा है.

पढ़ें- उपनल कर्मियों के मानदेय पर निर्णय, आज मंत्रिमंडलीय उपसमिति की रिपोर्ट पर होगी चर्चा

क्या है रोटेशन प्रणाली: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में कॉर्बेट के अलग-अलग जोनों में जाने वाली 360 रजिस्टर्ड जिप्सियां हैं, जो पर्यटकों को कॉर्बेट पार्क में भ्रमण पर ले कर जाती हैं. रोटेशन प्रणाली के तहत इन सभी जिप्सियों का नंबर आना होता है. साथ ही इस प्रणाली में सभी का नंबर आना तय होता है.

Last Updated : Oct 12, 2021, 11:41 AM IST
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