रामनगरः कॉर्बेट नेशनल पार्क के पर्यटन जोनों में की गई शुल्क वृद्धि के खिलाफ पर्यटन कारोबारियों ने मोर्चा खोल दिया है. मामले को लेकर पर्यटन कारोबारियों ने नारेबाजी कर शुल्क में बढ़ोत्तरी का विरोध किया. साथ ही शुल्क वृद्धि के निर्णय को वापस लेने की मांग की. इतना ही नहीं उन्होंने मांग पूरी न होने पर 15 नवंबर को खुलने जा रहे ढिकाला जोन को बंद करने चेतावनी भी दी.
बता दें कि उत्तराखंड सरकार और कॉर्बेट पार्क प्रशासन ने इस साल शुरू होने वाले पर्यटन सीजन में शुल्क वृद्धि करने का फैसला लिया है. सरकार और पार्क प्रशासन के फैसले के खिलाफ पर्यटन कारोबारियों का रोष बढ़ने लगा है. जिसके तहत बुधवार को कॉर्बेट जिप्सी वेलफेयर एसोसिएशन, होटल एसोसिएशन और गाइड एसोसिएशन की संयुक्त बैठक हुई. जिसमें शुल्क वृद्धि का पुरजोर विरोध किया गया. साथ ही ऐलान किया है कि यदि शुल्क वृद्धि को वापस नहीं लिया जाता है तो 15 नवंबर से सभी कारोबारी पर्यटन गतिविधियों का बहिष्कार करेंगे.
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वहीं, कॉर्बेट पार्क का सबसे चर्चित जोन ढिकाला पर्यटन 15 नवंबर को पर्यटकों के भ्रमण के लिए खोला जाएगा. उसी दिन से रात्रि विश्राम सुविधा भी शुरू हो जाएगी. गौर हो कि सरकार और पार्क प्रशासन ने नाइट स्टे व डे सफारी के शुल्क वृद्धि की है. जिप्सी एसोसिएशन के गिरीश धस्माना ने बताया कि शुल्क वृद्धि वापस करने को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों को कई बार पत्राचार किया जा चुका है, लेकिन उनकी मांग को अनसुना किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि शुल्क वृद्धि को लेकर जहां एक ओर पर्यटन पर इसका असर पड़ेगा तो वहीं पर्यटकों की संख्या पर भी प्रभाव डालेगा. उनका कहना है कि अगर 14 नवंबर तक उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो 15 नवंबर को खुलने वाले ढिकाला जोन का विरोध किया जाएगा. उसमें पर्यटन गतिविधियां बंद करवाई जाएगी. वहीं, उत्तराखंड वाइल्ड लाइफ बोर्ड के सदस्य मयंक तिवारी ने भी इस मामले में वार्ता कर समस्या के समाधान का आश्वासन दिया है.