हल्द्वानी: खनन से प्रदेश सरकार को सबसे अधिक राजस्व मिलता है. वहीं इस बार खनन कारोबारियों की हड़ताल के चलते कुमाऊं की नदियों से खनन का कार्य चार महीने देरी से शुरू हुआ. जिसके चलते सरकार को भी राजस्व का नुकसान उठाया पड़ा. कुमाऊं मंडल के गौला नदी, नंधौर व शारदा नदी से खनन कार्य शुरू हो गया है. ऐसे में इन नदियों से निकालने वाले उप खनिज के लिए सरकार ने निर्धारित लक्ष्य रखा है.
इस मानसून सीजन में नदियों से 28 लाख 552 घन मीटर उपखनिज निकासी की जाएगी जो पिछले साल की तुलना में इस वर्ष कम है. पिछले वर्ष इन नदियों से 38 लाख घन मीटर उपखनिज की निकासी हुई थी. कुमाऊं मंडल की इन तीन नदियों से खनिज निकासी के लिए सरकार ने 28 लाख 552 घन मीटर का लक्ष्य रखा है. जिसके सापेक्ष में अभी तक इन नदियों से करीब 9 लाख 80 हजार घन मीटर खनिज की निकासी हुई है. जिसके सापेक्ष में सरकार को करीब 35 करोड़ 50 लाख रुपए के राजस्व की प्राप्ति हुई है.
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क्षेत्रीय प्रबंधक वन विकास निगम महेश चंद्र आर्य ने बताया कि सरकार ने नदियों से होने वाली उप खनिज निकासी के लिए लक्ष्य निर्धारित कर दिया है. गौला नदी से 2,174,843 घन मीटर, नंधौर नदी से 443,043 घन मीटर और शारदा नदी से 182,665 घन मीटर खनन निकासी का लक्ष्य रखा गया है. खनन कार्य प्रगति पर है. उन्होंने बताया कि मानसून सीजन 31 मई तक खनन कार्य होना है. सरकार द्वारा दिए गए निर्धारित लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा.