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उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों में रिवर्स पलायन की बनेगी योजना: राज्यपाल गुरमीत सिंह

नैनीताल राजभवन पहुंचे राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों में रिवर्स पलायन की योजना बनेगी. इसके अलावा प्रदेश के युवाओं, महिलाओं तथा सैनिकों के हित में नई योजनाएं तैयार की जाएगी.

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नैनीताल
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Published : Dec 17, 2021, 6:04 PM IST

नैनीतालः राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह (Governor Lt Gen Gurmit Singh retd) शुक्रवार को कुमाऊं दौरे पर रहे. नैनीताल पहुंचे राज्यपाल ने राजभवन में अधिकारियों से मुलाकात की. राज्यपाल ने कहा कि सुविधाओं के अभाव में वीरान हो चुके सीमांत क्षेत्रों के गांवों में एक बार फिर रिवर्स पलायन की योजना बनाई जाएगी. सुविधाएं बेहतर कर गांव छोड़ चुके लोगों को वापस बुलाया जाएगा.

शुक्रवार को नैनीताल पहुंचे राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के प्रत्येक पर्यटन स्थल को और विकसित किया जाएगा. साथ ही युवाओं, महिलाओं तथा सैनिकों के हित में नई योजनाएं तैयार की जाएगी. नैनीताल राजभवन में राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा, कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्होंने भारतीय सेना में एक सैनिक के रूप में सेवाएं दी. इसके बाद राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री की ओर से उन्हें ऐसे प्रदेश में जिम्मेदारी दी गई, जहां हर घर से सैनिक है.

उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों में रिवर्स पलायन की बनेगी योजना.

राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि यदि देश के मुताबिक बात की जाए तो उत्तराखंड की जनसंख्या महज एक प्रतिशत होगी. जबकि सैनिकों के मुताबिक बात की जाए तो देशभर में उत्तराखंड का प्रतिशत 17.5 फीसदी है. इससे साफ जाहिर है कि उत्तराखंड एक सैनिक बाहुल्य प्रदेश है. राज्यपाल ने कहा, कि प्रदेश की महिलाएं स्वयं में सक्षम है. उन्होंने विश्वास जताया, कि पहाड़ की महिलाएं जरूर एक दिन क्रांति लाएंगी. यहां महिलाओं की ओर से बनाए गए स्वयं सहायता समूहों का कार्य बेहद सराहनीय है. इस संबंध में उन्होंने बीते दिनों दिल्ली में एमएसएमई के मंत्री से वार्ता कर मदद किए जाने की भी मांग की है.

ये भी पढ़ेंः पिथौरागढ़ में पलायन को लेकर राज्यपाल ने जताई चिंता, कहा- स्थानीय उत्पादों को दिलाएंगे वर्ल्ड मार्केट

उन्होंने कहा कि वह 8 साल चाइना बॉर्डर व 10 साल कश्मीर समेत देश के अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में सेवाएं दे चुके हैं. अब उत्तराखंड में उन्हें संवैधानिक पद मिलने के बाद वह हर उस समस्या का समाधान करेंगे, जिससे लोग जूझते हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. प्रदेश का औली स्विट्जरलैंड से कम नहीं है. उसे इस तरह की पहचान दिलाने की दरकार है. इसके अलावा प्रदेश के 9 जिलों में सीमांत क्षेत्रों पर फोकस रहेगा. जहां रोजगार, जन सुविधाएं, कनेक्टिविटी, ऑर्गेनिक खेती समेत अन्य सुविधाएं दुरुस्त की जाएगी. जिससे पलायन को पूर्ण रूप से रोका जा सके. यह सुरक्षा के लिहाज से भी बेहतर निर्णय है.

नैनीतालः राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह (Governor Lt Gen Gurmit Singh retd) शुक्रवार को कुमाऊं दौरे पर रहे. नैनीताल पहुंचे राज्यपाल ने राजभवन में अधिकारियों से मुलाकात की. राज्यपाल ने कहा कि सुविधाओं के अभाव में वीरान हो चुके सीमांत क्षेत्रों के गांवों में एक बार फिर रिवर्स पलायन की योजना बनाई जाएगी. सुविधाएं बेहतर कर गांव छोड़ चुके लोगों को वापस बुलाया जाएगा.

शुक्रवार को नैनीताल पहुंचे राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के प्रत्येक पर्यटन स्थल को और विकसित किया जाएगा. साथ ही युवाओं, महिलाओं तथा सैनिकों के हित में नई योजनाएं तैयार की जाएगी. नैनीताल राजभवन में राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा, कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्होंने भारतीय सेना में एक सैनिक के रूप में सेवाएं दी. इसके बाद राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री की ओर से उन्हें ऐसे प्रदेश में जिम्मेदारी दी गई, जहां हर घर से सैनिक है.

उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों में रिवर्स पलायन की बनेगी योजना.

राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि यदि देश के मुताबिक बात की जाए तो उत्तराखंड की जनसंख्या महज एक प्रतिशत होगी. जबकि सैनिकों के मुताबिक बात की जाए तो देशभर में उत्तराखंड का प्रतिशत 17.5 फीसदी है. इससे साफ जाहिर है कि उत्तराखंड एक सैनिक बाहुल्य प्रदेश है. राज्यपाल ने कहा, कि प्रदेश की महिलाएं स्वयं में सक्षम है. उन्होंने विश्वास जताया, कि पहाड़ की महिलाएं जरूर एक दिन क्रांति लाएंगी. यहां महिलाओं की ओर से बनाए गए स्वयं सहायता समूहों का कार्य बेहद सराहनीय है. इस संबंध में उन्होंने बीते दिनों दिल्ली में एमएसएमई के मंत्री से वार्ता कर मदद किए जाने की भी मांग की है.

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उन्होंने कहा कि वह 8 साल चाइना बॉर्डर व 10 साल कश्मीर समेत देश के अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में सेवाएं दे चुके हैं. अब उत्तराखंड में उन्हें संवैधानिक पद मिलने के बाद वह हर उस समस्या का समाधान करेंगे, जिससे लोग जूझते हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. प्रदेश का औली स्विट्जरलैंड से कम नहीं है. उसे इस तरह की पहचान दिलाने की दरकार है. इसके अलावा प्रदेश के 9 जिलों में सीमांत क्षेत्रों पर फोकस रहेगा. जहां रोजगार, जन सुविधाएं, कनेक्टिविटी, ऑर्गेनिक खेती समेत अन्य सुविधाएं दुरुस्त की जाएगी. जिससे पलायन को पूर्ण रूप से रोका जा सके. यह सुरक्षा के लिहाज से भी बेहतर निर्णय है.

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