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आज ही के दिन धरती पर अवतरित हुईं थी मां गंगा, ये उपाय करने से दूर होंगे सारे दुख - हल्द्वानी समाचार

गंगा दशहरा के दिन कुमाऊं में लोग अपने घरों की देहली के ऊपर गंगा दशहरा की सुंदर तस्वीरें लगाते हैं. पहाड़ी क्षेत्रों में लोग अपने घरों के दरवाजों के दोनों तरफ जौ की फसल के पौधे भी लगाते हैं. जो आने वाली फसल और घर की सुख-शांति और समृद्धि के लिए काफी उपयोगी माना जाता है. साथ ही कहा जाता है कि इस दिन गंगा में डुबकी लगाने और गंगा जी के पानी से नहाने से सारे कष्ट दूर होते हैं.

कल मनाया जाएगा गंगा दशहरा
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Published : Jun 12, 2019, 6:17 AM IST

हल्द्वानीः हिंदुओं के पवित्र त्योहार गंगा दशहरा का पर्व बुधवार को मनाया जाएगा. ये त्योहार जेठ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है. इस दिन दान-पुण्य और स्नान का विशेष महत्व माना जाता है. कुमाऊं क्षेत्र में भी गंगा दशहरा बड़े धूमधाम के साथ मनाई जाती है.

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जेठ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी (गंगा दशहरा) के दिन गंगा धरती पर अवतरित हुईं थीं. इसी दिन राजा भगीरथ गंगा को धरती पर लाए थे. इस दिन लोग नदियों में स्नान कर ध्यान, दान करते हैं और पुण्य कमाते हैं. ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि गंगा दशहरा के दिन मां गंगा और भगवती की आराधना करनी चाहिए. इससे इंसान के मन में सद्भावना, विचारों में स्वच्छता और कष्टों को खत्म करने की शक्ति मिलती है.

ये भी पढ़ेंः नैनीताल में जाम से पर्यटक परेशान, छुट्टी का मजा हो रहा किरकिरा

वहीं, गंगा दशहरा के दिन कुमाऊं में लोग अपने घरों की देहली के ऊपर गंगा दशहरा की सुंदर तस्वीरें लगाते हैं. पहाड़ी क्षेत्रों में लोग अपने घरों के दरवाजों के दोनों तरफ जौ की फसल के पौधे भी लगाते हैं. जो आने वाली फसल और घर की सुख-शांति और समृद्धि के लिए काफी उपयोगी माना जाता है. साथ ही कहा जाता है कि इस दिन गंगा में डुबकी लगाने और गंगा जी के पानी से नहाने से सारे कष्ट दूर होते हैं.

गंगा दशहरा की जानकारी देते ज्योतिषाचार्य.

इस विधि-विधान से मनाएं गंगा दशहरा का त्योहार-

  • गंगा दशहरा दिन सुबह सूर्योदय से पहले जगना चाहिए और पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए.
  • स्नान के दौरान ओम नमः शिवाय नारायणे दशहरा गंगाय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए.
  • मां भगवती की आराधना करते हुए उनके धरती पर अवतरित होने का गुणगान करना चाहिए.
  • स्नान और ध्यान के बाद गंगा दशहरा पर्व के पर दान-पुण्य करना चाहिए.
  • इस दिन शीतलता प्रदान करने वाली वस्तुओं का दान करने का विशेष महत्व माना जाता है.
  • दान में ठंडे फल, पंखा, मटका, सत्तू दान करनी चाहिए.

हल्द्वानीः हिंदुओं के पवित्र त्योहार गंगा दशहरा का पर्व बुधवार को मनाया जाएगा. ये त्योहार जेठ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है. इस दिन दान-पुण्य और स्नान का विशेष महत्व माना जाता है. कुमाऊं क्षेत्र में भी गंगा दशहरा बड़े धूमधाम के साथ मनाई जाती है.

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जेठ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी (गंगा दशहरा) के दिन गंगा धरती पर अवतरित हुईं थीं. इसी दिन राजा भगीरथ गंगा को धरती पर लाए थे. इस दिन लोग नदियों में स्नान कर ध्यान, दान करते हैं और पुण्य कमाते हैं. ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि गंगा दशहरा के दिन मां गंगा और भगवती की आराधना करनी चाहिए. इससे इंसान के मन में सद्भावना, विचारों में स्वच्छता और कष्टों को खत्म करने की शक्ति मिलती है.

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वहीं, गंगा दशहरा के दिन कुमाऊं में लोग अपने घरों की देहली के ऊपर गंगा दशहरा की सुंदर तस्वीरें लगाते हैं. पहाड़ी क्षेत्रों में लोग अपने घरों के दरवाजों के दोनों तरफ जौ की फसल के पौधे भी लगाते हैं. जो आने वाली फसल और घर की सुख-शांति और समृद्धि के लिए काफी उपयोगी माना जाता है. साथ ही कहा जाता है कि इस दिन गंगा में डुबकी लगाने और गंगा जी के पानी से नहाने से सारे कष्ट दूर होते हैं.

गंगा दशहरा की जानकारी देते ज्योतिषाचार्य.

इस विधि-विधान से मनाएं गंगा दशहरा का त्योहार-

  • गंगा दशहरा दिन सुबह सूर्योदय से पहले जगना चाहिए और पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए.
  • स्नान के दौरान ओम नमः शिवाय नारायणे दशहरा गंगाय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए.
  • मां भगवती की आराधना करते हुए उनके धरती पर अवतरित होने का गुणगान करना चाहिए.
  • स्नान और ध्यान के बाद गंगा दशहरा पर्व के पर दान-पुण्य करना चाहिए.
  • इस दिन शीतलता प्रदान करने वाली वस्तुओं का दान करने का विशेष महत्व माना जाता है.
  • दान में ठंडे फल, पंखा, मटका, सत्तू दान करनी चाहिए.
Intro: स्लग- गंगा दशहरा कल जाने क्या है महत्व जाने ज्योतिष की राय रिपोर्टर -भावनाथ पंडित हल्द्वानी एंकर- कल गंगा दशहरा है कुमाऊं क्षेत्र में गंगा दशहरा बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। हर वर्ष जेष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी को गंगा दशहरा मनाया जाता है। इस दिन लोग न सिर्फ पवित्र नदियों में स्नान करते हैं बल्कि इस दिन ध्यान व दान करना भी पुण्य माना जाता है कहा जाता है कि राजा भगीरथ गंगा को धरती पर इसी दिन लाए थे और इस दिन गंगा धरती पर अवतरित हुई थी। इसी विशेष दिवस को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है।


Body: जानकारों के अनुसार गंगा दशहरे के दिन सुबह सूर्योदय से पहले जागना चाहिए और फिर अपने आसपास के पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए ।मां भगवती की आराधना करते हुए उनके धरती पर अवतरित होने का गुणगान भी करना चाहिए ।इससे मनुष्य के मन में सद्भावना विचारों में स्वच्छता और कष्टों को खत्म करने की शक्ति मिलती है ।गंगा दशहरा में स्नान के दौरान ओम नमः शिवाय नारायणे दशहरा गंगाय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए। स्नान और ध्यान के बाद गंगा दशहरा पर्व के अवसर पर दान पुण्य का भी विशेष महत्व माना जाता है। गंगा दशहरा पर शीतलता प्रदान करने वाली वस्तुओं का दान करने का विशेष महत्व बताया गया है इनमें आप ठंडे फल ,पंखा ,मटका ,सत्तू दान कर करने के लिए प्रयोग में कर सकते हैं। बाइट - डॉक्टर नवीन चंद्र जोशी ज्योतिषाचार्य


Conclusion: शास्त्रों में कहा गया है कि भगवान विष्णु के चरणों से निकली और शिव की जटाओं में लिपटी गंगा के जल में डुबकी लगाने से मनुष्य के सारे पाप हरण होते हैं ।गंगा दशहरा के दिन कुमाऊँ में लोग अपने घरों की देरी के ऊपर गंगा दशहरा की सुंदर तस्वीरें चिपकाते हैं और पहाड़ी क्षेत्रों में लोग अपने घरों के दरवाजों के दोनों तरफ जो के पौधे भी लगाते हैं जो कि आने वाली फसल और घर की सुख शांति समृद्धि के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है।
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