हल्द्वानी: प्रदेश में करीब 3 महीने से खुशियों की सवारी के पहिए ठप हैं. जिससे तीन महीने से खड़े वाहनों में अब धीरे-धीरे जंग लग रहा है. सबसे ज्यादा परेशानी जच्चा- बच्चा मरीजों को उठानी पड़ रही है. अब नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया की बात चल रही है.
दरअसल, प्रदेश में खुशियों की सवारी का संचालन पहले पीपी मोड पर हो रहा था, जिसके बाद सरकार ने इसकी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग के सीएमओ स्तर पर संभालने को दी है. लेकिन 3 महीने बाद स्वास्थ्य विभाग ने भी हाथ खड़े कर दिए. जिससे खुशियों की सवारी के पहिए ठप हैं.
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वहीं नैनीताल जिले में 9 खुशियों की सवारी के वाहन अलग-अलग जगहों के अस्पतालों में मौजूद हैं, जिसमें अधिकतर वाहन या तो खराब हो चुके हैं, जो चलने लायक हैं वे भी जंग खा रहे हैं. विभाग इन वाहनों की सुध लेने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है. जिसका खामियाजा जच्चा- बच्चा को उठाना पड़ रहा है.
वहीं प्रसूता प्राइवेट वाहन से अस्पताल आने- जाने को मजबूर हैं. पूरे प्रदेश में 97 खुशियों की सवारी वाहन हैं. इस पूरे मामले में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और सांसद अजय भट्ट का कहना है कि 108 सेवा को टेंडर प्रक्रिया कर निजी कंपनी को दिया गया है. खुशियों की सवारी के लिए टेंडर प्रक्रिया कार्य चल रही है, जल्द इसका समाधान कर लिया जाएगा.