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सरकारी भूमि पर कब्जा हुआ तो नपेंगे अधिकारी, एक सप्ताह में घोषित होगी नई नीति - encroachment on government land

उत्तराखंड में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण का मामले बीते कई दिनों से गरमाया हुआ है. जिसको लेकर अब शासन स्तर पर ठोस कार्रवाई की जा रही है. वहीं उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने कहा कि एक सप्ताह में नई नीति घोषित की जाएगी. साथ ही अधिकारियों की क्षेत्र में जिम्मेदारी तय की जाएगी, लापरवाही पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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Published : May 13, 2023, 9:35 AM IST

Updated : May 13, 2023, 11:20 AM IST

सरकारी भूमि पर कब्जा हुआ तो नपेंगे अधिकारी

नैनीताल: उत्तराखंड में सरकारी भूमि पर तेजी से हो रहे अतिक्रमण को लेकर अब राज्य सरकार गंभीर हो गई है. सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने व कब्जा ना हो इस को लेकर राज्य सरकार एक सप्ताह में नई नीति घोषित करेगी.साथ ही सरकारी भूमि पर अतिक्रमण रोकने के लिए क्षेत्रीय अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी. इसके बावजूद भी जमीन पर कब्जा होता है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

नैनीताल पहुंचने पर मुख्य सचिव ने जिले के तमाम अधिकारियों के साथ विकास कार्यों को लेकर समीक्षा बैठक की. इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि हल्द्वानी के विकास को लेकर राज्य सरकार दो हजार दो सौ करोड़ की लागत जल्द विकास कार्य शुरू कराएगी.
पढ़ें-हल्द्वानी में वन विभाग अपनी जमीन से खाली करा रहा अतिक्रमण, दो धार्मिक स्थलों को भेजा नोटिस

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के पर्वतीय काश्तकारों की आर्थिकी मजबूत करने के लिए लेकर राज्य सरकार 300 करोड़ की लागत से पॉलीहाउस योजना शुरू की है. जिसके काश्तकार विषम भौगोलिक परिस्थितियों में भी खेती कर सके. कहा कि पॉलीहाउस योजना से राज्य सरकार आने वाले समय में एक लाख युवाओं को रोजगार देगी.

मुख्य सचिव ने आगे कहा कि हल्द्वानी के रानी बाग क्षेत्र में बनने वाले जमरानी बांध परियोजना का कार्य भी अब अंतिम चरण में है. जल्द ही जमरानी बांध का कार्य शुरू कर दिया जाएगा. बांध निर्माण को लेकर सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई है, वित्तीय स्वीकृति मिल गई है. बजट जारी होते ही बांध निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा. जिसके बाद आने वाले समय में हल्द्वानी समेत आस-पास के इलाकों के लोगों को पेयजल की आपूर्ति की जाएगी.
पढ़ें-उत्तराखंड में चौंका रहा जंगलों में अवैध निर्माण का खेल, अब तक ढहाए गए 230 धार्मिक स्थल

कहा कि सरकारी भूमि पर हो रहे अवैध अतिक्रमण को नियंत्रित करने व सरकारी भूमि पर कब्जा को खाली कराने के लिए राज्य सरकार नई नीति बना रही है. एक सप्ताह के भीतर नई नीति लागू कर दी जाएगी. सैटेलाइट के माध्यम से सरकारी जमीनों पर नजर रखी जाएगी. सरकारी भूमि पर अतिक्रमण ना हो इसके लिए क्षेत्रीय अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी. इसके बावजूद भी अगर सरकारी भूमि पर कब्जा हुआ तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी.

सरकारी भूमि पर कब्जा हुआ तो नपेंगे अधिकारी

नैनीताल: उत्तराखंड में सरकारी भूमि पर तेजी से हो रहे अतिक्रमण को लेकर अब राज्य सरकार गंभीर हो गई है. सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने व कब्जा ना हो इस को लेकर राज्य सरकार एक सप्ताह में नई नीति घोषित करेगी.साथ ही सरकारी भूमि पर अतिक्रमण रोकने के लिए क्षेत्रीय अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी. इसके बावजूद भी जमीन पर कब्जा होता है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

नैनीताल पहुंचने पर मुख्य सचिव ने जिले के तमाम अधिकारियों के साथ विकास कार्यों को लेकर समीक्षा बैठक की. इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि हल्द्वानी के विकास को लेकर राज्य सरकार दो हजार दो सौ करोड़ की लागत जल्द विकास कार्य शुरू कराएगी.
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मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के पर्वतीय काश्तकारों की आर्थिकी मजबूत करने के लिए लेकर राज्य सरकार 300 करोड़ की लागत से पॉलीहाउस योजना शुरू की है. जिसके काश्तकार विषम भौगोलिक परिस्थितियों में भी खेती कर सके. कहा कि पॉलीहाउस योजना से राज्य सरकार आने वाले समय में एक लाख युवाओं को रोजगार देगी.

मुख्य सचिव ने आगे कहा कि हल्द्वानी के रानी बाग क्षेत्र में बनने वाले जमरानी बांध परियोजना का कार्य भी अब अंतिम चरण में है. जल्द ही जमरानी बांध का कार्य शुरू कर दिया जाएगा. बांध निर्माण को लेकर सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई है, वित्तीय स्वीकृति मिल गई है. बजट जारी होते ही बांध निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा. जिसके बाद आने वाले समय में हल्द्वानी समेत आस-पास के इलाकों के लोगों को पेयजल की आपूर्ति की जाएगी.
पढ़ें-उत्तराखंड में चौंका रहा जंगलों में अवैध निर्माण का खेल, अब तक ढहाए गए 230 धार्मिक स्थल

कहा कि सरकारी भूमि पर हो रहे अवैध अतिक्रमण को नियंत्रित करने व सरकारी भूमि पर कब्जा को खाली कराने के लिए राज्य सरकार नई नीति बना रही है. एक सप्ताह के भीतर नई नीति लागू कर दी जाएगी. सैटेलाइट के माध्यम से सरकारी जमीनों पर नजर रखी जाएगी. सरकारी भूमि पर अतिक्रमण ना हो इसके लिए क्षेत्रीय अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी. इसके बावजूद भी अगर सरकारी भूमि पर कब्जा हुआ तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी.

Last Updated : May 13, 2023, 11:20 AM IST
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