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गांधी @150: सरोवर नगरी में बदहाल है गांधी मंदिर, 1929 में बापू ने रखी थी इसकी नींव

नैनीताल-हल्द्वानी मार्ग पर नैनीताल से करीब चार किलोमीटर दूर सड़क से लगा हुआ है ताकुला गांव. इसी गांव में सड़क से करीब 200 मीटर पैदल दूरी पर गांधी मंदिर स्थित है.

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Published : Oct 2, 2019, 9:22 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 11:19 PM IST

गांधी मंदिर नैनीताल

नैनीताल: आजादी के महानायक और दुनियाभर को अहिंसा की ताकत का अहसास कराने वाले बापू का नैनीताल से गहरा नाता है. जिसके बारे में शायद बहुत ही कम लोग जानते हैं. इस मंदिर की स्थापना खुद 1929 में गांधी जी ने की थी. आज ये गांधी मंदिर शासन-प्रशासन और सरकार की उपेक्षा के चलते खंडहर में तब्दील हो चुका है.

आज (2 अक्टूबर) पूरा देश धूमधाम से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा हैं, लेकिन नैनीताल में उनके द्वारा बसाया गया गांधी मंदिर बदहाल स्थिति में है. जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

सरोवर नगरी में बदहाल है गांधी मंदिर.

पढ़ें- गांधी @ 150 : रामोजी ग्रुप के चेयरमैन रामोजी राव ने लॉन्च किया बापू का प्रिय भजन

नैनीताल-हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित छोटी सी घाटी में बना गांधी मंदिर उनके जन्म दिन के मौके रप वीरान पड़ा है. इस मंदिर नींव न सिर्फ गांधी जी ने रखी थी, बल्कि उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन के दौरान उन्होंने यहां काफी वक्त भी बिताया था, लेकिन सरकारी सिस्टम की नाकामी कहे या फिर कुछ इस ऐतिहासिक जगह के बारे में कुछ ही लोग जानते है.

सरकार और सिस्टम ने जिस तरह गांधी मंदिर की उपेक्षा की है उससे स्थानीय लोगों काफी नाराज है. स्थानीय लोगों का मानना है कि इस स्थान को पर्यटन के क्षेत्र से जोड़ा जाना चाहिए, ताकि लोग गांधी जी के व्यक्तित्व और इस ऐतिहासिक स्थान के बारे में जान सकें. स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि सरकार इस गांधी मंदिर को पर्यटक से जोड़ती है तो नैनीताल में एक नया ऐतिहासिक पर्यटन स्थल विकसित हो सकता है. जिससे स्थानीय युवाओं को रोजागार भी मिलेगा.

पढ़ें- ईटीवी भारत की ओर से देश के सर्वश्रेष्ठ गायकों ने बापू को दी संगीतमय श्रद्धांजलि

गांधीजी के नजदीकी रहे नैनीताल के साह परिवार के सदस्य राजीव लोचन साह ने बताया कि उन्होंने तत्कालीन उप प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई से इस ऐतिहासिक धरोहर को संग्रहालय बनाने के साथ-साथ पर्यटन से जोड़ने की मांग की थी. उन्होंने आश्वासन भी दिया था कि जल्द ही इस क्षेत्र में काम किया जा सकेंगे, लेकिन आज तक कोई प्रयास नहीं किए गए. लेकिन सरकार की उदासीनता के चलते आज ये ऐतिहासिक मंदिर विरान और खंडहर हो चुका है. इसे विडंबना नहीं तो और क्या है कि गांधी जयंती के मौके पर भी इस ऐतिहासिक स्थान पर सरकार और प्रशासन का कोई नुमाइंदा नहीं पहुंचा.

नैनीताल: आजादी के महानायक और दुनियाभर को अहिंसा की ताकत का अहसास कराने वाले बापू का नैनीताल से गहरा नाता है. जिसके बारे में शायद बहुत ही कम लोग जानते हैं. इस मंदिर की स्थापना खुद 1929 में गांधी जी ने की थी. आज ये गांधी मंदिर शासन-प्रशासन और सरकार की उपेक्षा के चलते खंडहर में तब्दील हो चुका है.

आज (2 अक्टूबर) पूरा देश धूमधाम से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहा हैं, लेकिन नैनीताल में उनके द्वारा बसाया गया गांधी मंदिर बदहाल स्थिति में है. जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.

सरोवर नगरी में बदहाल है गांधी मंदिर.

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नैनीताल-हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित छोटी सी घाटी में बना गांधी मंदिर उनके जन्म दिन के मौके रप वीरान पड़ा है. इस मंदिर नींव न सिर्फ गांधी जी ने रखी थी, बल्कि उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन के दौरान उन्होंने यहां काफी वक्त भी बिताया था, लेकिन सरकारी सिस्टम की नाकामी कहे या फिर कुछ इस ऐतिहासिक जगह के बारे में कुछ ही लोग जानते है.

