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रामनगर: हरे पेड़ों पर आरी चलाकर बनाई जा रही कॉलोनी, जांच में जुटा वन विभाग

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Published : Mar 18, 2020, 10:57 AM IST

Updated : Mar 18, 2020, 3:22 PM IST

नैनीताल जिले के रामनगर क्षेत्र में 26 गांवों को फलपट्टी घोषित किया गया है. वहीं क्षेत्र में हरे पेड़ों को काटकर कॉलोनी विकसित की जा रही है.

ramnagar
काटे जा रहे हरे पेड़

रामनगर: जनपद के रामनगर क्षेत्र में हरे पेड़ों पर धड़ल्ले से आरी चलाई जा रही है. लोगों का कहना है कि पेड़ों को काटकर कॉलोनी बनाई जा रही है और वन विभाग तराई पश्चिमी के अनुमति देने के बाद हरे पेड़ काटे जा रहे हैं. वहीं प्रभागीय वन अधिकारी हिमांशु बागड़ी ने कहा कि मामले की जांच कर संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी.

काटे जा रहे हरे पेड़

क्षेत्र में हरे पेड़ों को काटकर कॉलोनी विकसित की जा रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि शिकायत के बाद वन विभाग हरकत में आया है. वहीं नैनीताल जिले के रामनगर क्षेत्र में 26 गांवों को फलपट्टी घोषित किया गया है. इस फलपट्टी में आम और लीची की खेती बहुतायत में होती है, जिसकी डिमांड विदेशों तक रहती है.

ये भी पढ़ें- 'आसमानी आफत' से किसानों की कमर टूटी, फलों पर पड़ा बुरा असर

वहीं इस मामले में तराई पश्चिमी वन प्रभाग के प्रभागीय वन अधिकारी हिमांशु बागड़ी ने कहा कि संबंधित वन क्षेत्र अधिकारी की टीम के माध्यम से जांच करवाने के बाद ही परमिशन दी जाती है. उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच की जाएगी. अगर कोई कर्मचारी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

रामनगर: जनपद के रामनगर क्षेत्र में हरे पेड़ों पर धड़ल्ले से आरी चलाई जा रही है. लोगों का कहना है कि पेड़ों को काटकर कॉलोनी बनाई जा रही है और वन विभाग तराई पश्चिमी के अनुमति देने के बाद हरे पेड़ काटे जा रहे हैं. वहीं प्रभागीय वन अधिकारी हिमांशु बागड़ी ने कहा कि मामले की जांच कर संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी.

काटे जा रहे हरे पेड़

क्षेत्र में हरे पेड़ों को काटकर कॉलोनी विकसित की जा रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि शिकायत के बाद वन विभाग हरकत में आया है. वहीं नैनीताल जिले के रामनगर क्षेत्र में 26 गांवों को फलपट्टी घोषित किया गया है. इस फलपट्टी में आम और लीची की खेती बहुतायत में होती है, जिसकी डिमांड विदेशों तक रहती है.

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वहीं इस मामले में तराई पश्चिमी वन प्रभाग के प्रभागीय वन अधिकारी हिमांशु बागड़ी ने कहा कि संबंधित वन क्षेत्र अधिकारी की टीम के माध्यम से जांच करवाने के बाद ही परमिशन दी जाती है. उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच की जाएगी. अगर कोई कर्मचारी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Mar 18, 2020, 3:22 PM IST
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