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Nainital Farmer Problem: कम बारिश और बर्फबारी से सेब उत्पादन पर पड़ रहा असर, काश्तकार मायूस

इस बार नैनीताल जनपद में पिछले सालों की अपेक्षा कम बारिश और बर्फबारी होने से काश्तकार चिंतित हैं. जिससे काश्तकारों की सेब की पैदावार प्रभावित हो रही है. काश्तकारों का कहना है कि सेब की अच्छी पैदावार के लिए समय से बारिश और बर्फबारी का होना जरूरी है. लेकिन इस बार अभी तक बारिश और बर्फबारी ना होने से काश्तकार मौसम पर टककटी लगाए हुए हैं.

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Published : Feb 3, 2023, 8:51 AM IST

Updated : Feb 3, 2023, 1:28 PM IST

कम बारिश और बर्फबारी से सेब उत्पादन पर पड़ रहा असर

हल्द्वानी: मौसम की मार काश्तकारों को भारी पड़ रही है. जिससे उनके सामने आर्थिकी की समस्या खड़ी हो गई है. जबकि पहाड़ के काश्तकारों की आमदनी का मुख्य साधन बागवानी हैं. लेकिन मौसम के अनुसार पहाड़ों पर बारिश और बर्फबारी नहीं होने से काश्तकारों के सामने अब संकट खड़ा हो गया है. समय से बर्फबारी और बारिश नहीं हुई तो पहाड़ के काश्तकारों की आय प्रभावित हो सकती है. काश्तकार अभी भी अच्छी बारिश और बर्फबारी का इंतजार कर रहे हैं.

बारिश और बर्फबारा ना होने से काश्तकार परेशान: नैनीताल जनपद में बर्फबारी नहीं होने से काश्तकारों के सेब,आड़ू, के अलावा अन्य पहाड़ी फसल बर्बाद होने की चिंता सताने लगी है. बर्फबारी कब हो इसके लिए स्थानीय काश्तकार मौसम विभाग पर टकटकी लगाए हुए हैं. जनपद के मुक्तेश्वर, रामगढ़, धानाचुली सहित कई फल पट्टी क्षेत्र में सेब का उत्पादन भारी मात्रा में होता है. यहां के काश्तकारों की सेब आजीविका चलती है. मौसमी बर्फबारी होने से सेब की पैदावार को इसका लाभ पहुंचता है. लेकिन अब तक क्षेत्र में बर्फबारी नहीं हुई है, ऐसे में यहां के काश्तकार चिंतित नजर आ रहे हैं. काश्तकारों की मानें तो जनवरी और फरवरी महीने में होने वाली बर्फबारी से सेब की पैदावार को लाभ पहुंचता है. लेकिन जनवरी माह बीत जाने के बाद भी ना तो बारिश हो रही है ना बर्फबारी, जिससे पेड़ और फसल सूखने के कगार पर हैं. इस बार बर्फबारी नहीं होने से सेब का उत्पादन पर इसका असर पड़ेगा.
पढ़ें-उत्तराखंड में धान खरीद पर 100% किसानों का हुआ भुगतान, राज्य ने पूरा किया केंद्र का लक्ष्य

काश्तकारों को सता रही भविष्य की चिंता: काश्तकारों की मानें तो सेब की फसल के लिए 15 डिग्री से कम तापमान की आवश्यकता पड़ती है. लेकिन तापमान 20-25 डिग्री से ऊपर पहुंच गया है. जिसके चलते अब सेब के अलावा आड़ू,पुलम,खुमानी, सहित अन्य फसल सूखने के कगार पर हैं. काश्तकारों का कहना है कि पिछले साल भी बर्फबारी कम होने के चलते काश्तकारों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था. लेकिन इस बार अभी तक बर्फबारी और बारिश की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है. काश्तकारों का कहना है कि हालात ऐसे ही रहे तो सरकार को उनके क्षेत्रों को सूखाग्रस्त घोषित करना पड़ सकता है. पहाड़ के काश्तकारों ने फसल को तो लगा दिया है. लेकिन बारिश नहीं होने के चलते फसल जड़ से उखाड़ रहे हैं. वहीं इस पूरे मामले में जिलाधिकारी नैनीताल धीराज सिंह गर्ब्याल का कहना है कि दो-तीन दिनों तक थोड़ा बहुत बारिश हुई थी, जिससे काश्तकारों को थोड़ी राहत मिली है. उम्मीद है कि जल्द बारिश और बर्फबारी हो सकती है.