सरकार और सिस्टम ने जिस तरह गांधी मंदिर की उपेक्षा की है उससे स्थानीय लोगों काफी नाराज है. स्थानीय लोगों का मानना है कि इस स्थान को पर्यटन के क्षेत्र से जोड़ा जाना चाहिए, ताकि लोग गांधी जी के व्यक्तित्व और इस ऐतिहासिक स्थान के बारे में जान सकें. स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि सरकार इस गांधी मंदिर को पर्यटक से जोड़ती है तो नैनीताल में एक नया ऐतिहासिक पर्यटन स्थल विकसित हो सकता है. जिससे स्थानीय युवाओं को रोजागार भी मिलेगा.

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गांधीजी के नजदीकी रहे नैनीताल के साह परिवार के सदस्य राजीव लोचन साह ने बताया कि उन्होंने तत्कालीन उप प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई से इस ऐतिहासिक धरोहर को संग्रहालय बनाने के साथ-साथ पर्यटन से जोड़ने की मांग की थी. उन्होंने आश्वासन भी दिया था कि जल्द ही इस क्षेत्र में काम किया जा सकेंगे, लेकिन आज तक कोई प्रयास नहीं किए गए. लेकिन सरकार की उदासीनता के चलते आज ये ऐतिहासिक मंदिर विरान और खंडहर हो चुका है. इसे विडंबना नहीं तो और क्या है कि गांधी जयंती के मौके पर भी इस ऐतिहासिक स्थान पर सरकार और प्रशासन का कोई नुमाइंदा नहीं पहुंचा.

Intro:Summry

नैनीताल में आज भी बदहाल है गांधी मंदिर, महात्मा गांधी ने खुद रखी थी इस मंदिर की नींव।

Intro

देश की आजादी का नैनीताल इतिहास से गहरा नाता रहा है, स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महात्मा गांधी 1929 में नैनीताल के दौरे में पहुंचे और उन्होंने नैनीताल के ताकुला गांव में गांधी मंदिर की स्थापना की लेकिन आज यह गांधी मंदिर शासन प्रशासन और सरकार की उपेक्षा के चलते खंडहर में तब्दील हो चुका है।


Body:भले ही आज हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती मना रहे हैं लेकिन आज भी गांधी जी द्वारा बसाया गया गांधी मंदिर बदहाल स्थिति में है जिस की सुध लेने वाला कोई नहीं, नैनीताल हल्द्वानी राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित छोटी सी घाटी के में बना गांधी मंदिर आज उनके जन्मदिन के मौके पर भी वीरान है, नैनीताल के ताकुला में बना गांधी मंदिर देश का ऐसा स्थान है जिसकी नीव रखने के साथ साथ स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलन के दौरान इस मंदिर में रहे भी, इसके बावजूद भी इस ऐतिहासिक जगह की उपेक्षा से स्थानीय लोग मायूस है।

बाईट- गंगा दत्त स्थानीय।




Conclusion:वहीं स्थानीय निवासी इस ऐतिहासिक जगह की उपेक्षा से बेहद नाराज हैं उनका कहना है कि इस स्थान को पर्यटन के क्षेत्र से जोड़ा जाना चाहिए ताकि लोग गांधी जी के व्यक्तित्व और इस ऐतिहासिक स्थान के बारे में जान सकें, साथ ही स्थानीय लोगो का कहना है कि अगर सरकार इस गांधी मंदिर को पर्यटक से जोड़ते है तो नैनीताल में एक नया ऐतिहासिक पर्यटन विकशित होगा साथ ही स्थानीय युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।
वही गांधीजी के नजदीकी रहे नैनीताल के साह परिवार के लोग बताते हैं कि वह तत्कालीन उप प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई से मिले और नैनीताल के इस ऐतिहासिक धरोहर को संग्रहालय बनाने के साथ-साथ पर्यटन से जोड़ने की मांग की और उनको आश्वासन भी मिला कि जल्द ही क्षेत्र के लिए काम किया जाएगा लेकिन आज तक कोई प्रयास नहीं किए गए।

और आज सरकार की उदासीनता के चलते आज ये ऐतिहासिक मंदिर विरान और खंडहर हो चुका है, इसे विडंबना नहीं तो और क्या है कि गांधी जयंती के मौके पर भी इस ऐतिहासिक स्थान सरकार और प्रशासन का कोई नुमाइंदा नहीं पहुंचा।

बाईट- राजीव लोचन साह।

क्लोजिंग पीटीसी।
Last Updated : Oct 2, 2019, 11:19 PM IST
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