हल्द्वानी : कुमाऊं की लाइफ लाइन कही जाने वाली गौला नदी में खनन का कारोबार तकरीबन डेढ़ महीने की देरी से शुरू हुआ. लेकिन खनन ढुलान में लगे वाहन स्वामियों के स्टोन क्रशरों का उचित भाड़ा न मिलने से पांच गेटों से जुड़े चार हजार वाहन स्वामी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. ऐसे में खनन कारोबारियों के हड़ताल पर जाने से सरकार के राजस्व का नुकसान हो रहा है. वहीं, खनन कारोबारियों ने कहा है कि जब तक स्टोन क्रशर द्वारा उनके खनन ढुलान के भाड़े में वृद्धि नहीं की जाएगी, तब तक हड़ताल जारी रहेगी.
खनन कारोबारियों का कहना है कि स्टोन क्रशर स्वामियों द्वारा मनमानी की जा रही है और खनन में लगे वाहनों को उचित भाड़ा नहीं दिया जा रहा है. कारोबारियों ने कहा कि डीजल के दामों में लगातार वृद्धि हो रही है. लेकिन आज भी स्टोन क्रशर स्वामियों द्वारा पुराने रेट पर खनन का ढुलान करवाया जा रहा है. वाहन स्वामियों का कहना है कि पिछले साल भी 26 रुपए प्रति कुंतल किराया दिया गया, लेकिन इस बार डीजल के महंगे दामों के बाद भी स्टोन क्रशर स्वामी 26 रुपए कुंतल ही किराया दे रहे हैं.
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खनन कारोबारियों ने कहा कि जब तक स्टोन क्रशर स्वामियों द्वारा 35 रुपए प्रति क्विंटल भाड़ा नहीं दिया जाता. तब तक हड़ताल जारी रहेगी, खनन कारोबारियों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो कल यानि मंगलवार से गौला नदी के सभी 11 गेटों को बंद किया जाएगा.
आठ दिसंबर को किसानों ने किया भारत बंद का ऐलान
देश भर में नए कृषि कानून को लेकर सड़कों पर उतर कर विरोध कर रहे किसानों ने आगामी आठ दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है. पूर्व मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता तिलक राज बेहड़ ने कहा कि देश के अंदर जो किसान संगठनों द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ कृषि कानूनों को वापस लिए जाने को लेकर आठ दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है, वह उसका समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा कि आज हमारे देश की जनता को अन्नदाता के साथ खड़े होने की आवश्यकता है. भारत बंद सफल बनाने के लिए सभी राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक व व्यापारिक संगठनों से आग्रह करते हैं की एकजुट होकर किसानों का समर्थन करें.