कम बारिश और बर्फबारी से सेब उत्पादन पर पड़ रहा असर

हल्द्वानी: मौसम की मार काश्तकारों को भारी पड़ रही है. जिससे उनके सामने आर्थिकी की समस्या खड़ी हो गई है. जबकि पहाड़ के काश्तकारों की आमदनी का मुख्य साधन बागवानी हैं. लेकिन मौसम के अनुसार पहाड़ों पर बारिश और बर्फबारी नहीं होने से काश्तकारों के सामने अब संकट खड़ा हो गया है. समय से बर्फबारी और बारिश नहीं हुई तो पहाड़ के काश्तकारों की आय प्रभावित हो सकती है. काश्तकार अभी भी अच्छी बारिश और बर्फबारी का इंतजार कर रहे हैं.

बारिश और बर्फबारा ना होने से काश्तकार परेशान: नैनीताल जनपद में बर्फबारी नहीं होने से काश्तकारों के सेब,आड़ू, के अलावा अन्य पहाड़ी फसल बर्बाद होने की चिंता सताने लगी है. बर्फबारी कब हो इसके लिए स्थानीय काश्तकार मौसम विभाग पर टकटकी लगाए हुए हैं. जनपद के मुक्तेश्वर, रामगढ़, धानाचुली सहित कई फल पट्टी क्षेत्र में सेब का उत्पादन भारी मात्रा में होता है. यहां के काश्तकारों की सेब आजीविका चलती है. मौसमी बर्फबारी होने से सेब की पैदावार को इसका लाभ पहुंचता है. लेकिन अब तक क्षेत्र में बर्फबारी नहीं हुई है, ऐसे में यहां के काश्तकार चिंतित नजर आ रहे हैं. काश्तकारों की मानें तो जनवरी और फरवरी महीने में होने वाली बर्फबारी से सेब की पैदावार को लाभ पहुंचता है. लेकिन जनवरी माह बीत जाने के बाद भी ना तो बारिश हो रही है ना बर्फबारी, जिससे पेड़ और फसल सूखने के कगार पर हैं. इस बार बर्फबारी नहीं होने से सेब का उत्पादन पर इसका असर पड़ेगा.
पढ़ें-उत्तराखंड में धान खरीद पर 100% किसानों का हुआ भुगतान, राज्य ने पूरा किया केंद्र का लक्ष्य

काश्तकारों को सता रही भविष्य की चिंता: काश्तकारों की मानें तो सेब की फसल के लिए 15 डिग्री से कम तापमान की आवश्यकता पड़ती है. लेकिन तापमान 20-25 डिग्री से ऊपर पहुंच गया है. जिसके चलते अब सेब के अलावा आड़ू,पुलम,खुमानी, सहित अन्य फसल सूखने के कगार पर हैं. काश्तकारों का कहना है कि पिछले साल भी बर्फबारी कम होने के चलते काश्तकारों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था. लेकिन इस बार अभी तक बर्फबारी और बारिश की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है. काश्तकारों का कहना है कि हालात ऐसे ही रहे तो सरकार को उनके क्षेत्रों को सूखाग्रस्त घोषित करना पड़ सकता है. पहाड़ के काश्तकारों ने फसल को तो लगा दिया है. लेकिन बारिश नहीं होने के चलते फसल जड़ से उखाड़ रहे हैं. वहीं इस पूरे मामले में जिलाधिकारी नैनीताल धीराज सिंह गर्ब्याल का कहना है कि दो-तीन दिनों तक थोड़ा बहुत बारिश हुई थी, जिससे काश्तकारों को थोड़ी राहत मिली है. उम्मीद है कि जल्द बारिश और बर्फबारी हो सकती है.

Last Updated : Feb 3, 2023, 1:28 PM IST
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